मेरठ वासी किन-किन सुविधाओं के लिए नगर निगम के दरवाज़े खटखटा सकते हैं?

नगरीकरण- शहर व शक्ति
16-03-2024 09:32 AM
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मेरठ वासी किन-किन सुविधाओं के लिए नगर निगम के दरवाज़े खटखटा सकते हैं?

नगर पालिका एक स्थानीय सरकारी निकाय की तरह होती है, जो शहर से संबंधित सभी विकास कार्यों की देखरेख करती है। इसका आकार और इसके तहत आने वाली जनसंख्या आमतौर पर नगर निगम की तुलना में कम होती है। नगर पालिका आमतौर पर छोटे शहरों और कस्बों में सक्रिय होती है। उत्तर प्रदेश में ऐसी 199 नगर पालिकाएं हैं। उनमें से, मेरठ म्यूनिसिपल बोर्ड (Meerut Municipal Board) इसलिए भी अलग है, क्योंकि यह भारत में सबसे पुराने में से एक है। 1886 में मेरठ में टाउन हॉल (Town hall) का निर्माण किया गया और इसके छह साल बाद, 1892 में, म्युनिसिपल बोर्ड, जिसे नगर पालिका भी कहा जाता है, की स्थापना की गई। 15 जून, 1982 के दिन इस बोर्ड को नगर परिषद, या नगर महापालिका में पदोन्नत किया गया। 31 मई 1994 को उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 के पारित होने के बाद इसे नगर निगम के रूप में उन्नत कर दिया गया। नगर निगम देश के अधिकांश शहरों और कस्बों पर शासन करती हैं, आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं और यहां की विविध गतिविधियों को विनियमित करती हैं।
नगर निगम द्वारा विनियमित की जाने वाली गतिविधियों में शामिल है:
जल आपूर्ति: शहर के सभी निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना नगर निगम की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है। इसके तहत पाइपलाइनों और टैंकरों (pipelines and tankers) के माध्यम से पानी की सोर्सिंग (sourcing), उपचार और वितरण सहित विभिन्न जल आपूर्ति परियोजनाओं की योजना बनाना, कार्यान्वयन और रखरखाव करना शामिल है।
सीवेज और स्वच्छता: घरों और व्यवसायों से निकलने वाले सीवेज और अपशिष्ट जल (sewage and wastewater) का सुरक्षित निपटान करना भी नगर निगम की ही ज़िम्मेदारी होती है। इसका प्रबंधन भूमिगत सीवेज प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र, नाली की सफाई और अन्य स्वच्छता विधियों के माध्यम से किया जाता है। निगम कचरा संग्रहण जैसे कार्यों के लिए स्वच्छता कर्मचारी और उपकरण भी प्रदान करता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य: नगर निगम सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी ज़िम्मेदार होता है, जिसमें अस्पताल, औषधालय और प्रसूति केंद्र स्थापित करना शामिल है। इसके अलावा यह धूमन, टीकाकरण अभियान और अन्य माध्यमों से मलेरिया और डेंगू जैसी महामारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के उपायों को भी लागू करता है।
सड़कें और स्ट्रीट लाइटिंग (Street Lighting): सड़कों, गलियों, पुलों और सबवे (Subway) का निर्माण और रखरखाव करना नगर निगम का एक और अनिवार्य कर्तव्य है। निगम नगर, निगम सॉफ्टवेयर (Municipal Corporation Software) का उपयोग करके सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर स्ट्रीट लाइटिंग (Street Lighting) की देखरेख भी करता है, जिससे यहां के नागरिकों के लिए कनेक्टिविटी और सुरक्षा (connectivity and safety) दोनों बढ़ती हैं।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण: निगम को अपने अधिकार क्षेत्र में जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड बनाए रखने और अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का काम भी सौंपा गया है।
शिक्षा: कई नगर निगम, निगम संचालित स्कूलों के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रदान करके सरकारी स्कूलों को संचालित रखते हैं। सार्वजनिक परिवहन: आमतौर पर शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का प्रबंधन भी नगर निगम द्वारा ही किया जाता है। कुछ स्थानों पर मेट्रो रेल नेटवर्क (metro rail networks ) भी निगम ही संचालित करते हैं और सस्ती परिवहन सुविधाओं के साथ गतिशीलता को बढ़ावा देते हुए टैक्सियों और ऑटो-रिक्शा (auto-rickshaws) जैसे अन्य सार्वजनिक वाहनों को विनियमित करते हैं।
उद्यान और पार्क: नगर निगम सार्वजनिक पार्क, उद्यान और मनोरंजक स्थानों की स्थापना और रखरखाव करते हैं, अतः शहरी निवासियों के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार करते हैं, खुली जगह प्रदान करते हैं और सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देते हैं। कुछ निगम वनस्पति और प्राणी उद्यानों का भी रखरखाव करते हैं।
सामुदायिक सेवाएँ: नगर निगम द्वारा सामुदायिक हॉल, रात्रि आश्रय और पुस्तकालय जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की जा सकती हैं। कुछ निगमों के पास नागरिकों के बीच संस्कृति को बढ़ावा देने और सामुदायिक कार्यक्रम, मेले और सार्वजनिक जागरूकता अभियान आयोजित करने के लिए प्रदर्शन कला केंद्र भी हैं।
टाउन प्लानिंग: नगर निगम के प्रमुख कार्यों में टाउन प्लानिंग (Town planning) के अंतर्गत, शहर के संगठित विकास के लिए मास्टर प्लान और ज़ोनिंग नियम (master plans and zoning rules) तैयार करना भी शामिल है।
आग और आपातकालीन सेवाएँ: प्रमुख नगर निगम अपने स्वयं के अग्निशमन विभाग और आपातकालीन बचाव सेवाएँ चलाते हैं, जो जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। नगर निगम कई शहर एम्बुलेंस सेवाएँ (City Ambulance Services ) भी संचालित करते हैं।
बिजली की आपूर्ति: कुछ शहरों में, नगर निगम अपनी स्वयं की बिजली परियोजनाओं के माध्यम से बिजली का उत्पादन और वितरण भी करता है।
मलिन बस्ती सुधार: नगर निगम नए मकान बनाकर या रहने की स्थिति में सुधार करके मलिन बस्तियों की पहचान और इनका सुधार भी करते हैं। इसके अलावा निगम द्वारा कुछ आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को पुनर्वास के लिए आवास और ऋण प्रदान भी किया जाता है। नगर पालिकाएँ स्थानीय सरकार के प्रांतीय मंत्री द्वारा स्थापित किए जाते हैं, और नगर परिषदों द्वारा शासित होती हैं। नगर निगम पार्षद हर पांच साल में, स्थानीय सरकार के चुनावों के दौरान चुने जाते हैं। मतदाता आमतौर पर एक वोट किसी राजनीतिक दल (आनुपातिक प्रतिनिधित्व) के लिए और एक वोट अपने वार्ड के किसी व्यक्ति के लिए डालते हैं। स्थानीय और महानगरीय परिषदों में, आधे पार्षद पार्टी के प्रतिनिधि होते हैं, और अन्य आधे सीधे निर्वाचित वार्ड पार्षद होते हैं। स्थानीय नगर पालिकाओं में, मतदाता ज़िला परिषद में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक पार्टी भी चुनते हैं। ज़िला परिषद सीटों में से 40% आनुपातिक प्रतिनिधित्व मतपत्र के आधार पर पार्टियों को दी जाती हैं, और 60% उस ज़िला क्षेत्र में स्थानीय परिषदों को आवंटित की जाती हैं।
नगर परिषदें व्यवस्था के नियमों को लागू करने के लिए एक अध्यक्ष का चुनाव करती हैं। वे एक महापौर और एक उपमहापौर का भी चुनाव करते हैं, जो महापौर समिति बनाने के लिए परिषद सदस्यों की नियुक्ति करते हैं। परिषद के कुछ निर्णयों के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य निर्णय मेयरल समिति (Mayoral Committee) द्वारा लिए जाते हैं। मेरठ नगर निगम की स्थापना उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 के तहत की गई थी और शहर के नागरिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन की ज़िम्मेदारी भी इसी के ऊपर है। यह निगम 450 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है। मेरठ नगर निगम का नेतृत्व एक नगर आयुक्त करता है, जो अनिवार्य रूप से निगम का प्रशासनिक प्रमुख होता है। नगर निगम आयुक्त राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक आईएएस या पीसीएस अधिकारी (IAS or PCS Officer ) होता है।
इनका मुख्यालय मेरठ के कैसर गंज रोड पर घंटा घर के पास स्थित है। सभी विभागाध्यक्ष नगर आयुक्त को रिपोर्ट करते हैं। नगर निगम अपनी विभिन्न सेवाओं के एवज में बड़ी मात्रा में धन भी एकत्र करता है। देश में बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) को भारत में सबसे धनी नागरिक निकाय के रूप में जाना जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बीएमसी द्वारा प्रस्तावित बजट ₹ 59,954.75 करोड़ रुपये है जो कि साल 2022-23 के ₹ 54,256.07 करोड़ के बजट से 10.5% अधिक है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4r4kabdv
https://tinyurl.com/2crnby8h
https://tinyurl.com/5n763tjd
https://tinyurl.com/37bb9hf2

चित्र संदर्भ
1. पानी भारती बालिकाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. नजदीक से मेरठ के टाउन हॉल को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. मलिन बस्ती के बच्चों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. आईएएस अधिकारी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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