आइए देखें, कर्नाटक और पश्चिमी संगीत के मिश्रण के कुछ चलचित्र

ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि
22-09-2024 09:25 AM
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कर्नाटक और पश्चिमी संगीत के मिश्रण का चलन, 1980 के दशक से ही लोकप्रिय है और इसने संगीत के नए और रोमांचक रूपों के निर्माण में बहुत योगदान दिया है। कर्नाटक संगीत की बात करें, तो इस संगीत का मुख्य  ज़ोर, गायन पर होता है। अधिकांश रचनाएँ, गाने के लिए लिखी जाती हैं और जब उन्हें वाद्ययंत्रों पर बजाया जाता है, तब  उन्हें गायकी (गायन) शैली में प्रस्तुत किया जाता है। कर्नाटक संगीत ने सदियों से भारतीय समाज में एक अभिन्न भूमिका निभाई है। इसका महत्व, सिर्फ़ एक प्रदर्शन कला होने से कहीं बढ़कर है। यह देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ताने-बाने से गहराई से जुड़ा हुआ है। कर्नाटक संगीत के लयबद्ध और मधुर पैटर्न का उपयोग, धार्मिक अनुष्ठानों, सांस्कृतिक समारोहों और त्योहारों में किया जाता  है, जिससे एक पवित्र माहौल बनता है, जो कि लोगों को उनकी आध्यात्मिकता से जोड़ता है। अपने आध्यात्मिक पहलू से परे, कर्नाटक संगीत भारतीय, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने में भी सहायक रहा है। कर्नाटक संगीत रचनाएँ, अक्सर प्राचीन कहानियों, पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाती हैं |   इस प्रकार, यह संगीत शैली, भारतीय सांस्कृतिक विरासत के भंडार के रूप में कार्य करती  है । उदाहरण के लिए, ‘रारा वेणु गोपालबाला’, भगवान कृष्ण के अवतार, वेणुगोपाल का वर्णन करता है, जिसमें लोगों से वेणुगोपाल की शरण में आने के लिए कहा गया है। तो, आज, आइए कर्नाटक और पश्चिमी संगीत के मिश्रण के कुछ चलचित्र देखें। हम पॉप संस्करण में, ‘रारा वेणु गोपालबाला’ के गायन का लाइव प्रदर्शन देखेंगे। इसके अलावा, हम म्यूज़िक5 (Muzic5) नामक बैंड द्वारा प्रस्तुत कर्नाटक रॉक   फ़्यूजन गीत (Carnatic rock fusion), ‘रघु वमशा सुधा’ को  भी देखेंगे। इसके साथ ही हम, इंडोसोल (IndoSoul) के नागुमोमो (Nagumomo) का आनंद लेंगे, जो वायलिन और समकालीन पश्चिमी संगीत वाद्ययंत्रों के संयोजन से बना एक और शास्त्रीय गीत है।


संदर्भ

https://rb.gy/14jnyv

https://tinyurl.com/j6e82xy8

https://tinyurl.com/2tezpvc6

https://tinyurl.com/5xdc3trs

https://tinyurl.com/s6fsy29j      


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