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लखनऊ देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले प्रदेश की राजधानी है, तथा यहाँ पर पूरे प्रदेश की प्रशासनिक गतिविधियाँ होती है जिसकारण लखनऊ में जनसंख्या में बढोत्तरी हुई है। जनसंख्या बढने के कारण यहाँ पर पर्यावरण में कई बदलाव आये हैं। लखनऊ शहर भारत के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में है और वर्तमान में यह शहर दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है- बढ़ते हुये शहर का और इसके व्यवस्था का तथा दूसरा पर्यावरण की गुणवत्ता बनाए रखने का। उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार शहर का वर्तमान क्षेत्रफल लगभग 310 स्क्वायर किमी है, जो की भविष्य में शहर के नियोजित विकास के अनुसार 1000 स्क्वायर किमी तक बढ़ने का अनुमान है। शहर के बाहरी इलाकों में विकसित क्षेत्रों में चार लेन की सड़कें हैं नए विकसित क्षेत्रों में उपयुक्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की अनुपस्थिति में वहां रहने वाले लोगों में ज्यादातर अपने वाहन (कार / बाइक) का उपयोग करते हैं। यह मुख्य शहर की सड़कों पर वाहनों के अतिरिक्त भार भी जोड़ता है, इस प्रकार शहर के वायु प्रदूषण में और इज़ाफा होता है।
ऊपर दिये तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, यदि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर, की हवा की गुणवत्ता की जांच करने की आवश्यकता है। 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ में कुल 28.15 लाख की जनसंख्या (नगर निगम + छावनी) रहती है और यह 310 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में है। लखनऊ शहर में वायु प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहन यातायात है। वाहनों के यातायात से प्रदूषकों का लगातार उत्सर्जन प्रतिकूल रूप से परिवेश वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करता है साथ ही इंसान के स्वास्थ्य पर भी। आर.टी.ओ. (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) लखनऊ में कुल पंजीकृत विभिन्न वाहनों की संख्या 31.03.2013, के आँकड़ों के अनुसार 14,24,478 है जो कि पिछले वर्ष से 8.35% अधिक है। उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (यूपी.एस.आर.टी.सी.) ने लखनऊ शहर के विभिन्न मार्गों पर "लखनऊ महानगर परिवहन सेवा" के तहत बस सेवाएं पेश की हैं। बस मार्गों और बसों की संख्या 31.03.2013 के अनुसार 160 बताई गई है। लखनऊ शहर में विभिन्न तेल कंपनियों द्वारा संचालित पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के लिए 100 भरण स्टेशन हैं।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के 31-03-2013 आँकड़ों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की खपत / बिक्री 1,28,440 और 1, 36,870 लीटर थी। यह देखा गया है कि पेट्रोलियम की बिक्री में 2.91% की वृद्धि हुई है जबकि डीजल की बिक्री में 4.98% की वृद्धि हुई है। लखनऊ में छह सीएनजी भरने वाले स्टेशन हैं और पिछले आँकड़ों के अनुसार सीएनजी की खपत 2,38,11,473 किलोग्राम थी (2012-13) जो कि पिछले वर्ष (2011-12) (ग्रीन गैस लिमिटेड, लखनऊ) की तुलना में 11.06% अधिक थी। गाड़ियों की बढती संख्या की वजह से लखनऊ में वायु प्रदूषण बड़ी संख्या में बढ रही है। वर्तमान समय में लखनऊ में एशिया का दसवाँ सबसे बड़ा पार्क बनाया गया है (जनेश्वर मिश्र पार्क) बनाया गया है इसके अलाँवा लखनऊ में कई अन्य हरित पार्कों का भी निर्माण किया गया है परन्तु यहाँ पर वायु प्रदूषण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग पर ज्यादा ज़ोर देकर व लखनऊ के बाहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की व्यावस्था यहाँ के प्रदूषण में कटौती कर सकती है। वर्तमान में लखनऊ में वायु प्रदूषण की स्थिति स्केल पर पी.एम 10 के अनुसार अत्यन्त दैनीय स्थिति पर है।
1. http://iitrindia.org/Admin/EnviromentalReport/IITR-ES-Nov-Report2013.pdf
2. http://www.rroij.com/open-access/assessment-of-air-pollution-in-lucknow-.pdf
3.. https://www.numbeo.com/pollution/compare_cities.jsp?
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