हिमाचल के किसान हरिमन शर्मा जी ने 45 डिग्री सेल्सियस गर्मी में भी सेब उगा दिए!

साग-सब्जियाँ
09-12-2023 10:32 AM
Post Viewership from Post Date to 09- Jan-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3090 375 3465
हिमाचल के किसान हरिमन शर्मा जी ने 45 डिग्री सेल्सियस गर्मी में भी सेब उगा दिए!

जो लोग सीधे तौर पर खेती किसानी से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी यह पता होना चाहिए कि जिस प्रकार एक ही जानवर की अलग-अलग प्रजातियां होती है, ठीक उसी प्रकार पेड़ों की भी अलग-अलग प्रजातियां होती। इसके अलावा जैसे दो अलग-अलग जानवरों के युग्मन से एक तीसरा जानवर पैदा किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार दो अलग-अलग पेड़ों की प्रजाति के संयोजन से पेड़ों की एक नई प्रजाति का निर्माण किया जा सकता है। इस विषय को और अधिक गहराई से समझने के लिए आज हम "सेब के पेड़" की विविधताओं पर एक नज़र डालेंगे।
हाल के वर्षों में बाजार में सेब की कई नई किस्में पेश की गई हैं। 2018 में ही, सेब की तीन नई अमेरिकी किस्में (क्रिमसनक्रिस्प (CrimsonCrisp), एवरक्रिस्प (EverCrisp) और फायरस्टॉर्म (Firestorm) बाजार में आईं। हालाँकि, सेब की नई किस्म तैयार करना कोई त्वरित प्रक्रिया नहीं है। इसमें बहुत समय और प्रयास लगता है, जिसमें सावधानीपूर्वक योजना बनाना, रोपण करना, चखना और परीक्षण करने जैसे कई चरण शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर कॉस्मिक क्रिस्प सेब (Cosmic Crisp Apple) को लें, तो इस किस्म को पूरी तरह से विकसित होने में 20 साल से अधिक का समय लगा था। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (Washington State University), के सेब-प्रजनन कार्यक्रम के प्रमुख केट इवांस (Kate Evans) बताते हैं, "एक बीज को फलदार पेड़ बनने में काफी समय लगता है।" "फिर, हमें हर साल इनमें से हजारों पेड़ों का मूल्यांकन करना पड़ता है। "
बाज़ार में सेब की नई किस्म आने से पहले, विशेषज्ञों को यह निर्धारित करना पड़ता है कि वे सेब की किन विशेषताओं को चाह रहे हैं। इनमें उनका आकार, उनका स्वाद, और उनके पोषक तत्व इत्यादि शामिल हैं। प्लांट एंड फूड रिसर्च (Plant and Food Research) के क्षेत्र में सेब की एक नई किस्म बनाने में विभिन्न चरणों में लगभग 45 विभिन्न विशेषताओं का मूल्यांकन किया जाता है। सेब की नई किस्म विकसित करना कई चरणों वाली एक लंबी प्रक्रिया होती है। इसका मुख्य लक्ष्य एक उच्च गुणवत्ता वाला सेब बनाना होता है, जिसे हर कोई खरीदना चाहेगा। सेब की नई किस्म तैयार करने के प्रत्येक दौर में, प्रजनक उनके भौतिक गुणों और आनुवंशिक संरचना को देखकर मूल सेब का चयन करते हैं। फलों के प्रजनक या ब्रीडर्स (Breeders), दो मुख्य बातों पर विचार करके क्रॉस ब्रीडिंग (cross breeding) के लिए सबसे अच्छे सेब अभिभावक (parents) को चुनते हैं।
ये दो मुख्य बाते हैं:
१. सेब कैसे दिखते हैं।
२.उनकी आनुवंशिक संरचना। पेड़ों के प्रजनन के क्षेत्र में नया मुक़ाम हासिल करने वाले, हमारे पहाड़ी राज्य और देश में सेब उत्पादकता में एक प्रमुख क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश के 64 वर्षीय हरिमन शर्मा एक सम्मानित किसान हैं, जिन्हें अपने नवीन दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। आपको जानकार हैरानी और प्रसन्नता भी होगी कि उन्होंने सेब की एक ऐसी अनूठी किस्म बनाई है, जो गर्म जलवायु में भी पनप सकती है। सेब आमतौर पर उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में समुद्र तल से 5000 से 8500 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाए जाते हैं, जहां उन्हें 1000 से 1500 घंटे तक ठंडा मौसम मिलता है। लेकिन हरिमन के सेब उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में उग सकते हैं, जहां गर्मियों का तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। सेब की इस किस्म को, हरिमन जी के नाम पर, HRMN-99 के नाम से जाना जाता है। इसे फूल आने और फल लगने के लिए तीव्र ठंड की आवश्यकता नहीं होती है। HRMN-99 किस्म, पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, कृषि मंत्रालय, सरकार के तहत पंजीकृत है। यह नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (National Innovation Foundation), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सरकार द्वारा भी संरक्षित है। खेती करना हरिमन जी की आय का प्राथमिक स्रोत है। हिमाचल में उनके पास लगभग 1.75 हेक्टेयर भूमि है जहां वह सेब, आम, अनार, कीवी, प्लम, खुबानी और आड़ू जैसे विभिन्न प्रकार के फल उगाते हैं। वह कॉफ़ी (Coffee) भी उगाते हैं। उनकी खेती की अनोखी बात यह है कि वह एक ही खेत में सेब और आम उगा सकते हैं। उनकी नवीन खेती के तरीकों ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के किसानों को 100,000 से अधिक सेब के पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया है, जो अब फल दे रहे हैं। हरिमन जी द्वारा विकसित सेब की किस्म HRMN-99 पर नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (National Innovation Foundation (NIF) के वैज्ञानिकों द्वारा शोध किया गया है। इसे भारत के सभी 29 राज्यों में लगाया गया है। अब इनमें से 23 राज्यों में इस सेब का फल सफलता पूर्वक उग रहा है। इस किस्म के पेड़ भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, जर्मनी और ज़ाम्बिया में भी फल दे रहे हैं। इस नवाचार की सफलता को साबित करने के लिए, हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री को 10 किलो सेब और 5 किलो आम भेंट किए गए!

संदर्भ
https://tinyurl.com/2mtyvnum
https://tinyurl.com/yphnwyn2
https://tinyurl.com/5vsmpe8n
https://tinyurl.com/43znaze4

चित्र संदर्भ
1. हिमाचल के किसान हरिमन शर्मा जी को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube, wikimedia)
2. पेड़ पर उगे सेबों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. सेब के पेड़ में फुलारी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. हरिमन शर्मा जी को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
5. पेड़ में उगे हरे सेब को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.