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हमारा लखनऊ एक ऐसा शहर है, जो लंबे समय से सिनेमा जगत की जड़ों से जुड़ा हुआ है। हमारे शहर में कई प्रसिद्ध अभिनेता एवं अभिनेत्रियों तथा प्रख्यात थिएटर दिग्गजों का जन्म हुआ है। लखनऊ में थिएटर संस्कृति दशकों से समृद्ध रही है, और यह दिन-ब-दिन उभरते कलाकारों के बीच बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं कि, कैसे हमारे शहर के वास्तुशिल्प स्थल और संस्कृति फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करते रहते हैं।निम्नलिखित कुछ फिल्मों की शूटिंग लखनऊ में हुई हैं।
चौदहवीं का चांद (1960):
60 के दशक की शुरुआत में, लखनऊ शहर सिल्वर स्क्रीन यानी सिनेमा में, दिग्गजों को लुभाने में कामयाब रहा, जब ‘चौदहवीं का चांद’ यह फिल्म शहर में शूट की गई थी।
शतरंज के खिलाड़ी (1977):
सत्यजीत रे की इस अद्भुत फिल्म के बारे में कौन नहीं जानता होगा? यह सिनेमा लखनऊ के बड़ा इमामबाड़े को अपनी पृष्ठभूमि के रूप में प्रदर्शित करता है। अवध में स्थापित, ‘शतरंज के खिलाड़ी’ ने सहजता से नवाबों के शहर के सार को पकड़ लिया है।
बहन होगी तेरी (2017):
राजकुमार राव एवं श्रुति हसन अभिनीत, प्रेमकथा व व्यंग्य वाली फिल्म– ‘बहन होगी तेरी’ के कुछ दृश्यों में लखनऊ की सर्दियों के घने लेकिन शांत कोहरे को दिखाया गया है।
रात अकेली है (2020):
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे इस मनोरंजक रहस्यमय अपराध वाली फिल्म में चमकते हैं, जो लखनऊ के सार को दर्शाती है। ‘रात अकेली है’ फिल्म की काफ़ी शूटिंग लखनऊ में की गई है। शहर की कैसरबाग हम इसमें देख सकते हैं।
गुलाबो सिताबो (2020):
यदि आप सच्चे लखनऊवासी हैं, तो आप इस फिल्म में दिखाए गए पुराने लखनऊ के दृश्यों को देख सकते हैं । हवेली से शहर के प्रवेश द्वार, और चर्च से लेकर सड़कों तक, ‘गुलाबो सिताबो’ सुंदर और जटिल रूप से शहर की प्राचीन वास्तुकला की भावना को दर्शाता है।
विक्रम वेधा (2022):
‘विक्रम वेधा’ की शूटिंग हमारे शहर में हुई है। सैफ अली खान एवं रितिक रोशन अभिनीत इस फिल्म ने कई आलोचकों और प्रशंसकों का दिल जीत लिया है।
उमराव जान (1981):
नवाबों के शहर और सिनेमा के बीच मौजूद रिश्ता, पुराने समय से ही रोमांचक रहा है। मुख्य रूप से लखनऊ के मलिहाबाद और फैजाबाद के कुछ हिस्सों में फिल्माई गई, ‘उमराव जान’ एक ऐसी चिरस्थायी फिल्म है, जिसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि अभी भी दर्शकों को आश्चर्यचकित कर देती है।
गदर सीरीज़ (2001, 2023):
फिल्मों के एक्शन (Action) और रोलिंग (Rolling) कैमरे दोनों ही लखनऊ को पसंद करते हैं! ‘गदर : एक प्रेम कथा’ (2001) और ‘गदर 2’ (2023) इन दोनों फिल्मों की शूटिंग लखनऊ में की गई है। क्या आप जानते हैं कि, ‘गदर : एक प्रेम कथा’ फिल्म में जिसे पाकिस्तान का लाहौर शहर दिखाया गया था, वह लखनऊ का ला मार्टिनियर कॉलेज है?
इन रोचक फिल्मों के अलावा, हमारे शहर के लिए प्रशंसा लाते हुए, लखनऊ के अनुभवी अभिनेता और थिएटर कलाकार डॉ. अनिल रस्तोगी को वर्ष 2019 के लिए, प्रतिष्ठित ‘कालिदास सम्मान’ मिला है। ‘दर्पण थिएटर ग्रुप’ के महासचिव डॉ. रस्तोगी को, अभिनय, संस्कृति और रंगमंच क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा, 2 लाख के नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है।
लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. अनिल रस्तोगी ने थिएटर, टेलीविजन (Television) और फिल्मों में भी बड़े पैमाने पर काम किया है। यहां विशेष रूप से उल्लेख करना चाहिए कि, डॉ. रस्तोगी ने आज तक 600 से अधिक थिएटर प्रस्तुतियां दे चुके हैं। थिएटर के अलावा, उन्होंने ‘इश्कजादे’, ‘मुल्क’, ‘मैं मेरी पत्नी और वो’ तथा ‘रेड’ जैसी फिल्मों में काम करके बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई है।
‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’, ‘उड़ान’, ‘रजिया सुल्तान’ और कुछ अन्य नाटकों के साथ टेलीविजन उद्योग में अपनी काबिलियत साबित करने के बाद, डॉ. रस्तोगी ने अब ‘आश्रम’ जैसी ऑनलाइन वेब सीरीज (Web series) में भी कदम रखा है। डॉ. रस्तोगी ने उनकी प्रतिभा को पहचानने और इस क्षेत्र में उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए, मध्य प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि, यह सम्मान उन्हें अब और भी अधिक मेहनत और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करता है। इस पुरस्कार के अलावा, अभिनेता को पहले भी ‘यश भारती’, ‘उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’, ‘उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी फेलो’ और ‘अवध सम्मान’ जैसी कई अन्य मान्यताएं मिल चुकी हैं।
जबकि, अभिनेता– डॉ. रस्तोगी अपने उत्कृष्ट अभिनय कौशल के लिए जाने जाते हैं, बहुत से लोग उनकी मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बारे में नहीं जानते हैं। एमएससी (M.Sc) और पीएचडी (Ph.D) के साथ, डॉ. रस्तोगी ने लखनऊ के सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Lucknow’s Central Drug Research Institute) में भी काम किया है। वह एक पूर्व वैज्ञानिक के रुप में, 2003 में जैव रसायन के प्रमुख और निदेशक ग्रेड वैज्ञानिक के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
दूसरी ओर, डॉ. रस्तोगी के अलावा, फ़िल्म संगीतकार– नौशाद अली; बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक और गीतकार– अमिताभ भट्टाचार्य; गायक– तलत महमूद एवं गायिका– कनिका कपूर हमारे शहर लखनऊ के कुछ अन्य रत्न हैं, जो हिंदी सिनेमा एवं मनोरंजन जगत में हमारे शहर का नाम ऊँचा कर रहें हैं।
संदर्भ
http://tinyurl.com/3mud6fkb
http://tinyurl.com/yz294sk7
http://tinyurl.com/pyw36ekx
चित्र संदर्भ
1. ला मार्टिनियर कॉलेज और ग़दर के पोस्टर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia, flickr)
2. चौदहवीं का चाँद के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. शतरंज के खिलाड़ी के डीवीडी कवर आर्ट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. बहन होगी तेरी के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. रात अकेली है (2020) के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. गुलाबो सिताबो (2020) के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. विक्रम वेधा (2022) के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. उमराव जान (1981) के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. गदर सीरीज़ (2001, 2023) के पोस्टर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. अभिनेता– डॉ. रस्तोगी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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