बर्नो चेयर: कुर्सियों के इतिहास का एक नायाब हीरा

घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ
31-05-2024 09:35 AM
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बर्नो चेयर: कुर्सियों के इतिहास का एक नायाब हीरा

पहली नज़र में ‘कुर्सियाँ’ भले ही बेहद साधारण सा फर्नीचर प्रतीत होती हैं, लेकिन ऐतिहासिक प्रासंगिकता से लेकर आज तक हमारे रोजमर्रा के जीवन में इनकी भूमिका को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। कुर्सियों के विकास क्रम को बेहतर ढंग से समझने के लिए हम बर्नो चेयर (Brno Chair) नामक कुर्सी का सहारा ले सकते हैं, जिसे 1930 में जर्मन-अमेरिकी वास्तुकार, अकादमिक और इंटीरियर डिज़ाइनर लुडविग मीस वैन डर रोह (Ludwig Mies van der Rohe) द्वारा डिज़ाइन किया गया था और यह आधुनिक फर्नीचर डिज़ाइन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके अलावा आज हम लुडविग मीस वैन डर रोह द्वारा निर्मित और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण एक अन्य कुर्सी ‘बार्सिलोना चेयर (Barcelona Chair)’ के बारे में भी जानेंगे। बर्नो कुर्सी 1930 में बर्नो, चेकोस्लोवाकिया में विला तुगंधात (Villa Tugendhat) नामक एक घर के लिए बनाई गई थी। इसका डिज़ाइन सरल और साधारण है, जो उस घर की न्यूनतम शैली को दर्शाता है, जिसके लिए इसे बनाया गया था। इसकी व्यावहारिकता, सादगी और बारीकियों पर दिये गये ध्यान ने बर्नो कुर्सी को 20वीं सदी के फर्नीचर का एक उत्कृष्ट उदाहरण बना दिया है।
इस कुर्सी का निर्माण डिज़ाइनर लुडविग मीज़ वैन डर रोह और न्यूयॉर्क में द म्यूज़ियम ऑफ़ मॉडर्न आर्ट (The Museum of Modern Art) के अभिलेखागार के साथ साझेदारी में किया गया है।
बर्नो कुर्सी के डिज़ाइनर मीस वैन डर रोह ने अपने पिता के पत्थर चिनाई व्यवसाय से अपना करियर शुरू किया और प्रशिक्षुता के माध्यम से फर्नीचर बनाना सीखा। उन्होंने बर्लिन में अपना कार्यालय खोला और डॉयचर वर्कबंड (Deutscher Werkbund) में शामिल हो गए और बॉहॉस (Bauhaus) नामक डिज़ाइन संस्थान के निदेशक बन गए। 1938 में, वह संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और शिकागो में उन्होंने अपना वास्तुकला कैरियर जारी रखा और अंततः शिकागो में प्रौद्योगिकी संस्थान में वास्तुकला के निदेशक बन गए। बर्नो कुर्सी लुडविग मीज़ वैन डर रोह द्वारा डिज़ाइन किया गया फर्नीचर का एक सुंदर, सरल और कार्यात्मक उदाहरण है। इसे एक आधुनिक क्लासिक माना जाता है, जिसे कई बार कॉपी किया गया है, लेकिन इसका कोई भी प्रतिरूप कभी भी इससे आगे नहीं निकल सका है। इस कुर्सी की न्यूनतम डिज़ाइन विशेषताएं आज भी कई फर्नीचर डिज़ाइनों को प्रेरित करती रहती है।
यह कुर्सी मूल रूप से मीज़ वैन डर रोह की वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति तुगंधात हाउस (Tugendhat House) के लिए बनाई गई थी। बर्नो कुर्सी की डिज़ाइन में विशिष्ट सरल, साफ लाइनें और धातु का फ्रेम है, लेकिन यह उच्च गुणवत्ता वाले इतालवी चमड़े और ठोस स्टेनलेस स्टील से बनी है, जिस कारण यह मज़बूत और आकर्षक दोनों बन जाती है। इसका डिज़ाइन मीज़ वैन डर रोह की पिछली कैंटिलीवर कुर्सियों (cantilever chairs) से प्रेरित था। बर्नो कुर्सी ने अपने लगभग 80 वर्षों के इतिहास में यह साबित कर दिया है कि अच्छा डिज़ाइन कभी भी शैली या चलन से बाहर नहीं जाता है। 2005 में, वास्तुशिल्प इतिहासकार डैन क्रुकशैंक (Dan Cruickshank) द्वारा इसे मानव निर्मित दुनिया के खज़ाने के रूप में मान्यता दी गई थी। बर्नो कुर्सी एक वास्तुशिल्प चत्मकार है, जोकिसी भी घर, या कार्यालय की सुंदरता में चार चाँद लगा सकती है।
मीज़ वैन डर रोह द्वारा बार्सिलोना चेयर नामक एक एक अन्य उत्कृष्ट कुर्सी डिज़ाइन की गई। इसे भी अपनी साफ़ रेखाओं, संतुलित अनुपात और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों के लिए जाना जाता है, जो मीज़ वैन डर रोह की वास्तुकला शैली की पहचान हैं। इस कुर्सी को सभी ओर से दो सपाट स्टील सलाखों द्वारा संतुलित किया जाता है।
इस कुर्सी में पीछे और सामने के पैरों को आकार देने वाली पट्टी एक वक्र बनाती है। यह वक्र बार द्वारा निर्मित एक अन्य एस-आकार के वक्र के साथ प्रतिच्छेद करता है, जो कुर्सी की सीट और पिछले पैरों को आकार देता है। जब आप कुर्सी को बगल से देखते हैं, तो आप वक्रों का यह प्रतिच्छेदन देख सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि यह सरल लेकिन अनोखा डिज़ाइन नया नहीं है? इसकी जड़ें प्राचीन मिस्र के फोल्डिंग स्टूल (folding stool) और 19वीं सदी की नवशास्त्रीय कुर्सियों में निहित हैं। इन ऐतिहासिक डिज़ाइनों ने इस कुर्सी के निर्माण को प्रभावित किया है। बार्सिलोना कुर्सी को 1929 बार्सिलोना प्रदर्शनी में एक विशेष इमारत, जर्मन मंडप के लिए मीज़ वैन डर रोह द्वारा डिज़ाइन किया गया था। हालाँकि शुरुआत में जर्मन मंडप के लिए केवल दो बार्सिलोना कुर्सियाँ बनाई गई थीं, लेकिन बाद में इसकी लोकप्रियता के कारण डिज़ाइन को बड़े पैमाने पर तैयार किया जाने लगा। बीच में सोलह वर्षों के अंतराल को छोड़कर, इस कुर्सी का 1929 से लगातार उत्पादन किया जाता है।
पहली नज़र में ‘कुर्सियाँ’ भले ही बेहद साधारण सा फर्नीचर प्रतीत होती हैं, लेकिन ऐतिहासिक प्रासंगिकता से लेकर आज तक हमारे रोजमर्रा के जीवन में इनकी भूमिका को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। कुर्सियों के विकास क्रम को बेहतर ढंग से समझने के लिए हम बर्नो चेयर नामक कुर्सी का सहारा ले सकते हैं, जो कि आधुनिक फर्नीचर डिज़ाइन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके अलावा आज हम लुडविग मीस वैन डर रोह द्वारा ही निर्मित और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण एक अन्य कुर्सी ‘बार्सिलोना चेयर’ के बारे में भी जानेंगे।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mpa9tmcu
https://tinyurl.com/mr3z9e7h
https://tinyurl.com/2prrnemk

चित्र संदर्भ
1. बर्नो चेयर को संदर्भित करता एक चित्रण (Knoll)
2. बर्नो चेयर को मीस फ़ार्नस्वर्थ हाउस में अग्रभूमि में दिखाया गया है! को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. बर्नो चेयर के आरेख को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. बर्नो कुर्सी के डिज़ाइनर मीस वैन डर रोह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कैंटिलीवर चेयर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. बार्सिलोना चेयर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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