समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 17- Dec-2023 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1945 | 187 | 2132 |
आज की आधुनिक दुनियां में अधिकांश लोग भौतिक संपदा और सामाजिक ख्याति को पाने के लिए लगातार भाग रहे हैं; इस भागदौड़ी में हमने कई सदियों से प्रकृति के साथ स्थापित हुए अपने मौलिक संबंध को ही खो दिया है। वित्तीय बोझ, शैक्षिक और सामाजिक असमानताओं से ग्रस्त इस दुनिया में जीवित रहने के निरंतर संघर्ष के बीच, हम अपने चारों ओर मौजूद सुंदरता और प्रचुरता को नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि हमारे इस पृथ्वी नाम के गृह में आज भी कई ऐसे समुदाय मौजूद हैं, जो प्रकृति के साथ अद्भुत तालमेल और सद्भाव बनाकर चल रहे हैं उनका पेट आज भी पृथ्वी की उदारता से पोषित होता हैं। इनका अस्तित्व ही मानवता और प्राकृतिक दुनिया के बीच नाजुक संतुलन का एक प्रमाण है। हम बात कर रहे हैं, केन्या और तंजानिया (Kenya and Tanzania) के मसाई लोगों की जो कि एक खानाबदोश, चरवाहा जनजाति है। इस जनजाति ने आज भी बड़े पैमाने पर अपनी परंपराओं को संरक्षित और बरकरार रखा है। इस संस्कृति के लोग पश्चिमी और औपनिवेशिक प्रभावों से बचने में कामयाब रहे हैं।
मसाई समुदाय से हम सभी और भी बहुत कुछ सीख सकते हैं जैसे:
➷ जीवन की सादगी: मसाई लोग बहुत ही साधारण जीवन जीते हैं, उनके घर मिट्टी और गोबर से बने होते हैं; उनके घर में नल का पानी या बिजली नहीं आती। वे जलाऊ लकड़ी पर खाना पकाते हैं, ये लोग शिकार भी करते हैं और खेती भी करते हैं, और इसी से अपना पेट भरते हैं। इन सभी कठिनाइयों के बावजूद, वे एक खुश और एकजुट रहते हैं।
➷ प्रकृति के प्रति सम्मान: मसाई लोग प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जाने जाते हैं। वे मानते हैं कि जीवित रहने के लिए हमें पृथ्वी का सम्मान और देखभाल करनी चाहिए।
➷ एक योद्धा की भावना: मसाई मोरन ऐसे योद्धा होते हैं जो भाला और ढाल चलाना बखूबी जानते हैं। इनमें अपनी जनजाति के प्रति निष्ठा की भावना बहुत अधिक होती है।
➷ संस्कृति की सुंदरता: मसाई लोगों ने पश्चिमी संस्कृति को अपने पारंपरिक तरीकों को बनाए रखते हुए अपनाया है। ये लोग खुशमिजाज और जीवंत प्रकति के होते हैं।
इन सभी गुणों के अलावा मसाई लोगों के नाम भी बहुत सुंदर होते हैं और इनके नामों के गहरे अर्थ होते हैं। ये नाम अक्सर बच्चे के व्यक्तित्व या विशेषताओं को दर्शाते हैं।
मसाई लोग प्रकृति और उसकी उपचार शक्तियों के प्रति गहरा विश्वास रखते हैं। ये लोग अपने क्षेत्रों में पनपने वाली अधिकांश बिमारियों या कटने, जलने जैसी समस्याओं के निदान लिए एलोवेरा (aloevera) के पौधे का उपयोग करते हैं, जो की इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उगता है। साथ ही वहां पर इसकी जड़ों का उपयोग उनकी पारंपरिक बियर (Beer) बनाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा हाथी और भैंस जैसे जंगली जानवरों के उपचार के लिए भी यहां एलोवेरा का उपयोग किया जाता है।
मसाई लोगों का पारंपरिक ज्ञान और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व, बाकी दुनिया के लिए मूल्यवान सबक है। मसाई लोग, लंबे समय से जीविका और उपचार दोनों के लिए अपने परिवेश की समृद्ध जैव विविधता पर निर्भर रहे हैं। मजबूत लकड़ी से घर बनाने से लेकर औषधीय पौधों से पारंपरिक दवाएं तैयार करने तक, मसाई लोगों ने प्राकृतिक दुनिया की चिकित्सीय क्षमता की गहरी समझ विकसित की है।
लेख में आगे उन दस उल्लेखनीय पौधों की सूची दी गई है, जो मसाई पारंपरिक चिकित्सा परंपरा में एक विशेष स्थान रखते हैं:
➲ बबूल हॉकी (Acacia hockii): एक पौष्टिक अकाल भोजन (famine food) , जिसकी छाल और फाइबर कठिन समय के दौरान मददगार साबित होते हैं।
➲ एरावा लनाटा (Aerava lanata): इसे माउंटेन नॉटग्रास (Mountain Knotgrass) के नाम से भी जाना जाता है, इसकी पत्तियां मधुमेह और गुर्दे की समस्याओं जैसी बीमारियों से राहत देती हैं।
➲ एल्बिजिया एंथेलमिंटिका (Albizia anthelmintica): यह एक बहुमुखी पौधा होता है, जिसकी पत्तियां एक हर्बल योजक, एक मनो-सक्रिय उत्तेजक और नमक के विकल्प के रूप में काम करती हैं।
➲ सिनामोनियम कैसिया (Cinnamonium Cassia): यह दालचीनी परिवार का एक सदस्य होता है, जिसकी छाल पेट दर्द से राहत दिलाती है।
➲ हैरिसोनिया एबिसिनिका ओलिव (Harrisonia abyssinica Oliv): इसका टॉनिक के रूप में सेवन करने से जोड़ों और शरीर के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
➲ लिओनोटिस नेपेटिफ़ोलिया (Leonotis nepetifolia): इस पौधे का उपयोग खाद्य योज्य और खांसी और बुखार के इलाज के रूप में किया जाता है।
➲ पपीया कैपेंसिस (Pappea capensis): मासाई योद्धा पारंपरिक रूप से रक्त साफ करने वाले टॉनिक के रूप में इसकी छाल का सेवन करते हैं।
➲ स्ट्राइक्नोस हेन्निंग्सि गिलग (Strychnos henningis Gilg): सूप में उबालकर इसकी जड़ें, और तने की छाल स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है और जोड़ों और शरीर के दर्द से राहत दिलाती है। इसकी लकड़ी का उपयोग झोपड़ी निर्माण में भी किया जाता है।
➲ वर्नोनिया ब्राचीकैलिक्स ओ (Vernonia brachycalyx O.): यह एक मूल्यवान मलेरियारोधी पौधा है, जिसकी जड़ को पीसकर या खुरचकर पानी में रखा जाता है, जिसका उपयोग तरल रोगियों को उल्टी प्रेरित करने और मलेरिया परजीवियों को बाहर निकालने के लिए दिया जाता है।
➲ वारबुगिया युगांडेंसिस (Warbugia ugandensis): इसे अफ़्रीकी ग्रीनहार्ट (african greenheart) के रूप में भी जाना जाता है, इसके जीवाणुरोधी और एंटिफंगल (antifungal) गुण इसे एक मूल्यवान औषधीय संसाधन बनाते हैं। अध्ययन से पता चला कि मासाई औषधीय प्रयोजनों के लिए आश्चर्यजनक 289 पौधों की प्रजातियों का उपयोग करते हैं, जो प्रकृति में पाए जाने वाले उपचार गुणों के बारे में उनकी गहरी समझ को प्रदर्शित करता है। इन पौधों का उपयोग मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
मसाई लोग आमतौर पर काढ़े के रूप में औषधीय उपचार तैयार करते हैं: इनके चिकित्सीय यौगिकों को निकालने के लिए पौधों के हिस्सों को पानी में उबालते हैं। पीढ़ियों से चली आ रही उनकी पारंपरिक प्रथाएं, पौधे-आधारित चिकित्सा की क्षमता में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। इस प्राचीन ज्ञान को संरक्षित और सम्मानित करके, हम सभी के लाभ के लिए, इस आधुनिक युग में प्रकृति की उपचार शक्ति का उपयोग करना जारी रहना चाहिए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mw24rzty
https://tinyurl.com/4jcmusya
https://tinyurl.com/ym9zbc5p
https://tinyurl.com/28ucmdnj
चित्र संदर्भ
1. पेड़ के नीचे एकत्रित मसाई जनजाति के लोगों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मसाई लोगों को दर्शाता एक चित्रण (worldhistory)
3. झोपड़ी बनाती मसाई महिला को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. मसाई स्कूल को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. मसाई चिकित्सक महिला को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.