आधुनिक खगोल शास्त्री कैसे करते हैं, तारों का नामकरण?

शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक
26-12-2023 09:51 AM
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आधुनिक खगोल शास्त्री कैसे करते हैं, तारों का नामकरण?

अनंत ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने में प्राचीन काल से ही भारतीय विद्वान अग्रणी रहे हैं। हालांकि न केवल भारत बल्कि दुनिया भर की प्राचीन सभ्यताओं में सितारों, नक्षत्रों और ग्रहों के अपने-अपने नाम हुआ करते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में सितारों के नामों का वास्तविक मानकीकरण 2016 में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ यानी इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (International Astronomical Union) नामक पेशेवर खगोलशास्त्रियों के एक समूह द्वारा वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार नेम्स (Working Group On Star Names (WGSN) नामक संगठन की स्थापना के साथ शुरू हुआ। इस समूह के गठन से पहले, तारों के नामों की कोई आधिकारिक सूची मौजूद नहीं थी। इससे पहले तारों के कई अलग-अलग नाम होते हैं, जो इन्हें विभिन्न संस्कृतियों या खगोलविदों द्वारा दिए गए थे। ये नाम अक्सर भ्रमित करने वाले होते थे। उदाहरण के लिए, जिस तारे को हम आम तौर पर फोमलहौट (Fomalhaut) कहते हैं, उसके 40 से अधिक अलग-अलग नाम थे। वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार नेम्स का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है, कि तारों के नाम की आधिकारिक सूची सभी मानव संस्कृतियों का निष्पक्ष रूप से प्रतिनिधित्व करती हो। फिलहाल, 451 सितारे ऐसे हैं,जिन्हें आधिकारिक नाम दिए जा चुके हैं। इन नामों को हाल ही में अनुमोदित किया गया था, लेकिन इनमें से अधिकांश का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है।
सितारों के अधिकांश पारंपरिक नाम अरबी संस्कृति से लिए गए हैं। इनका उपयोग एक हज़ार साल पहले या तो अरब प्रायद्वीप में या दूसरी शताब्दी में क्लॉडियस टॉलेमी (Claudius Ptolemy) नामक ग्रीक ज्योतिर्विद द्वारा लिखी गई ग्रीक पुस्तक “अल्मागेस्ट (Almagest)” के अरबी अनुवाद से शुरू हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ या इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन एक ऐसा समूह है, जो खगोल विज्ञान से जुड़ी सभी चीजों और घटनाओं का प्रबंधन करता है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के तहत 2016 में, वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार नेम्स नामक एक टीम बनाई गई, जिसका काम सितारों के नामों की एक सूची बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया भर के खगोलविदों द्वारा इन्हीं नामों का उपयोग किया जाएं। तारों के नाम तय करने वाला यह समूह, तारों के पूरे समूह का नाम रखने के बजाय अलग-अलग तारों को नाम देता है। इसके अलावा आईएयू यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि हम किसी सितारे के 'नाम' और उसके 'पदनाम' के बीच अंतर को समझें। एक तारे का 'नाम' वह होता है, जिसे हम आम तौर पर दैनिक बातचीत में उपयोग करते हैं, जैसे नॉर्थ स्टार (North Star) के लिए 'पोलारिस (Polaris)' का प्रयोग किया जाता है।
दूसरी ओर, किसी तारे का 'पदनाम' पेशेवर खगोलविदों और आधिकारिक सितारा कैटलॉग (Star Catalogs) में इस्तेमाल किया जाने वाला एक तकनीकी शब्द होता है, जो आमतौर पर अक्षरों और संख्याओं से बना होता है, जैसे कि नॉर्थ स्टार के लिए 'अल्फा उर्से माइनोरिस (Alpha Ursae Minoris)' नाम का प्रयोग किया जाता है। स्टार नेम्स पर कार्य समूह (डब्ल्यूजीएसएन) ने सितारों के नामकरण के लिए कुछ प्रारंभिक नियम निर्धारित किए हैं। यहां इन नियमों की सरल व्याख्या दी गई है:
- विश्व विरासत को संरक्षित करने वाले नामों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नए नामों की तुलना में पारंपरिक और सांस्कृतिक नामों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- नाम 4 से 16 अक्षरों के बीच लंबे होने चाहिए, छोटे नामों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- नाम कम से कम एक भाषा में उच्चारण करने में आसान होने चाहिए और आपत्तिजनक नहीं होने चाहिए।
- नाम किसी तारे, ग्रह, चंद्रमा या छोटे ग्रह के मौजूदा नाम से बहुत मिलते-जुलते नहीं होने चाहिए।
- कुछ दुर्लभ ऐतिहासिक मामलों को छोड़कर, चमकीले सितारों के लिए व्यक्तियों के नाम की अनुमति नहीं है।
- मुख्य रूप से राजनीतिक या सैन्य गतिविधियों, व्यावसायिक प्रकृति, पालतू जानवरों और संक्षिप्ताक्षरों के लिए जाने जाने वाली घटनाओं से संबंधित नामों की अनुमति नहीं है। द वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार नेम्स (डब्ल्यूजीएसएन) नामक खगोलविदों के इस समूह ने 2016 से नए नामों के साथ कई बुलेटिन प्रकाशित किए हैं। इनके पहले बुलेटिन में 125 नाम थे और दूसरे में 102 नाम थे। इस समूह ने 2017 में, दुनिया भर की संस्कृतियों में इस्तेमाल होने वाले 86 नए नामों की घोषणा की, जिनमें चीनी, पॉलिनेशियन, माया, ऑस्ट्रेलियाई, दक्षिण अफ़्रीकी और हिंदू नाम भी शामिल हैं।
भारत में लगभग 3000 वर्षों से, लोग राशि चक्र के साथ सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति को ट्रैक करने के लिए 27 सितारों की सूची का उपयोग कर रहे हैं। इन सितारों के नाम कई ग्रंथों में दर्ज हैं। इस बीच, चीनियों के पास भी अपने स्वयं के स्टार कैटलॉग (Star Catalog) हुआ करते थे, जिनमें लगभग 1400 सितारे शामिल थे, लेकिन उनमें से सभी के पास निर्देशांक नहीं थे।

संदर्भ
http://tinyurl.com/h7pkwzcs
http://tinyurl.com/bhf5ryfs
http://tinyurl.com/53bask87

चित्र संदर्भ
1. फोमलहौट तारे को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन की एक नई किताब के कवर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक आसमानी तारे को दर्शाता एक चित्रण (Store norske leksikon)
4. अल्मागेस्ट पुस्तक के आरेख को दर्शाता एक चित्रण (World History Encyclopedia)
5. आकाशगंगा को दर्शाता एक चित्रण (worldhistory)

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