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हमारे देश भारत का प्रत्येक शहर और ज़िला किसी न किसी वस्तु के लिए प्रसिद्ध है। और यदि बात उत्तर प्रदेश की हो, तो यहां के प्रत्येक शहर के नाम से कोई ना कोई विशिष्ट व्यंजन अवश्य ही जुड़ा हुआ है। जब आप पुदीना और इमली की चटनी के साथ, मुंह में पानी ला देने वाली मसालेदार टिक्की-चाट के बारे में सोचते हैं, तो आपके दिमाग में उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों का नाम आता है। आगरा का नाम आते ही पेठे की याद आ जाती है, तो लखनऊ हमें कबाब की याद दिलाता है। इसी तरह जब तिल गजक एवं रेवड़ी की बात आती है तो सबसे पहला नाम हमारे शहर मेरठ का आता है। और आज शहर में औद्योगीकरण के कारण, मेरठ हर स्वाद प्रेमी के स्वाद के अनुरूप भोजन और विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। हाल के दिनों में, मेरठ में सभी प्रकार के व्यंजनों में विशेषज्ञता रखने वाली कई खाद्य श्रृंखलाएं, रेस्तरां और भोजनालय देखे गए हैं। विशिष्ट उत्तर भारतीय भोजन से लेकर कॉन्टिनेंटल, चाइनीज़ या इतालवी तक; आप शहर में हर तरह के व्यंजन का स्वाद ले सकते हैं।
सिंधु-गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण मेरठ में मुख्य रूप से चावल-गेहूं और गन्ना-गेहूं की खेती बहुलता से की जाती है। इसके साथ ही यहां के अधिकांश परिवारों में पशुधन अर्थात गाय और भैंस रखने की भी पृथा हैं, जो कृषि प्रणाली का एक अभिन्न अंग भी है। यद्यपि कृषि पृष्ठभूमि वाले, मेरठ में घरों में पकने वाला प्रतिदिन का भोजन साधारण होता है जिसमें दाल और खेत में उगाई गई सब्जियाँ शामिल होती हैं। लेकिन ऐतिहासिक रूप से लखनऊ और अवध से जुड़ाव के कारण, मुगलई और अवधी शैली के व्यंजनों से भी यहां का गहरा नाता है। मेरठ में जहां एक तरफ आप मिठाइयों की एक विस्तृत श्रृंखला का स्वाद ले सकते हैं, तो वहीं नान, बिरयानी, पनीर व्यंजन, मटन व्यंजन, कोरमा, लस्सी, तंदूर व्यंजन जैसे खाद्य पदार्थों की खुशबू से भी आकर्षित हो सकते हैं। इसके अलावा मेरठ में मिलने वाली चाट के तो क्या ही कहने! प्रसिद्ध शेफ संजीव कपूर, जिन्होंने अपना अधिकांश बचपन मेरठ में बिताया है, ने अपनी पुस्तक "चाट्स" (Chaats) में यहां के स्थानीय स्वादिष्ट चाट व्यंजनों के विषय में लिखा है। मेरठ की चाट में तीखापन, मिठास और खट्टेपन का जो स्वादिष्ट मिश्रण है उसके लिए हर मेरठवासी लालायित रहता है। यहां मिलने वाले चाट व्यंजनों में, सबसे पहले 'मटर चाट' का नाम लिया जा सकता है, जिसके लिए यह शहर लोकप्रिय है। मेरठ के छावनी क्षेत्र में तो चाट के लिए ही प्रसिद्ध 'चाट बाज़ार' में सभी प्रकार के चाट व्यंजनों जैसे आलू टिक्की, कचौरी, पाव भाजी आदि की विशेष दुकानें हैं। शहर भर में विभिन्न स्थानों पर अनेकों प्रकार की टिक्कियाँ मिलती हैं क्योंकि मेरठ टिक्की के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली टिक्कियों में से कुछ आलू टिक्की, मेथी टिक्की, बन टिक्की आदि हैं, जिनका स्वाद छावनी क्षेत्र, सदर बाज़ार और मोदीनगर में स्थानीय भोजनालयों में लिया जा सकता है। यहां मिलने वाली पानी पुरी तो बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी के दिल में बसती है। पानी पुरी को यहां स्थानीय रूप से 'पानी के बताशे’ के रूप में जाना जाता है।
मेरठ में मिलने वाली सबसे पसंदीदा, तिल गजक और रेवड़ी, जो हालांकि मुख्य रूप से सर्दियों में बनती एवं मिलती है, अब शहर की विभिन्न मिठाई की दुकानों पर पूरे साल उपलब्ध रहती हैं। गजक और रेवड़ी तिल और गुड़ से बनाई जाती हैं और इसे लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि गजक बनाने की शुरुआत मेरठ में लगभग 150 साल पहले शहर के प्रसिद्ध गजक निर्माता राम चंद्र सहाय द्वारा की गई थी। क्या आप जानते हैं कि मेरठ के उद्योग विभाग ने गजक के लिए भौगोलिक संकेत (GI) टैग के साथ वैश्विक मान्यता प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। गजक बनाने की प्रक्रिया में लगभग दो दिन का समय लगता है। समय के साथ, गजक के कई रूप जैसे 'खस्ता गजक', 'चॉकलेट गजक', 'काजू गजक', 'मलाई गजक', 'गजक रोल', 'गुड़ गजक', 'ड्राई फ्रूट गजक' आदि सामने आए हैं। यहां के व्यापारियों का मानना है कि यदि एक बार गजक को जीआई टैग मिल जाए, तो इससे मेरठ का गौरव बढ़ेगा और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में मेरठ में बनने वाली गजक को कनाडा, लंदन, सऊदी अरब, सिंगापुर, अमेरिका और लंदन सहित 18 देशों में निर्यात किया जाता है। मेरठ में 500 से अधिक गजक की दुकानें हैं, जो बुढ़ाना गेट, बेगम पुल, गुजरी बाज़ार और गढ़ रोड जैसे इलाकों में स्थित हैं। इस व्यवसाय से सालाना लगभग 80 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा होता है।
जिस प्रकार गजक और रेवड़ी को सर्दियों की मिठाई माना जाता है, वैसे ही गर्मियों की बात आते ही दूध एवं मेवों से बनी ठंडी ठंडी कुल्फी का नाम सबसे पहले याद आता है। और मेरठ में बनी कुल्फी के चर्चे तो आसपास के इलाकों और यहां तक की राजधानी दिल्ली में भी हैं। आपको दिल्ली के दरियागंज से लेकर अन्य बाजारों तक ‘मेरठ की कुल्फी’ नाम की दुकानें देखने को मिल जाएंगी।
इसके अलावा शहर भर में विभिन्न स्थानों पर बिरयानी की कई दुकानें मौजूद हैं, जो अपने स्वाद, रसीले मांस, लंबे दाने वाले चावल और सही मात्रा में मसालों के मिश्रण के लिए मशहूर हैं। बिरयानी मुगलई व्यंजनों की एक खासियत है। मेरठ में कुछ प्रशंसित बिरयानी दुकानों में मेज़बान बिरयानी, हाजी मुन्ना बिरयानी, मोती महल रेस्तरां आदि शामिल हैं। इनमें से अधिकांश दुकानों में शाकाहारी बिरयानी भी मिलती है। शहर में विभिन्न श्रेणियों में रेस्तरां के कई विकल्प उपलब्ध हैं। इन रेस्तरां में मुगलई और अवधी के साथ-साथ शाकाहारी भोजन के विकल्प भी परोसे जाते हैं। शहर के विभिन्न स्थानों पर कई इतालवी रेस्तरां और चाइनीज़ रेस्तरां भी मौजूद हैं। स्ट्रीट फूड के लिए भी कई विकल्प मिल सकते हैं। अबू लेन की चाट और छोले भटूरे की दुकानें स्थानीय लोगों के बीच उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितनी सदर बाज़ार की दुकानें। जैन शिकंजी मेरठ में सबसे लोकप्रिय भोजनालयों में से एक है। मोदीनगर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह रेस्तरां अपने नींबू पानी के लिए जाना जाता है, जिसे शिकंजी के नाम से भी जाना जाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4vue6d39
https://tinyurl.com/rbb9htsx
https://tinyurl.com/yc6peh5m
https://tinyurl.com/232rvnvw
चित्र संदर्भ
1. भारतीय व्यंजनों से सजाई गई एक थाल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. गरमागरम भोजन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. कटोरी चाट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. घर में बनाई गई गजक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. विविध प्रकार की गजक को दर्शाता चित्रण (flickr)
6. चिकन बिरयानी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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