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भूलभुलैया, जिसे अंग्रेजी में मेज़ कहा जाता है (Maze), हजारों वर्षों से मानव संस्कृति का एक हिस्सा रही है।भूलभुलैया का एक प्राचीन इतिहास है। वे हमारे लिए, आध्यात्मिक रूप से शांत या दृष्टि में उत्तेजक हो सकती हैं।हालांकि, पहली भूलभुलैया एक भूलभुलैया नहीं थी, उसमें केवल एक घुमावदार रास्ता था।
“भूलभुलैया” यह शब्द 13वीं शताब्दी का है, और यह मध्ययुगीन अंग्रेजी शब्द ‘mæs’ से आया है। जबकि, कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह शब्द 14वीं शताब्दी का हो सकता है, और लैटिन (Latin) व ग्रीक(Greek) शब्दों से निकला है।
भूलभुलैया को सबसे पहली बार एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में डिज़ाइन किया गया था;ताकि, आगंतुक को एक ही रास्ते पर मार्गदर्शन किया जा सके, जो घुमावदार लेकिन शांत हो। इन्हें दरअसल, लैबीरिंथ(Labyrinth) कहा जाता था।
जबकि, पहली ज्ञात भूलभुलैया 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में,मिस्र(Egypt) में थी ।प्राचीन काल की सबसे प्रसिद्ध भूलभुलैयाओं में से एक भूलभुलैया, ग्रीस में क्रेटन भूलभुलैया(Cretan Labyrinth)है।रोमन साम्राज्य में अक्सर ही, सड़कों पर या दरवाजों के ऊपर भूलभुलैया रूपांकनों का इस्तेमाल किया जाता था। तथा लगभग हमेशा ही, इनके केंद्र में मिनोटौर(Minotaur) की छवि होती थी, जोकि प्राचीन यूनानी किवदंतियों का एक जीव था, जिसका शरीर मनुष्य का और सिर बैल का होता है । कुछ अन्य भूलभुलैया उत्तरी यूरोपीय संस्कृतियों के खंडहरों में पाए गए हैं। वहां भी भूलभुलैया का अपना एक विशिष्ट महत्त्व था।
रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, अधिकांश भूलभुलैयां धार्मिक प्रकृति की हो गई।तब उन्हें धार्मिक परिक्षेत्रों के फर्श और दीवारों पर चित्रित किया जाने लगा था। इन भूलभुलैयाओं का अर्थ एक रहस्य बना हुआ है, हालांकि, इसके संदर्भ में कई सिद्धांत मौजूद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि,भूलभुलैयाओं का घुमावदार रास्ता प्रारंभिक ईसाइयों के कठिन जीवन का प्रतीक था। जबकि कुछ अन्य लोगों को लगता है कि, भूलभुलैया का उद्देश्य पाप की उलझी हुई प्रकृति को चित्रित करना था।
लैबीरिंथ अर्थात भूलभुलैया में, बाहर से केंद्र की ओर एक “यूनिकरसल (Unicursal)” या एक-तरफ़ा पथ बनता हैं। किसी भूलभुलैया से गुजरते हुए, हम दिशा भूल सकते है। क्योंकि, अक्सर ही, भूलभुलैया को जानबूझकर डिजाइन किया जाता है, ताकि इसके केंद्र तक पहुंचने में लंबा समय लगे, और जिससे कई मोड़ों एवं घुमावों को पार करते हुए ध्यानपूर्ण चिंतन को प्रोत्साहित किया जा सके।
उल्लेखनीय रूप से, भूलभुलैया और लैबीरिंथ समान रूप में, प्राचीन दुनिया की कलाकृतियों पर पाए जा सकते हैं।स्पेन(Spain) में कांस्य युग से लेकर,आयरलैंड(Ireland) और हमारे देश भारत तक; उत्तरी अफ़्रीका(Africa) से लेकर अमेरिकी दक्षिण पश्चिम तक, कई संस्कृतियों में भूलभुलैया का जिक्र पाया जा सकता हैं।
क्रीट की भूलभुलैया(Labyrinth of Crete), ग्रीक मिथकों के सभी प्रेमियों को परिचित है। 5वीं शताब्दी में एक ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस(Herodotus) ने एक प्राचीन मिस्र की भूलभुलैया का वर्णन किया है, जिसमें कहा गया है कि: “पिरामिड(Pyramids)किसी भी वर्णन से बेहतर हैं, लेकिन भूलभुलैया पिरामिड से भी बेहतर है।” रोमन इतिहासकार प्लिनी(Pliny) ने भी पूरे यूरोप और उत्तरी अफ्रीका की प्राचीन भूलभुलैया के बारे में लिखा है।
जैसे कि हमनें पढ़ा ही हैं, भूलभुलैया का उपयोग अक्सर ही, शरीर और दिमाग को शांति की स्थिति में लाने के लिए किया जाता है, जहां कोई व्यक्ति आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। धार्मिक भूलभुलैया के सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक, फ्रांस का चार्ट्रेस कैथेड्रल(Chartres Cathedral) है, जिसे 13वीं शताब्दी में बनाया गया था। आज यह आगंतुकों के लिए, कुछ खास दिनों पर घूमने के लिए उपलब्ध है।
आज, भूलभुलैया का आकार सार्वजनिक उद्यानों और विद्यालयों जैसे स्थलों पर, हमारे लिए चिंतनशील क्षण बनाता है। ध्यान और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, उपयोग किए जाने वाले लैबीरिंथ, अस्पतालों और रिट्रीट केंद्रों(Retreat centre) में विश्राम सुविधा प्रदान करने में, मदद कर सकते हैं।
हेज(Hedge) भूलभुलैया कभी ब्रिटिश औपचारिक उद्यानों और संपदाओं का मुख्य आधार थी। “दुनिया के इतिहास में, सबसे प्रसिद्ध भूलभुलैया” के रूप में प्रख्यात, हैम्पट नमेज़(Hampton Maze) मूल रूप से 1690 में,बनाई गई थी एवं वह अब भी वहां है।जबकि, 18वीं शताब्दी तक हेज भूलभुलैया पूरे इंग्लैंड(England) में लोकप्रिय हो गई।
आज, इन पारंपरिक भूलभुलैया से प्रेरित होकर, कुछ ऑनलाइन खेल भी बनाए गए हैं। इसका एक उदाहरण, मेज़ गेम(Maze game) है, जो कि एक वीडियो गेम(Video game) शैली का खेल है।पहली बार, इसका उपयोग 1980 के दशक के दौरान पत्रकारों द्वारा भूलभुलैया खेल का वर्णन करने के लिए, किया गया था।इसमें राक्षसों से बचने, प्रतिद्वंद्वी को मात देने, या समय सीमा के भीतर भूलभुलैया में संचालन करने हेतु, खिलाड़ी द्वारा त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, द विटनेस(The Witness) नामक वीडियो गेम मुख्य रुप से, भूलभुलैया पर ही आधारित है।
इन सब से परे, क्या आप कभी हमारे शहर लखनऊ की भूलभुलैया में होकर आए हैं?लखनऊ, नवाबों द्वारा निर्मित कई वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक चमत्कारों का घर है। उनमें से ही एक है, भूल भुलैया, जो कि, शहर के बड़ा इमामबाड़ा में 1,000 से अधिक गलियारों एवं 489 समान दरवाजों की वास्तुकला है।इमामबाड़ा में 45 सीढ़ियां यहां हमें भूल भुलैया के शुरुआती बिंदु तक ले जाती है। यह प्रथम श्रेणी की ध्वनिक प्रणाली वाली एक सुरंग है, जहां माचिस की तीली जलाने की आवाज भी 50 मीटर दूर से सुनी जा सकती है।
यह संरचना दरअसल 240 साल पुरानी है। कई मार्गों तथा गलियारों के अलावा, यहां एक छिपी हुई सुरंग भी है, जो दिल्ली की ओर जाती है, जबकि, एक दूसरी सुरंग आगरा की ओर जाती है। स्थानीय पर्यटन गाइडों का कहना है कि, इस भूल भुलैया के भीतर कुछ गुप्त कक्ष भी हैं।किंवदंती है कि, कई लोग जो बिना किसी पर्यटन गाइड के भूलभुलैया के अंदर गए थे एवं जिनमें ब्रिटिश भी शामिल थे, कभी वापस ही नहीं लौटे।
दरअसल, यहां लगभग 1,000 प्रवेश बिंदु हैं, लेकिन कहा जाता है कि, निकास केवल एक ही है। और अधिकांश सुरंगें अब जनता के लिए बंद हैं।इसकी इमारत की छत पर जटिल नक्काशीदार खिड़कियां हैं। बड़ा इमामबाड़ा और इसकी भूल भुलैया का इतिहास और वास्तुकला इसे एक लोकप्रिय यात्रा और पर्यटन स्थल बनाती है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3hnw3uae
https://tinyurl.com/3k3xu3rw
https://tinyurl.com/2k2va56b
https://tinyurl.com/2ubd4n77
https://tinyurl.com/yrmwtbzf
चित्र संदर्भ
1. लखनऊ की भूलभुलैया को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मेज़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. क्रीट की भूलभुलैया को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
4. फ्रांस के चार्ट्रेस कैथेड्रल को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
5. लखनऊ की भूलभुलैया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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