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सर्दियों के मौसम में, मेरठ की भीकुंड आर्द्रभूमि, 10,000 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का स्वागत करती है। मुख्य आगंतुक – बार-हेडेड गीज़ (Bar-headed Geese) के अलावा, यहां आने वाले प्रवासियों में उत्तरी शॉवेलर (Northern Shoveler) तथा एशियाई और यूरोपीय स्पूनबिल्स(Spoonbills) आदि पक्षी शामिल हैं। समय-समय पर, भारतीय डाक विभाग ने, ऐसे विभिन्न पक्षियों को डाक टिकटों पर प्रदर्शित करके, भारत में निर्दिष्ट पक्षियों की विविधता का जश्न मनाया है। तो, इस लेख में, हम पक्षियों वाली भारतीय डाक टिकटों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। आगे, हम ‘इंडिया बर्ड्स ऑफ़ प्रे एरर स्टैम्प’ के बारे में चर्चा करेंगे, जो भारत की सबसे दुर्लभ और मूल्यवान टिकटों में से एक है। इसके अलावा, हम ‘बत्तख स्टैम्प’ व इसकी लोकप्रियता के बारे में भी, विस्तार से जानेंगे। अंत में, हम दुनिया भर की कुछ सबसे प्रसिद्ध पक्षी टिकटों के बारे में पढ़ेंगे।
पहला पक्षी, जो क्रमशः 2 आना और 14 आना मूल्य के भारतीय टिकटों पर दिखाई दिया था, वह एक, डाक वाहक कबूतर था। इस टिकट को 1954 में, भारत में पहले डाक टिकट के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जारी किया गया था। 1966 में, बाल दिवस की पूर्व संध्या पर, फिर से एक कबूतर का चित्रण करते हुए, एक डाक टिकट जारी किया गया, जिसे शांति और सद्भाव के दूत के रूप में दर्शाया गया था।
1967 में, आचार्य नंदल बोस की स्मृति में, एक बाज के व्यंग्य-चित्र वाला डाक टिकट जारी किया गया था। जबकि, 1968 में, पक्षियों को एक विषय के रूप में चित्रित करने के लिए, भारतीय टिकटों का इस्तेमाल किया गया। यह पक्षियों के 4 स्मरणीय टिकटों का एक सेट था। रेड बिल्ड ब्लू मैगपाई(Red Billed Blue magpie), ब्राउन फ्रंटेड वुडपेकर(Brown Fronted woodpecker), वाइट ब्रूड सिमिटर बैबलर(White Brood Simitar babbler) और क्रिमसन सनबर्ड(Crimson sunbird) पक्षी इसमें शामिल थे।
1975 में, डाक विभाग द्वारा स्मरणीय टिकटों की एक दूसरी श्रृंखला जारी की गई थी, जिसमें ब्लैक हेडेड ओरिओल (Black Headed oriole), इंडियन पिट्टा (Indian pitta), वेस्टर्न ट्रैगोपैन (Western tragopan) और मोनाल तीतर को दर्शाया गया था। ट्रैगोपैन को हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी होने के अलावा, आईयूसीएन(IUCN) द्वारा, कमज़ोर प्रजाति का दर्जा प्राप्त है। और, यह भारतीय डाक टिकट पर प्रदर्शित होने वाला पहला लुप्तप्राय पक्षी भी है
1976 में भरतपुर, राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध केवलादेव पक्षी अभयारण्य, पर एक डाक टिकट जारी किया गया था। इसमें पेंटेड स्टॉर्क (Painted stork) पक्षियों को दिखाया गया था। 1980 में, जयपुर में, बस्टर्ड पक्षी पर पहला अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद हुआ था। इस अवसर की याद में, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के एक जोड़े को दर्शाते हुए, एक स्मरणीय डाक टिकट जारी किया गया था। इस डाक टिकट का तत्कालीन सरकार पर भी प्रभाव पड़ा, क्योंकि इस टिकट ने भारत में पाई जाने वाली चार अत्यधिक लुप्तप्राय बस्टर्ड प्रजातियों के संरक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था।
इसी प्रकार, समय-समय पर कुछ अन्य विशेष टिकट भी जारी किए गए थे। इस प्रकार, ये टिकट पक्षियों की सुंदरता की सराहना करते हुए, पक्षी संरक्षण में भी भुमिका निभाने लगे।
इसके अलावा, क्या आप जानते हैं कि, भारत में ‘इंडिया बर्ड्स ऑफ़ प्रे एरर स्टैम्प(India Birds of Prey Error)’ एक आधुनिक और दुर्लभ डाक टिकट है, जो 2 रुपयों के बजाय 1 रुपया प्रदर्शित करता है। दरअसल, इस टिकट का मान 2 रुपए होना चाहिए था। इसके मुद्रण के तुरंत बाद, इस गलती का पता चला, और इस तरह इस टिकट के अधिकांश नमूने नष्ट हो गए। इसके अलावा, इस टिकट पर पक्षी का हिंदी नाम भी गलत लिखा गया था। यह टिकट 1992 में जारी किया गया था। माना जाता है कि, अन्य सभी 1 रुपया मानक नमूने, भारतीय डाकघर द्वारा नष्ट कर दिए गए थे।
आइए, अब एक अन्य विशेष टिकट – बत्तख टिकट के बारे में जानते हैं। अमेरिका में राष्ट्रीय वन्यजीव शरणस्थलों का समर्थन करने हेतु, एक सबसे अच्छा तरीका, हर वर्ष एक ‘प्रवासी पक्षी शिकार और संरक्षण टिकट’ या “बतख टिकट (Duck Stamp)” खरीदना है। यह टिकट शरणस्थलों के लिए, आपके समर्थन की घोषणा करता है। इस टिकट की खरीदारी से प्राप्त धन, सीधे वन्यजीव शरण प्रणाली में जाता है। साथ ही, इसे खरीदने पर आपको पूरे वर्ष, इन शरणस्थलों में मुफ्त प्रवेश मिलता है।
यह टिकट निम्नलिखित कारणों की वजह से लोकप्रिय है।
1.) वन्यजीवों के संरक्षण और गिनती के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक धन: अमेरिका में इस तरह का पहला डाक टिकट, 1934 में जारी किया गया था। तब इसकी लागत 1 डॉलर (वर्तमान डॉलर में लगभग 18 डॉलर) थी, और 2022 तक इसकी 6,35,001 प्रतियां बिकीं है। कानून के अनुसार, इसकी खरीदारी से जुटाई गई धनराशि सीधे आवास अधिग्रहण के लिए जाती है। अब तक, इस टिकट की बिक्री 1 डॉलर बिलियन से अधिक हो गई है, और 6.5 मिलियन एकड़ आर्द्रभूमि और घास के मैदानी आवास की रक्षा करने में मदद मिली है।
2.) सुंदर वन्यजीव कला की 73 साल की परंपरा: प्रवासी पक्षी टिकट, एक सुंदर संग्रहणीय और एक महान कलात्मक परंपरा है। 1949 से, प्रत्येक वर्ष के बत्तख टिकट का डिज़ाइन, एक खुली कला प्रतियोगिता में चुना जाता रहा है।
3.) विविध पक्षियों का संरक्षण: शिकारी जलपक्षी लंबे समय से, इस कार्यक्रम के मुख्य समर्थक रहे हैं। लेकिन, इस धनराशि से कई अन्य पक्षी प्रजातियों को लाभ मिलता है। जिनमें शोरबर्ड(shorebirds), बगुले, रैप्टर(raptors) और सोंगबर्ड(songbirds) शामिल हैं। साथ ही, सरीसृप, उभयचर, मछली, तितलियां, स्थानीय पौधों और अन्य प्रजातियों के संरक्षण में भी, इसकी धनराशि का उपयोग किया जाता है।
इसी प्रकार, विश्व की कुछ सर्वाधिक लोकप्रिय पक्षी टिकटें निम्नलिखित हैं।
1.) उत्तरी बोर्नियो पाम कॉकटू टिकट(Palm Cockatoo stamp): उत्तरी बोर्नियो(Borneo) में ब्रिटिश कंपनी ने, 1883 में अपने स्वयं के टिकट जारी किए, जिसमें ‘कोट ऑफ़ आर्म्स(Coat of arms)’ को शामिल करते हुए एक डिज़ाइन का उपयोग किया गया था। उत्तरी बोर्नियो के टिकटों में, कई जानवरों की प्रजातियों को दर्शाया गया है। इनमें से सबसे विचित्र, पाम कॉकटू वाले टिकट हैं। यह एक गहरे भूरे या काले रंग का पक्षी है, जिसकी बड़ी काली चोंच और लाल गाल पर धब्बे होते हैं।
2.) न्यू गिनी बर्ड ऑफ़ पैराडाइस स्टैम्प(Bird of Paradise stamp): बर्ड ऑफ़ पैराडाइस श्रृंखला, पहली बार अगस्त 1931 में, 1921/1931 की तारीखों के साथ प्रदर्शित हुई थी, जो न्यू गिनी(New Guinea) क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियाई शासनादेश(Australian mandate) की दसवीं वर्षगांठ की याद दिलाती है। जून 1932 में, ये डाक टिकट, बिना तिथियों के फिर से जारी किए गए। दरअसल, इस पक्षी की अधिकांश प्रजातियां पापुआ न्यू गिनी और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती हैं। ये पक्षी अपनी चोंच, पूंछ एवं सिर तक फैले, भव्य लंबे पंखों के लिए जाने जाते हैं। दुर्भाग्य से, ये पक्षी अत्यधिक शिकार के कारण, एक लुप्तप्राय प्रजाति हैं।
3.) न्यूज़ीलैंड कीवी टिकट (Kiwi stamp): 19वीं शताब्दी के अंत में, न्यूज़ीलैंड (New Zealand) के पहले सचित्र टिकट, शानदार परिदृश्य और स्वदेशी पक्षियों को दर्शाते हुए बनाए गए थे। पहली कीवी टिकटें, हरे रंग में 6डी टिकटों पर दिखाई देती हैं। 1900 में, पहली कीवी टिकटों के छपने के बाद, उनका रंग बदलकर गुलाबी-लाल कर दिया गया था। बाद में, इनके डिज़ाइन को भी सरल बनाया गया और 3डी, 6डी और 1एस टिकटों के आकार को कम करके, उन्हें 1डी मान के समान आकार दिया गया।
4.) फ़ॉकलैंड द्वीप समूह के पक्षी सेट टिकट: फ़ॉकलैंड द्वीप समूह(Falkland Islands), अपनी आश्चर्यजनक जैव विविधता और असंख्य पक्षी प्रजातियों के लिए जाना जाता है। 1960 में न्यूनतम तरीके से कार्यान्वित, बर्ड्स सेट(Birds Set) में, सादे व सफ़ेद पृष्ठभूमि पर, पक्षियों के काली रेखा वाले सरल चित्र शामिल हैं। इन टिकटों पर सबसे प्यारा और मान्यता प्राप्त पक्षी – जेंटू पेंगुइन(Gentoo penguin) है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4ttyexyb
https://tinyurl.com/mrx426h4
https://tinyurl.com/5n7dtvp6
https://tinyurl.com/2ukbr5fv
चित्र संदर्भ
1. डाक टिकट पर नीलगिरी कबूतर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. बार-हेडेड गीज़ को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. टिकट के डिज़ाइन पर, प्रतीक के रूप में, दिखाई गई मोर की प्रतिमा को दर्शाता चित्रण (amazon)
4. ब्लैक हेडेड ओरिओल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. असुरक्षित पक्षियों पर आधारित स्टैम्प्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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