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भारत एक कृषि प्रधान देश है। हमारे लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में 18 मिलियन से अधिक परिवार अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। 2011 तक, राज्य के लगभग 59% कार्यबल अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर थे। इसके अलावा आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा (लगभग 55% ग्रामीण व्यक्ति), या तो स्वयं कृषि में नियोजित था या खेतिहर मज़दूर के रूप में काम कर रहा था। पशुधन क्षेत्र को यूपी में विकास का प्राथमिक चालक माना जाता है, इसके बाद चीनी, वानिकी, अनाज, फल और सब्जियां और मत्स्य पालन का स्थान आता है। 2012-13 के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 70वें दौर के अनुसार, यूपी में एक कृषि परिवार की औसत मासिक आय लगभग रु. 4900 दर्ज की गई है। इसलिए फसलों से जुड़े मौसम पैटर्न को समझना हर किसी के लिए ज़रूरी हो जाता है।
भारत में खेती करने का समय जुलाई से जून के बीच चलता है। भारत में फसल मौसम (harvest season) को दो मुख्य भागों ख़रीफ़ (जुलाई-अक्टूबर) और रबी (अक्टूबर-मार्च) में बांटा गया है। मार्च और जून के बीच उगाई जाने वाली फसलें ग्रीष्मकालीन फसल कहलाती हैं। खरीफ' और 'रबी' शब्द अरबी भाषा से आए हैं, जिनका अर्थ क्रमशः शरद ऋतु और वसंत ऋतु होता है। इन शब्दों का प्रयोग पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी किया जाता है। खरीफ की फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर (दालें), सोयाबीन, मूंगफली (तिलहन) और कपास आदि शामिल हैं। वहीँ रबी की फसलों में गेहूं, जौ, जई (अनाज), चना (दालें), अलसी और सरसों (तिलहन) आदि शामिल हैं।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र की गर्म जलवायु के कारण यहाँ पर फसलों की वृद्धि पूरे साल हो सकती है। उत्तर प्रदेश में ख़रीफ़ और रबी की फसलों में से रबी का मौसम कृषि के लिए अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा सिंचाई तक पहुंच और वर्षा पैटर्न जैसे कारक भी बड़े पैमाने पर फसल पैटर्न को निर्धारित करते हैं।
हालाँकि, भारी बारिश या शुष्क अवधि बोवाई में बाधा डाल सकती है। उदाहरण के लिए, कोलम्बिया (Colombia) में कॉफ़ी की कटाई साल भर की जाती है, लेकिन इंडोनेशिया (Indonesia) में, फसल का मौसम अक्सर भारी बारिश के कारण बाधित हो जाता है।
समशीतोष्ण क्षेत्रों में ग्रीष्मकाल बहुत गर्म और सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं। कोई स्थान भूमध्य रेखा से जितना दूर होगा, वहाँ पर फसल उगाने का मौसम उतना ही छोटा होगा। उदाहरण के लिए, अलास्का (alaska) में फसल उगाने के लिए केवल 105 दिन मिलते हैं।
इसके अलावा समुद्र तल से ऊंचाई भी बढ़ते मौसम को प्रभावित करती है क्योंकि अधिक ऊंचाई पर तापमान आमतौर पर ठंडा होता है। उदाहरण के लिए, कैलिफोर्निया (California) के सिएरा नेवादा पहाड़ों (Sierra Nevada Mountains) में, फसलों का मौसम केवल 50 दिनों का होता है, लेकिन राज्य के दक्षिणी तट पर, यह 365 दिनों तक रहता है। यूरोपीय संघ में, गेहूं, रेपसीड, राई और ट्रिटिकेल जैसी फसलें आमतौर पर सर्दियों में उगाई जाती हैं। दूसरी ओर, मक्का, सूरजमुखी, चावल, सोयाबीन, आलू और चुकंदर आमतौर पर गर्मियों में उगाए जाते हैं। जौ एक बहुमुखी फसल है, जो सर्दी और बसंत दोनों मौसमों में उगाई जाती है। शुष्क परिस्थितियों के बावजूद ऑस्ट्रेलिया, को दुनिया भर में एक शीर्ष कृषि उत्पादक के रूप में अपने हरे भरे खेत और स्वच्छ, सुरक्षित फसलों के लिए जाना जाता है। यहाँ की मुख्य फसलें गेहूं, जौ, कैनोला, कपास, गन्ना, फल और सब्जियाँ हैं, साथ ही यहाँ पर ज्वार, जई, चावल, दालें और मक्का भी उगाए जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेती शुरू करने का आदर्श मौसम गर्मी का समय होता है।
भारत में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय, कृषि और सहयोग विभाग तथा कृषि मंत्रालय प्रत्येक कृषि वर्ष में देश की प्रमुख कृषि फसलों के उत्पादन के चार अग्रिम अनुमान और फिर अंतिम अनुमान जारी करता है।
1-पहला अग्रिम अनुमान सितंबर में जारी किया जाता है और इसमें केवल ख़रीफ़ फसलों को शामिल किया जाता है।
2-दूसरा अग्रिम अनुमान अगले वर्ष फरवरी में जारी किया जाता है और इसमें खरीफ और रबी दोनों फसलों को शामिल किया जाता है।
3-तीसरा अग्रिम अनुमान अप्रैल-मई में जारी किया जाता है और इसमें रबी फसलों पर संशोधित डेटा और खरीफ फसलों की बेहतर उपज का अनुमान शामिल होता है।
4-चौथा अग्रिम अनुमान जुलाई-अगस्त में जारी किया जाता है और इसे लगभग अंतिम अनुमान जितना ही अच्छा माना जाता है।
5-अंतिम अनुमान चौथे अग्रिम अनुमान के लगभग सात महीने बाद जारी किए जाते हैं। अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा अंतिम अनुमान जारी होने के बाद राज्य स्तर के आंकड़ों में कोई संशोधन स्वीकार नहीं किया जाता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/yc3fsrwk
http://tinyurl.com/b4u4xvte
http://tinyurl.com/5n7e7hz6
http://tinyurl.com/29f4dcsb
http://tinyurl.com/bdextbv5
http://tinyurl.com/3ya7e4yx
चित्र संदर्भ
1. खेती करते किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. धान बोते किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. फसल काटते किसानों को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
4. पहाड़ों में खेती को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
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