जंबो: सर्कस के इतिहास का सबसे पहला और सबसे बदनसीब हाथी!

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23-02-2024 09:34 AM
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जंबो: सर्कस के इतिहास का सबसे पहला और सबसे बदनसीब हाथी!

पूरे मानव इतिहास में हाथियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इतिहास के कई बहादुर हाथियों की कहानियाँ आज भी शाही गौरव के प्रतीक के रूप में याद की जाती हैं। कई संस्कृतियों में हाथियों को अच्छे या बुरे भाग्य के संकेत के रूप में देखा गया था। उदाहरण के लिए, ऐसा माना जाता है कि एक हाथी अरब के एक शहर मक्का की सीमा पर रुक गया और उसने आगे जाने से इनकार कर दिया। माना जाता है कि यह घटना उसी समय हुई, जब इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था। इसके अलावा हाथियों ने एक समय में मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम रहे सर्कस (Circus) के पूरे प्रारूप को ही बदलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। क्या आप जानते हैं कि अपने शुरुआती दिनों में, सर्कस मुख्य रूप से केवल पुरुषों को ही आकर्षित करते थे, ऐसा इसलिए था क्योंकि शुरुआती सर्कस उग्र और उपद्रवी किस्म के हुआ करते थे, इसलिए इनमें पुरुष या विशेषतौर पर युवा वर्ग ही रूचि रखता था। लेकिन यह परंपरा “जंबो (Jumbo)” के आगमन के साथ ही बदल गई। जंबो के आ जाने से, सर्कस महिलाओं और बच्चों सहित पूरे परिवार के लिए भी अनुकूल हो गए। जंबो एक विशालकाय हाथी था, जिसका जन्म अफ्रीका में हुआ था, लेकिन वह बहुत छोटा था तब उनकी मां को शिकारियों ने मार डाला था। इसके बाद जंबो को पकड़ लिया गया और उसके जीवनकाल में उसे अलग-अलग लोगों को बेचा गया, जिन्होंने जंबो को आजीवन पिंजरों में कैद रखा। जंबो यूरोप आने वाला पहला अफ़्रीकी हाथी था और अंततः वह लंदन के चिड़ियाघर में पहुँच गया। जंबो, बहुत ही विशालकाय अफ़्रीकी जंगली हाथी था, जो 19वीं शताब्दी के दौरान लंदन में खूब लोकप्रिय हुआ । 1882 में फिनीस टी. बार्नम (Phineas T. Barnum) नाम के एक व्यक्ति ने जंबो को चिड़ियाघर से खरीदा था। बार्नम एक शोमैन (Showman) था, जो द ग्रेटेस्ट शो ऑन अर्थ (The Greatest Show On Earth) नामक एक सर्कस चलाता था। वह जंबो को अमेरिका ले जाना चाहता था और उसे अपने सर्कस का हिस्सा बनाना चाहता था।
चिड़ियाघर में जंबो का पिंजरा छोटा था इसलिए वह दुखी और क्रोधित रहने लगा था। उसने अपने दांतों को सलाखों से रगड़-रगड़ कर घिसा लिया था। चिड़ियाघर प्रबंधकों को डर था कि कहीं वह किसी को चोट न पहुँचा दे। लेकिन कई लोग नहीं चाहते थे कि जंबो लंदन को छोड़कर कहीं और चला जाए। उन्होंने बार्नम को कई पत्र लिखे और याचिकाओं पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उनसे जंबो को लंदन में ही रहने देने के लिए कहा गया। हालांकि बार्नम ने उनकी बात नहीं सुनी। इसके बजाय बार्नम को इस बात की ख़ुशी थी कि जंबो को लोगों का इतना ध्यान और आकर्षण मिल रहा था। आखिरकार वह जंबो को अमेरिका ले गए और वहां उसे दुनिया के सबसे बड़े हाथी के रूप में प्रदर्शित किया। अमेरिका में जंबो और भी मशहूर हो गया। बार्नम ने जंबो के सर्कस शो से खूब पैसा कमाया। लेकिन यहां भी जंबो बहुत बीमार और दर्द में रहता था। उसे एक ऐसी बीमारी थी जिसके कारण वह कमजोर और पतला हो गया था। उसके दाँत भी ख़राब थे जिससे उसे बहुत दर्द होता था। वह केवल नरम भोजन जैसे घास और भूसा ही खा पाता था। जंबो उन कठोर घासों को नहीं खा सकता था, जिन्हें हाथियों को अपने दाँत स्वस्थ रखने के लिए चबाने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार जंबो ने अपने जीवन में बहुत कष्ट सहे।
1890 में, वह अपने सर्कस शो के लिए जंबो को वापस लंदन ले आए। दुर्भाग्य से 1885 में कनाडा में जंबो एक रेल दुर्घटना में मारा गया था। आज इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन जंबो हाथी को मदिरा यानी शराब भी दी जाती थी और उसे यह बहुत पसंद थी। जंबो और उसका हैंडलर, मैथ्यू स्कॉट (Matthew Scott), जो जंबो का सबसे अच्छा दोस्त था, दोनों अक्सर एक साथ शराब पीते थे। जंबो को अपने असामान्य रूप से विकसित हो रहे दांतों के कारण हमेशा ही गंभीर दर्द रहता था। निरंतर यात्रा और अपनी पीठ पर बच्चों की सवारी के कारण, जंबो ने हमेशा ही एक तनावपूर्ण जीवन जीया। ऐसा कहा जाता है कि शराब ने कड़ी मेहनत करने वाले इस हाथी की परेशानी को कम करने में मदद की। 1885 में, 24 साल की उम्र में एक विश्व भ्रमणकर्ता, शराबी और सुपरस्टार जंबो का दुखद अंत हो गया। वह एक बॉक्सकार (box car) पर लादे जाने के दौरान, एक अनिर्धारित मालगाड़ी से टकरा गया था। अप्रत्याशित रूप से मरने वाली कई मशहूर हस्तियों की तरह, जंबो की मौत भी रहस्य और साज़िश में डूबी हुई घटना मानी जाती है।
ऐसा भी माना जाता है कि बार्नम के अनुरोध पर ही जंबो को जानबूझकर पटरियों पर ले जाया गया था। दरअसल जंबो का स्वास्थ्य खराब रहता था। इसलिए बार्नम पर यह आरोप लगाया जाता है कि सर्कस को पशु क्रूरता के आरोपों से बचाने के लिए इस 'अजीब दुर्घटना' का मंचन किया गया था। अब आइये जानते है कैसे अमेरिका के रिपब्लिकन पार्टी के प्रतीक बना हांथी? आज के समय में हाथी अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक चिन्हों में से एक बन गए हैं। 1854 में अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) अस्तित्व में आई और इसके ठीक छह साल बाद अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) राष्ट्रपति चुने जाने वाले इसके पहले सदस्य बने। गृहयुद्ध के दौरान, एक राजनीतिक कार्टून और एक अखबार के चित्रण में एक हाथी की छवि दिखाई दी, जो रिपब्लिकन पार्टी का प्रतीक बन गई थी। वाक्यांश "हाथी को देखना" युद्ध का अनुभव करने के लिए एक सैनिक का शब्द था। लेकिन हाथी 1874 तक रिपब्लिकन के लिए एक लोकप्रिय प्रतीक नहीं बन सका। उस वर्ष, थॉमस नास्ट (Thomas Nast) नामक एक प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट (Cartoonist) ने हार्पर वीकली (Harper's Weekly) नामक पत्रिका में रिपब्लिकन के लिए एक हाथी बनाया। नास्ट अपने कार्टूनों में रिपब्लिकन के लिए हाथी का उपयोग करते रहे। 1880 तक, अन्य कार्टूनिस्टों ने भी उनकी नकल करनी शुरू कर दी और इस प्रकार हाथी रिपब्लिकन पार्टी का प्रतीक बन गया।

संदर्भ
http://tinyurl.com/m4rc9f36
http://tinyurl.com/47w956xc
http://tinyurl.com/4ac6sknd

चित्र संदर्भ
1. जंबो की विशालकाय प्रतिमा को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. जंबो की सवारी के चित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
3. जंबो को देखने के लिए लगी भीड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
4. जंबो के लंदन चिड़ियाघर छोड़ने से दयनीय इनकार ने देश के दिलों को झकझोर दिया था" इस दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. नये दोस्तों के साथ जंबो को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
6. एक विशाल हाथी को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
7. रिपब्लिकन पार्टी के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)

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