भारत के अद्भुत गुड़िया संग्रहालय विभिन्न परंपराओं एवं शिल्प कौशल की करते हैं सराहना

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भारत के अद्भुत गुड़िया संग्रहालय विभिन्न परंपराओं एवं शिल्प कौशल की करते हैं सराहना

हमारा देश भारत एक आकर्षक इतिहास और विरासत वाला, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है। भारत में स्थित कुछ ‘गुड़िया संग्रहालय(Doll museum)’ भारतीय और विदेशी गुड़ियों की विविध परंपराओं और शिल्प कौशल का पता लगाने और उनकी सराहना करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। ये संग्रहालय देश भर में विभिन्न क्षेत्रों, संस्कृतियों और शैलियों का प्रतिनिधित्व करने वाली गुड़ियों के व्यापक संग्रह को संरक्षित और प्रदर्शित करने के लिए समर्पित हैं। हमारे शहर मेरठ में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित एक संग्रहालय तो है, लेकिन, हमारे शहर में देश और दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, कोई गुड़िया संग्रहालय नहीं है। तो आइए, आज भारत के इन अनोखे गुड़िया संग्रहालयों के बारे में पढ़ते हैं। 1.शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय
भारत के इस सबसे बड़े गुड़िया संग्रहालय में विभिन्न आकारों और आकृतियों में बड़ी संख्या में गुड़िया प्रदर्शित की गई हैं। इस शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय की स्थापना प्रसिद्ध राजनीतिक कार्टूनिस्ट(Cartoonist) और गुड़िया उत्साही (दिवंगत) केशव शंकर पिल्लई ने की थी। वह विभिन्न देशों में घूमते थे और वहां से गुड़िया लेकर आते थे। इस प्रकार, उन्होंने लगभग 500 गुड़िया एकत्र की थी। एक बार, उन्होंने अपने संग्रह को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने पर विचार किया, और 1957 में शंकर संग्रहालय की स्थापना की। आज इस संग्रहालय में 85 देशों की लगभग 6000 गुड़िया मौजूद हैं। इनमें, 500 सजी-धजी गुड़िया भी शामिल हैं, जो शंकर जी की पसंदीदा थीं। दरअसल, इस संग्रहालय की गुड़ियों का संग्रह, एक विशेष गुड़िया के उपहार से प्रेरित था। उस गुड़िया को शंकर जी ने पचास के दशक की शुरुआत में, हंगरी(Hungary) के राजदूत से प्राप्त किया था।
यह संग्रहालय नेहरू हाउस, 4, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली में स्थित है। सोमवार के दिन को छोड़कर, यह प्रत्येक दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 5.30 बजे तक आगंतुकों के लिए खुला रहता है। शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय में, दुनिया का सबसे बड़ा, कॉस्ट्यूम गुड़िया(Costume dolls) संग्रह है। संग्रहालय को दो समान खंडों में बांटा गया है। दोनों खंडों में, 1000 फीट लंबे, 160 से अधिक कांच के केस(Case) हैं, जो दीवारों पर लगे हुए हैं। एक खंड में यूरोपीय देशों, यूनाइटेड किंगडम(United Kingdom) और संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America), ऑस्ट्रेलिया(Australia), न्यूजीलैंड(New Zealand ) आदि तथ, दूसरे खंड में एशियाई देशों, मध्य पूर्व देशों(Middle East countries), अफ्रीका(Africa) और भारत की प्रदर्शनियां हैं।
इस गुड़िया संग्रहालय का मुख्य संग्रह, 150 प्रकार की भारतीय कॉस्ट्यूम गुड़ियों का है, जो संग्रहालय से जुड़े डॉल्स डिज़ाइनिंग केंद्र एवं कार्यशाला(Dolls Designing Centre and Workshop) में बनाई गई हैं। भौतिक विशेषताओं, वेशभूषा और आभूषणों की एक समरूपता बनाने के लिए कारीगर अत्यंत पूर्णता के साथ ये गुड़िया बनाते हैं। इस प्रदर्शनी में भारत के अद्वितीय शास्त्रीय नृत्य – कथकली के पात्र अपनी भव्य वेशभूषा के साथ शामिल हैं। विशेष रुचि की अन्य गुड़ियों में, जापान(Japan) से प्राप्त – लड़कों और लड़कियों के महोत्सव की गुड़िया, रानी के संग्रह(Queen’s collection) की प्रतिकृति गुड़िया (यूनाइटेड किंगडम), हंगरी से मेपोल नृत्य(Maypole Dance), जापान से काबुकी और समुराई गुड़िया(Kabuki and Samurai dolls), स्पेन(Spain) से फ्लेमेंको नर्तक(Flamenco dancers), थाईलैंड(Thailand) से महिला ऑर्केस्ट्रा(Women's Orchestra) और श्रीलंका से कैंडी पेराहेरा (Kandy Perahera ) शामिल हैं।
शंकर गुड़िया संग्रहालय की गुड़ियों को वर्ष 1980 में, पोलैंड(Poland) के क्राको(Cracow) में आयोजित, डॉल्स बिएननेल(Dolls Biennale) में गोल्डन पीकॉक फेदर(Golden Peacock Feather) नामक प्रथम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली गुड़ियों के अलावा, भारतीय कॉस्ट्यूम गुड़ियों में विभिन्न गुड़ियों के प्रतिनिधि संग्रह का, एक विशेष प्रदर्शन भी संग्रहालय में है। इसमें विभिन्न भारतीय नृत्यों और संस्कृतियों, क्षेत्रीय वेशभूषा, विभिन्न राज्यों के दूल्हे और दुल्हन के जोड़े, तथा साड़ी पहनने का तरीका दिखाने वाली गुड़िया का एक समूह दिखाया गया है। कार्यशाला में बनाई गई भारतीय गुड़ियों को विदेशों से प्राप्त उपहारों के बदले आदान-प्रदान किया जाता है, और साथ ही भारत और विदेशों में संग्रहकर्ताओं और संग्रहालयों को बेचा जाता है। प्रत्येक गुड़िया को व्यक्तिगत पात्रों की शारीरिक विशेषताओं, पोशाक और आभूषणों पर सावधानीपूर्वक शोध के बाद हस्तनिर्मित किया जाता है। यह संग्रहालय “जीर्ण” गुड़ियों के लिए एक “क्लिनिक” भी चलाता है, जहां दुर्लभ बिगड़ती हुई गुड़ियों को बहाल किया जाता है।

शंकर गुडिया संग्रहालय के अलावा, भारत के कुछ प्रमुख गुडिया संग्रहालय निम्नलिखित हैं –
1. अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय – चंडीगढ़
2. भगवानी बाई सेकसरिया गुड़िया संग्रहालय – जयपुर, राजस्थान
3. रोटरी 3060 गुड़िया संग्रहालय – राजकोट, गुजरात
4. लोसेल गुड़िया संग्रहालय – हिमाचल प्रदेश

संदर्भ
http://tinyurl.com/5ypr66y7
http://tinyurl.com/55d6ftnd
http://tinyurl.com/4pmejdpu

चित्र संदर्भ
1. गुड़िया संग्रहालय में रखी गई गुड़ियो को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय में रखी गई प्रतिमाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (yotuube)
4. शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय में भ्रमण पर आये बच्चों को संदर्भित करता एक चित्रण (yotuube)
5. शंकर अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय में डांडी मार्च की झांकी को संदर्भित करता एक चित्रण (yotuube)

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