क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?

कोशिका के आधार पर
17-09-2024 09:16 AM
Post Viewership from Post Date to 18- Oct-2024 (31st) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2992 79 3071
क्यों होती  हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
वर्षा ऋतु के आगमन पर चारों ओर हरियाली छा जाती है। हरे-भरे पौधों को देखकर हम सभी का मन ताज़गी और एक नई स्फ़ूर्ति के साथ भर जाता है। पौधों का यह हरा रंग भी अपने आप में कई विविधताएं समाए हुए होता है। कुछ पौधों की पत्तियां गहरे हरे रंग की, तो कुछ की हल्के रंग की होती हैं, तो किसी की पीले, नारंगी अथवा किसी अन्य रंग की। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पौधों की पत्तियों और कभी-कभी एक ही प्रजाति के पौधों के तनों में भी अलग-अलग रंग की यह विविधता क्यों होती है? वास्तव में, यह विविधता उत्परिवर्तन (mutation) के कारण होती है जो क्लोरोफ़िल उत्पादन को प्रभावित करती है या मोज़ेक वायरस जैसे वायरस के कारण होती है। तो आइए, आज इस लेख में, पौधों में विभिन्नता की तीन मुख्य श्रेणियों और इनके कारणों को समझने का प्रयास करते हैं, जिसमें पौधों की संरचना, रंजकता (pigmentation), रोग संबंधी कारण आदि शामिल हैं। इसके साथ ही, कुछ ऐसे लोकप्रिय पौधों के बारे में जानते हैं, जिनकी पत्तियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं।
रंगबिरंगे पौधों की पत्तियों के कई रंगों अथवा आकृतियों के होने के प्रकार के कई कारण होते हैं। सबसे पहला और प्रमुख कारण तो यह है कि पौधा किस प्रकार का है, पत्तियों का रंग और आकार इस पर बहुत अधिक निर्भर करता है। इसके साथ ही, कोशिकीय उत्परिवर्तन के कारण पौधे में विभिन्नता सफ़ेद, पीले या अन्य रंगीन निशानों का रूप ले लेती है। इस प्रकार के उत्परिवर्तन का अर्थ है कि पौधों की कुछ कोशिकाएँ, क्लोरोफ़िल का उत्पादन नहीं करती हैं, जो सामान्य रूप से उनके हरे रंग का कारण होता है। आखिर यह उत्परिवर्तन क्यों होता है? वास्तव में, यह केवल पौधे पर निर्भर करता है।
इस प्रकार के पौधों की तीन मुख्य श्रेणियां होती हैं:
➡ पैटर्न-जीन विविधता: इस प्रकार की विविधता वाले पौधों में पैटर्न, उनके डीएनए में निर्मित होता है, जो इस विशेषता को आगे बढ़ा सकता है | इसलिए उत्पादक इसका उपयोग कर सकते हैं और पैटर्न वाले पौधों का विश्वसनीय रूप से उत्पादन कर सकते हैं।
➡ काइमेरल विविधता: यह विविधता सबसे आम है, जो आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होती है जो एक ही पौधे में दो अलग-अलग आनुवंशिक संरचनाएं बनाती है। इनमें से एक जीन, क्लोरोफ़िल का उत्पादन करने के लिए सक्षम होता है, जबकि दूसरा नहीं, इसलिए एक हरी पत्ती में आप पीले या अन्य किसी रंग के छींटे या अन्य पैटर्न देख सकते हैं।
➡ परावर्तक विविधता: इस तरह की विविधता वाले पौधों में, पत्तियों के भीतर छोटे वायु पॉकेट होते हैं जो प्रकाश को प्रतिबिंबित करते प्रतीत होते हैं।
चूँकि रंग-बिरंगे पौधों की पत्तियों में क्लोरोफ़िल कम होता है, इसलिए उन्हें अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें सीधे सूर्य की रोशनी में रख दिया जाए। पत्तियों के सफ़ेद या रंगीन हिस्से आसानी से धूप से झुलस सकते हैं, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य का प्रकाश सबसे अच्छा विकल्प होता है।

विविधता के कारण:
पौधों की पत्तियों एवं तनों में यह विविधता उत्परिवर्तन के कारण होती है जो क्लोरोफ़िल उत्पादन को प्रभावित करती है या मोज़ेक वायरस जैसे वायरस के कारण होती है। इस विविधता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
➡ सकरता (Chimeral): जो पौधे सकर हैं उनमें एक से अधिक जीनोटाइप वाले ऊतक होते हैं। विभिन्न प्रकार के सकर पौधों में कुछ ऐसे ऊतक होते हैं जो क्लोरोफ़िल का उत्पादन करते हैं और कुछ अन्य ऊतक होते हैं जो क्लोरोफ़िल का उत्पादन नहीं करते हैं। यह विविधता दो प्रकार के पौधों के ऊतकों की उपस्थिति के कारण होती है।
➡ संरचना (Structure): कुछ विविधताएँ, पत्ती की सतह से प्रकाश के परावर्तन के कारण होने वाले दृश्य प्रभावों के कारण होती हैं। ऐसा तब हो सकता है जब हवा की परत बाह्यत्वचा के ठीक नीचे स्थित होती है जिसके परिणामस्वरूप सफ़ेद या चांदी जैसा प्रतिबिंब बनता है। पाइलिया कैडिएरेई (Pilea cadierei) पौधा इसका एक उदाहरण है। एक अन्य प्रकार की परावर्तक विविधता पत्ती के हिस्सों पर बालों के कारण होती है, जिनका रंग पत्ती से भिन्न हो सकता है। कभी-कभी यह विविधता, शिराओं के परिवर्तन के कारण होती है - पत्ती की शिराएं सफ़ेद या पीले रंग की हो जाती हैं। ऐसा शिराओं के ऊपर हरे ऊतक की कमी के कारण होता है।
➡ रंग-संबंधी (Pigmentary): विविधता का एक सामान्य कारण, एंथोसायनिन जैसे अन्य वर्णकों के नीचे हरे वर्णक का छिप जाना है। जब यह वर्णक पूरी पत्ती तक फैल जाता है, तो पत्तियां लाल या बैंगनी रंग की हो जाती हैं।
➡ रोग (Diseases): वायरस संक्रमण के कारण पत्ती की सतह पर पैटर्न दिखाई दे सकते हैं। अक्सर पत्तियों पर पैटर्न संक्रमण की विशेषता होते हैं। उदाहरण के लिए, मोज़ेक वायरस के कारण, पत्ती की सतह पर मोज़ेक-प्रकार का प्रभाव या साइट्रस वेरीगेशन वायरस (Citrus Variegation Virus (CVV)) दिखाई देता है। एक अन्य वायरस, 'होस्टा वायरस एक्स' ( Hosta virus X) से पत्तियों का रंग धब्बेदार हो जाता है।
➡ रक्षात्मक छद्मवेश (Defensive masquerade): कभी-कभी पत्तियों को कीटों के संक्रमण से बचाने के लिए इस तरह के पैटर्न से संक्रमित किया जाता है जिससे कीट पत्तियों से दूर रहें। इससे पत्ती खननकर्ताओं द्वारा पत्ती के परजीवीकरण (parasitism) को कम किया जा सकता है।
पत्तियों की विविधता वाले कुछ लोकप्रिय पौधे:
➡ डॉगवुड झाड़ी (Dogwood Shrub): लाल टहनी वाली डॉगवुड झाड़ी की पत्तियां दो रंग की होती हैं। इस झाड़ी में फूल केवल वसंत ऋतु में आते हैं, लेकिन अन्य मौसमों में यह पौधा, अपनी दो-रंग की पत्तियों से सबका मनमोहन लेता है।
➡ येलो अरचंगेल (Yellow Archangel): येलो अरचंगेल में वास्तव में यह बताना कठिन है कि इसके पीले पत्ते हैं अथवा फूल? यह एक बारहमासी पौधा है जिस पर सदैव पत्तियां रहती हैं। यह पौधा एक समान फैलाव के साथ ऊंचाई में एक से तीन फ़ुट तक ऊंचा होता है। पौधे की पत्तियों पर, दांतेदार किनारे और अनियमित आकार की चांदी के छींटे होती हैं।
➡ येलो लूज़स्ट्राइफ़ (Yellow Loosestrife): येलो लूज़स्ट्राइफ़ का वैज्ञानिक नाम लाइसीमाचिया वुल्गेरिस ' ( Lysimachia vulgaris) है। यह एक और बारहमासी पौधा है जो अपने पत्तों के साथ-साथ फूलों के लिए भी जाना जाता है। वसंत ऋतु के अंत और गर्मियों की शुरुआत में, जब इस पौधे पर पीले फूल खिलते हैं, तो इसके पत्ते सफ़ेद और हरे होते हैं, लेकिन वसंत ऋतु की शुरुआत में इसकी पत्तियां अधिक गुलाबी और हरे रंग की होती हैं।
➡ गार्डन फ़्लॉक्स (Garden Phlox): गार्डन फ़्लॉक्स में दो रंग वाले पत्ते, तथा साथ ही दो रंग वाले फूल भी होते हैं। गार्डन फ़्लॉक्स की पत्तियां, बीच में हरी होती हैं जबकि किनारे सफेद होते हैं, वहीं फूलों का केंद्र गहरा गुलाबी होता है, जो हल्के गुलाबी रंग से घिरा होता है।

 संदर्भ
https://tinyurl.com/39s2kava
https://tinyurl.com/3a3s684k
https://tinyurl.com/rxh3f7x6

चित्र संदर्भ
1. दो रंगों वाली पत्तियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. रंगीन पत्तियों को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
3. सूरज की रौशनी में चमकती पत्तियों को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
4. रेड ओसिएर डॉगवुड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. येलो अरचंगेल की पत्तियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. गार्डन फ़्लॉक्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.