आपदाओं से लेकर आतंक तक, देश की सुरक्षा ढाल, सीआरपीएफ का इतिहास

आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक
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आपदाओं से लेकर आतंक तक, देश की सुरक्षा ढाल, सीआरपीएफ का इतिहास
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force, CRPF) या संक्षेप में सीआरपीएफ भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक संगठन है। यह संगठन गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। सार्वजनिक व्यवस्था के लिए सीआरपीएफ द्वारा उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी एक तदर्थ आरएएफ अकादमी की स्थापना की गई है । सीआरपीएफ चुनाव, नागरिक अशांति और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राज्य पुलिस की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीआरपीएफ के भीतर वेतनमान, रैंक के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। ये वेतनमान पदोन्नति और सेवा के वर्षों के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। सीआरपीएफ के प्राथमिक अधिदेश में आतंकवाद विरोधी जैसी सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना शामिल है। आज के इस शिक्षाप्रद लेख की चर्चा सीआरपीएफ पर ही केंद्रित होगी। आज रिज़र्व पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों को समझा जाएगा। इसके अतिरिक्त हम संक्षेप में सीआरपीएफ के इतिहास पर भी नज़र डालेंगे।
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक संगठन है। यह संगठन आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करता है।
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का इतिहास 1939 से शुरू होता है। इसे मूल रूप से क्राउन प्रतिनिधि पुलिस (Crown Representative Police) के रूप में जाना जाता था। यह भारत के सबसे पुराने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक था। 1936 के मद्रास प्रस्ताव के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा रियासतों में राजनीतिक अशांति और विद्रोह को संबोधित करने के लिए सीआरपीएफ की स्थापना की गई थी। क्राउन प्रतिनिधि पुलिस (Crown Representative Police) का उद्देश्य शाही नीति के हिस्से के रूप में इन राज्यों में क़ानून और व्यवस्था बनाए रखना था।
स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसंबर, 1949 के दिन संसदीय अधिनियम के माध्यम से इस बल का नाम बदलकर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल कर दिया गया। उस समय गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की उभरती ज़रूरतों के अनुकूल सीआरपीएफ के लिए एक बहुमुखी भूमिका की कल्पना की थी। सीआरपीएफ अधिनियम 1955 ने सीआरपीएफ नियमों को रेखांकित किया था, जिसे आधिकारिक तौर पर 25 मार्च, 1955 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया। श्री वी.जी. कनेतकर सीआरपीएफ के पहले महानिदेशक बने। तब से लेकर आज तक इस बल ने भारत में शांति और सुरक्षा को कायम रखने के लिएअथकप्रयासकियेहैं।
सीआरपीएफ वीरता और बलिदान का एक उल्लेखनीय इतिहास समेटे हुए है। इसके कर्मियों ने राष्ट्र के हितों की रक्षा में असाधारण साहस और समर्पण का प्रदर्शन किया है। सीआरपीएफ के कई सदस्यों ने कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान दिया है। इसकी अटूट प्रतिबद्धता भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत मानीजातीहै।
सीआरपीएफ का प्रतीक (logo), जिसमें ढाल, मशाल, जैतून की शाखाएँ, तिरंगा पट्टियाँ और एक स्क्रॉल है, इसके मूल्यों और मिशन का प्रतीक है। यह प्रतीक राष्ट्र की सुरक्षा, शांति को बढ़ावा देने और न्याय तथा सद्भाव को बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीआरपीएफ के जवान आपदा प्रबंधन और मानवीय राहत अभियानों में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। उनके समर्पण और बलिदान ने सीआरपीएफ को अपार सम्मान दिया जाता है आज यह भारत के सुरक्षा तंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक बन गई है।
सीआरपीएफ की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को इसकी भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों के बारे में पता होना चाहिए।
सीआरपीएफ का विस्तृत अवलोकन निम्नवत दिया गया है:
पूर्ण रूप या नाम केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल
स्थापना 27 जुलाई, 1939 को क्राउन के प्रतिनिधि पुलिस के रूप में
यह देश के किस मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है गृह मंत्रालय
प्रथम महानिदेशक श्री वी.जी. कनेटकर
आदर्श वाक्य सेवा और निष्ठा
सैनिक शक्ति 3,00,000+
आयोजित परीक्षाएँ सीआरपीएफ एएसआई, सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल, सीआरपीएफ कांस्टेबल
आधिकारिक वेबसाइट crpf.gov.in
सीआरपीएफ का आदर्श वाक्य है "राष्ट्र प्रथम - मेरा अनुसरण करो"। जबकि इसका मूलमंत्र है "तेजस्वी नवधीतमस्तु" जिसका अर्थ है "हमारे प्रयासों से प्रतिभा उभरे" जो "कठोपनिषद" से लिया गया है।
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ निम्नवत दी गई हैं:
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) भारत के नागरिकों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने में एक अपरिहार्य भूमिका निभाती है। सीआरपीएफ आतंकवाद से निपटने से लेकर संकट के समय में सहायता करने तक कई तरह की ज़िम्मेदारियाँ निभाती है।
इनमें शामिल हैं:
राष्ट्रीय सुरक्षा
: आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में सीआरपीएफ अहम् भूमिका निभाती है। यह उग्रवाद और आतंकवाद का मुक़ाबला करती है और राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
क़ानून और व्यवस्था: नागरिक अशांति, दंगों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान, सीआरपीएफ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह क़ानून और व्यवस्था बनाए रखती है और सार्वजनिक शांति और सद्भाव को बनाए रखती है।
आपदा सहायता: सीआरपीएफ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तेज़ी के साथ प्रतिक्रिया करती है। यह प्रभावित समुदायों के बीच बचाव और राहत अभियान चलाती है।
सीमा सुरक्षा: सीआरपीएफ भारत में सीमा निगरानी और सुरक्षा में मदद करती है। यह सीमाओं पर अवांछित घुसपैठ को रोकती है।
दंगा नियंत्रण और वीआईपी सुरक्षा: सीआरपीएफ दंगा नियंत्रण का प्रबंधन करती है और विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखती है। यह गणमान्य व्यक्तियों, वीआईपी (VIP) और सरकारी अधिकारियों को संभावित खतरों से बचाती है।
योग्यता और प्रशिक्षण: सीआरपीएफ सदस्यों को विभिन्न स्थितियों से निपटने के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण अभियानों में उनकी प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
राष्ट्रीय कल्याण: सीआरपीएफ की उपस्थिति नागरिकों के बीच विश्वास पैदा करती है। यह उन्हें उनके अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन देती है।
सीआरपीएफ कर्मियों को ड्यूटी के दौरान उनके असाधारण साहस और बलिदान के लिए हमारे देश के प्रतिष्ठित 'परमवीर चक्र और अशोक चक्र' सहित कई वीरता पुरस्कार मिले हैं। बल ने अपने संचालन को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीको को अपनाया है, जिसमें ड्रोन, उन्नत संचार प्रणाली और अन्य उपकरण शामिल हैं। सीआरपीएफ शहरी क्षेत्रों से लेकर दूरदराज़ के जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों तक विभिन्न इलाकों में काम करता है, जिसके लिए इसके कर्मियों को अनुकूलनीय और बहुमुखी होने के लिये प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा सीआरपीएफ भारत की सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले, विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले और विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले कर्मी एक साथ देश की सेवा में लीन हैं। सीआरपीएफ बल में बड़ी संख्या में महिला कर्मी भी शामिल हैं जो युद्ध ड्यूटी सहित विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। सीआरपीएफ में शारीरिक फिटनेस और खेलों को बहुत महत्व दिया जाता है और इसके कर्मी अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। सीआरपीएफ अक्सर स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ता है, सद्भावना को बढ़ावा देने और विश्वास बनाने के लिए आउटरीच कार्यक्रम और पहल करता है। प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को सीआरपीएफ, असाधारण बहादुरी प्रदर्शन और कर्तव्य के पथ में महत्वपूर्ण बलिदान के लिये अपने कर्मियों को सम्मानित करने के लिए वीरता दिवस मनाता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2567z45n
https://tinyurl.com/249oyvkb
https://tinyurl.com/24vcfudr

चित्र संदर्भ
1. बच्चों के साथ केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के जवानों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सी आर पी एफ़ महानिदेशक श्री प्रकाश मिश्रा को विदाई परेड के दौरान सलामी देते हुए आर ए एफ़ की टुकड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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