मेरठ का हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य है, पक्षियों की 117 सुंदर प्रजातियों का घर

पंछीयाँ
05-04-2024 09:26 AM
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मेरठ का हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य है, पक्षियों की 117 सुंदर प्रजातियों का घर

कहा जाता है कि, हमारी पृथ्वी पर 9,000 से अधिक प्रकार के पक्षी पाए जा सकते हैं, और इनमें से कुछ 117 पक्षियों की प्रजातियां हमारे मेरठ में मौजूद हैं। पृथ्वी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में, इन सभी पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पूरी दुनिया में सुंदर– पक्षी पाए जाते हैं, और हवा में उड़ने और लंबी दूरी तय करने की उनकी क्षमता के कारण, उनका अध्ययन करना दिलचस्प बन जाता है। आइए, आज मेरठ में पाई जाने वाली पक्षियों की प्रजातियों के प्रकारों के बारे में जानते हैं। साथ ही, जानें कि पन्ना कबूतर, जो तमिलनाडु कामूल निवासी पक्षी है, उनको यहां कैसे देखा जा सकता है। पूरे विश्व में दरअसल 10,000 से अधिक प्रकार के पक्षी मौजूद हैं। वे ‘बहुत बड़े पक्षी’ से लेकर ‘बहुत छोटे पक्षियों’ तक हो सकते हैं। पक्षियों को एंडोथर्मिक कशेरुक(Endothermic vertebrates) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसलिए, वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं, और आसान उड़ान में सहायता प्रदान करने के लिए उनके पास खोखला कंकाल होता है। इसके अलावा, उड़ान को अधिक आरामदायक बनाने के लिए, उनके पास पंख और एक धुरी के आकार का शरीर भी होता है। दांतों वाले मुंह के बजाय, इन पक्षियों के पास चोंच होती है। इसके अलावा, वे द्विपाद हैं, अर्थात, वे चलने के लिए केवल दो पैरों का उपयोग करते हैं। इनका आकार 2 इंच से लेकर 9 फीट 2 इंच तक हो सकता है। इस प्रकार, इनमें विविधता पाई जाती हैं।
आइए, अब हमारे मेरठ के पक्षियों के बारे में जानते हैं। हम जानते ही हैं कि, ‘हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य’ हमारे राज्य के गंगा नदी के मैदानी इलाकों में एक संरक्षित क्षेत्र है। इसकी स्थापना 1986 में हुई थी, और यह हमारे मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर, ग़ाज़ियाबाद, बिजनौर और अमरोहा जिलों में 2,073 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां दर्ज की गई 117 पक्षी प्रजातियों में छोटे पंजों वाला ‘सांप गरुड़’, सफेद आंखों वाला मिस्त्र का ‘गिद्ध बज़र्ड’, काले कंधों वाली ‘कनकैया’, काली कनकैया, शिकरा, पश्चिमी ‘मार्श हैरियर’, चित्तीदार उल्लू, भारतीय ‘ग्रे हॉर्नबिल’, पेंटेड स्टॉर्क, एशियाई ‘ओपन-बिल्ड स्टॉर्क’ आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इनके अलावा, सफेद गर्दन वाला ‘सारस’, काला आइबिस, भारतीय मोर, सारसक्रेन, ‘डेमोइसेल क्रेन’, यूरेशियन स्पूनबिल, बैंगनी बगुला, तालाबों वाला बगुला, काले सिर वाला बगुला, मवेशी बगुला, बड़ा बगुला, मीडियन बगुला, छोटा बगुला, छोटा ग्रेब, बार-हेडेड हंस, लघु आवाज निकालने वाला ‘बत्तख’, कंघी बतख, कपास चैती, गैडवॉल, मल्लार्ड, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, नॉर्दर्न शॉवेलररूडी शेल्डक, नॉर्दर्न पिंटेल, गार्गेनी, कॉमन पोचार्ड, ग्रे फ्रेंकोलिन, पर्पल मूरहेन, कॉमन मूरहेन, व्हाइट-ब्रेस्टेड वॉटरहेन, कॉमन कूट, काले पंखों वाला ‘स्टिल्ट कर्ल सैंडपाइपर’, पाइड एवोसेट, तीतर जैसी पूंछ वाला जैकाना, कांस्य-पंख वाला ‘जैकाना’, गुलाब जैसा चक्राकार तोता, भारतीय रोलर, चितकबरा नीलकंठ, सफेद सीने वाला नीलकंठ, बी ईटर, नीली पूंछ वाला बी ईटर, कॉपरस्मिथ बारबेट, हूपो, रूफस-बैकड श्राइक, रेड-वेंटेड बुलबुल, छोटा प्रैटिनकोल भी इस सूची में शामिल हैं।
पक्षियों की इतनी विविधता का घर होने के बावजूद भी, उचित अधिसूचना के अभाव के कारण, इस क्षेत्र में अवैध शिकार और वन्यजीवों के लिए अन्य खतरों को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा नहीं मिली है। ‘पन्ना कबूतर’ (चाल्कोफैप्स इंडिका–Chalcophaps indica)’, जिसे एशियाई पन्ना कबूतर और ‘ग्रे-कैप्ड पन्ना कबूतर’ भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का एक निवासी कबूतर है। इस कबूतर को हरे कबूतर और हरे पंखों वाले कबूतर के नाम से भी जाना जाता है। यह उष्णकटिबंधीय जंगलों और इसी तरह के घने आर्द्र जंगलों, खेतों और मैंग्रोव(Mangroves) की एक आम प्रजाति है। आम पन्ना कबूतर भारतीय राज्य तमिलनाडु का राज्य पक्षी है। पन्ना कबूतर एक मोटा, मध्यम आकार का कबूतर होता है, जिसकी लंबाई आमतौर पर 23-27 सेमी (9.1-10.6 इंच) होती है। इसकी पीठ और पंख चमकीले पन्ना हरे रंग के होते हैं। जबकि, उड़ान के पंख और पूंछ काले रंग की होती हैं, और उड़ान के दौरान इसकी निचली पीठ पर चौड़ी काली और सफेद पट्टियां दिखाई देती हैं। सिर और इसके नीचे के हिस्से गहरे गुलाबी रंग के होते हैं, तथा पेट के निचले हिस्से का रंग भूरा होता है। इस कबूतर की आंखें गहरे भूरे रंग की, चोंच चमकीली लाल और टांगें और पैर रूखे होते हैं। नर कबूतर के कंधों के किनारे पर एक सफेद धब्बा और एक भूरे रंग का शीर्ष होता है, जो मादा में नहीं पाया जाता है। जबकि, मादाओं के कंधों पर भूरे निशान के साथ उनका रंग भी भूरा होता है। यह कबूतर एक पेड़ पर पांच मीटर तक छोटा सा घोंसला बनाते है।

संदर्भ

https://tinyurl.com/3zy7nzpz
https://tinyurl.com/4kf4pp7b
https://tinyurl.com/bddtufrn

चित्र संदर्भ

1. मेरठ के हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य को संदर्भित करता एक चित्रण (Animalia)
2. विविध प्रकार की चिड़ियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हस्तिनापुर के जंगलों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. चाल्कोफैप्स इंडिका को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जंगल में घूम रहे आम पन्ना कबूतर को संदर्भित करता एक चित्रण (2Fanimalia)

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