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इंसानी सभ्यता में “रोटी-कपड़ा और मकान” को जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में गिना जाता है। हालांकि जब शुरुआत में इंसानों ने अपनी सभ्यता का विकास करना शुरू ही किया था, तब इन तीनों जरूरतों के रूप, आज के बजाय काफी भिन्न थे। उदाहरण के तौर पर, प्रारंभिक इंसान, रोटी की जगह पर कंदमूल और मांसाहार का सेवन करता था, मकान के बजाय गुफ़ाओं में रहता था, और दिलचस्प रूप से इनके कपड़े भी आज के बजाय एकदम अलग थे। हमारे शुरुआती पूर्वज अपने तन को ढकने के लिए जानवरों का खाल या पेड़ों की पत्तियां लपेटा करते थे। लेकिन इसके बाद हुई बुनाई और फिर करघों की शुरुआत ने परिधानों की रूपरेखा ही बदल कर रख दी।
बुनाई एक प्राचीन शिल्प है, जिसके तहत कपड़े का निर्माण करने के लिए धागों को आपस में पिरोया जाता है। बुनाई में दो धागों ताने (ऊर्ध्वाधर धागे) और बाने को आपस में जोड़ा जाता है। यूँ तो बुनाई कई तरीकों से की जा सकती है, लेकिन "बैकस्ट्रैप (Backstrap)" को बुनाई करने की सबसे सरल विधियों में से एक माना जाता है। बुनाई करने के इस आसान तरीके में तानों को कसने के लिए अपने शरीर का उपयोग किया जाता है। यह एक पोर्टेबल “Portable” (कहीं भी ले जाने में आसान) बुनाई तकनीक है, जो अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका की खानाबदोश संस्कृतियों में खूब लोकप्रिय है। इस बुनाई को करने की अगली सबसे सरल विधि एक बुनियादी फ्रेम बनाना है। इस फ्रेम को केवल एक आयताकार फ्रेम (जिसे लकड़ी, या किसी भी प्रकार के ट्यूबिंग से बनाया जा सकता है)पर किया जाता है।
बैकस्ट्रैप बुनाई कुछ ऐसे काम करती है:
- बुनकर अपने कूल्हों के चारों ओर एक पट्टा ("बैकस्ट्रैप") पहनता है, जो करघे के एक छोर से जुड़ा होता है।
- बुनकर प्रत्येक नई बुनाई परियोजना के लिए विशेष रूप से एक करघा बनाते हैं।
- इस प्रक्रिया में विभिन्न उपकरणों का उपयोग लिया जाता है, जिनमें लकड़ी की सलाखें, सिलिकॉन बैंड (Silicone Bands) के साथ रोलिंग बार (Rolling Bars), एक हेडल रॉड (Heddle Rod), और एक बीटर या छुरी (Beater Or Knife) आदि शामिल हैं।
- बैकस्ट्रैप बुनाई का अभ्यास अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में किया जाता है।
बुनाई में, "ट्रेडलिंग" शब्द एक विशिष्ट क्रम में करघे के ट्रेडल्स (पैर पैडल) को दबाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
बुनाई का एक और सरल रूप सादा बुनाई (Plain Weaving) भी है। इसके तहत बाना, पहले ताने के सिरे के ऊपर, दूसरे के नीचे, तीसरे के ऊपर और इसी तरह चलता रहता है। रंग, धागे की मोटाई तथा ताने और बाने के धागों के बीच की दूरी को बदलकर आप आकर्षक खिड़की के पर्दों से लेकर व्यावहारिक कपड़े, नाजुक वस्त्र और गर्म सर्दियों के गलीचे तक विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बना सकते हैं।
बुनाई करने के लिए “करघा” सबसे अधिक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। सभी करघों में ट्रेडल लूम (Treadle Loom) यानी पैरों से चलने वाला करघा सबसे आम होता है। ट्रेडल लूम को फुट लूम के नाम से भी जाना जाता है। इस करघे को पहली बार औपनिवेशक स्पेन के बुनकरों ने दक्षिण अमेरिका के माया बुनकरों को परिचित कराया था। स्पैनिश परंपरा का पालन करते हुए, यहाँ पर सबसे पहले केवल पुरुषों को ही इस नए और अधिक महंगे करघे का उपयोग करना सिखाया जाता था। हालांकि बैक स्ट्रैप लूम को ट्रेडल लूम द्वारा पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सका, और दोनों आज भी उपयोग में हैं।
दोनों करघों पर बुनाई की प्रक्रिया मूलतः एक जैसी होती है। इनमें धागे, जिन्हें ताना भी कहा जाता है, को बारी-बारी से उठाया और नीचे किया जाता है, और बाना (एक और धागा) उनके बीच पिरोया जाता है। वह स्थान जहां से कपड़ा गुजरता है, शेड कहलाता है। दोनों करघों के बीच मुख्य अंतर ताने को उठाने की शैली में है। ट्रेडल लूम (Treadle Loom) पर, ताने को पैर पैडल (Foot Pedal) का उपयोग करके यांत्रिक रूप से उठाया जाता है। इससे ट्रेडल लूम पर बुनाई की प्रक्रिया बैक स्ट्रैप लूम की तुलना में बहुत तेज हो जाती है।
क्या आप जानते हैं कि कई माया समुदायों में कपड़े का उत्पादन करने की प्रक्रिया से हमें वहां पर, श्रम के लिंग-आधारित विभाजन के प्रमाण मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर यहां की महिलाएं आमतौर पर कपड़े बनाने के लिए पारंपरिक बैकस्ट्रैप करघे का उपयोग करती हैं, जबकि पुरुष ट्रेडल करघे का उपयोग करते हैं। हालाँकि कुछ महिलाओं ने ट्रेडल करघे का उपयोग करना सीख लिया है, लेकिन पुरुषों को बैकस्ट्रैप लूम का उपयोग करते हुए देखना बहुत दुर्लभ है। शोल्डर बैग जैसी कुछ वस्तुएँ, विशेष रूप से ट्रेडल लूम पर पुरुषों द्वारा बुनी जाती हैं। पुरुष इन कंधे बैगों के उत्पादन के लगभग सभी चरणों की देखरेख करते हैं। यह बैग तराई समुदायों में मैगुए फाइबर से या ऊन से बनाए जाते हैं। इनमें से कुछ बैग दैनिक उपयोग में आते हैं, जबकि अन्य, पर्यटक बाजार में यहां से ले जाने योग्य स्मृति चिन्ह के रूप में बेचे जाते हैं। बुनाई में उपयोग किए जाने वाले फाइबर का प्रकार भी लिंग-आधारित श्रम विभाजन को दर्शाता है।
ट्रेडल करघे आमतौर पर पतले कपड़े का उत्पादन करते हैं। हालांकि इनसे विस्तृत ब्रोकेड (Detailed Brocade) के काम नहीं किये जा सकते हैं, लेकिन बैकस्ट्रैप करघे से ऐसा किया जा सकता है। हालांकि, पुरुष अक्सर टाई-डाई धागे (Tie-Dye Threads) का उपयोग करते हैं, जिसे इकत या जस्पे के नाम से जाना जाता है, जिससे कपड़े बुने जाने पर जटिल डिजाइन बनता है। ट्रेडल करघे पर बुने गए कपड़ों को ताने और बाने दोनों में टाई-डाई धागे को शामिल करके अधिक जटिल बनाया जा सकता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3r7tpxzt
https://tinyurl.com/59ap6vb3
https://tinyurl.com/3ca22svf
https://tinyurl.com/2ax6jmn7
https://tinyurl.com/bdhju2s9
चित्र संदर्भ
1. बुनकरों को संदर्भित करता एक चित्रण (lookandlearn)
2. ड्यूटी के दौरान बुनाई करते एक पुलिस ऑफिसर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. बैकस्ट्रैप बुनाई को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सादी बुनाई को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. ट्रेडल लूम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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