समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 14- Nov-2023 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1596 | 199 | 1795 |
वर्ष 1948 में इजराइल(Israel) की स्थापना के बाद,कुछ दशकों में, कई यहूदी अरब देशों से चले गए या उन्हें निष्कासित कर दिया गया। तब वे इजराइल, पश्चिमी यूरोप(Europe), संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America) और लैटिन अमेरिका(Latin America) में निवास करने लगे।
अरब-बहुमत देशों में रहने वाले यहूदी, अपनी प्राथमिक सामुदायिक भाषा के रूप में, ऐतिहासिक रूप से विभिन्न यहूदी-अरबी बोलियों का उपयोग करते थे। इसमें हिब्रू(Hebrew) भाषा का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों (साहित्य, दर्शन, कविता, आदि..) के लिए किया जाता था। परंतु, उनकी संस्कृति के कई पहलुओं में स्थानीय गैर-यहूदी अरब आबादी के साथ मिलती–जुलती विशेषताएं भी हैं।
अरबी ‘अल-यहूद अल-अरब’ तथा हिब्रू ‘येहुदीम अरविम’ का शाब्दिक अर्थ, ‘अरब यहूदी’ ही है।लेकिन, इस शब्द को एक अन्य समान शब्द से अलग भी किया जाना चाहिए; जो ओटोमन राज(Ottoman Empire)काल में, फिलिस्तीन(Palestine) में प्रचलित था।यह शब्द, अरब फिलिस्तीनियों ने अपने यहूदी हमवतन लोगों को ‘यहुद अव्लाद ‘अरब’(अरब में जन्मे यहूदी) के रूप में संदर्भित किया था, जिसका अनुवाद भी ‘अरब यहूदी’ के रूप में किया जा सकता है।
दरअसल, ‘अरब यहूदी’ शब्द काफी हद तक, निर्वासन की पहचान है। साथ ही, यह मूल रूप से, साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन एवं विशिष्ट शैक्षणिक क्षेत्रों के ढांचे के भीतर से सिद्धांतित किया गया था । यह शब्द इजराइल-फिलिस्तानी संघर्ष और बड़े ज़ायोनी आख्यानों तथा उत्तर-ज़ायोनीवादी प्रवचन की तुलना में, एक विशेष राजनीति को भी दर्शाता है।
दूसरी ओर, मिजराही यहूदी, जिन्हें मिजराहिम या मिजराची आदि नामों से भी जाना जाता है, यहूदी समुदायों का एक समूह है। इसमें वे लोग शामिल हैं, जो इजराइल की भूमि में रहे हैं। साथ ही, इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बाइबिल के समय से लेकर आधुनिक युग तक पूरे मध्य–पूर्व(Middle East) और उत्तरी अफ्रीका(North Africa) में प्रवासीयों के रूप में मौजूद थे।
‘अरब यहूदी(Arab Jews)’,अरब दुनिया में रहने वाले, या वहां से संबंधित यहूदी लोगों के लिए एक सामान्य शब्द है। हालांकि, राजनीतिक रूप से इन शब्दों का विरोध किया जाता है। अक्सर ही, ज़ायोनी वादियों(Zionists) द्वारा या फिर अरब के यहूदियों द्वारा– जो मिजराही यहूदियों(Mizrahi Jews) के रूप में पहचाने जाना पसंद करते हैं, इसका विरोध किया जाता हैं। क्योंकि, उन्हें ये शब्द अपमानजनक लगते हैं।
मिजराही एक राजनीतिक व समाजशास्त्रीय शब्द है, जिसे इजराइल के निर्माण के साथ गढ़ा गया था। यह ओरिएंटल यहूदियों(Oriental Jews) को संदर्भित करता है। जबकि, वर्तमान समय में, मिजराही शब्द विशेष रूप से, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के यहूदी समुदायों के वंशजों के लिए लागू होता है।
इजराइल के “अरब यहूदी” शब्द पर अक्सर इजराइल यहूदियों और मध्य-पूर्वी देशों में रहने वाले अरब लोगों के बीच विवाद होता है। हालांकि, जैसे कि हमनें पढ़ा है, इनके लिए एक सही शब्द “मिजराही यहूदी” है; जो गैर-यूरोपीय यहूदी थे।ये अरबी भाषा का अपनी मातृभाषा के रूप में उपयोग करते थे। द्वितीय विश्व युद्ध की दुखद घटनाओं के बाद, इजराइल में बसे यूरोपीय यहूदियों का एक स्पष्ट अंतर यूरोपीय “यिडिश(Yiddish)” भाषा का उनका ज्ञान है, जो हिब्रू और अरबी भाषा से काफी अलग है। फिर भी, यिडिश हमेशा एक मिश्रित मध्य यूरोपीय भाषा थी और इसके पीछे विभिन्न भाषाओं की एक विशाल श्रृंखला निहित है। आइए जानते हैं।
अरबी और हिब्रू भाषा के बीच संबंध सर्वज्ञात है, लेकिन यिडिश और अरबी को अक्सर ही, अलग माना जाता है। अरबी और हिब्रू के विपरीत, यिडिश एक सेमिटिक भाषा(Semitic language) नहीं है। फिर भी, यिडिश और अरबी के बीच संपर्क के कई बिंदु हैं।
हिब्रू और यिडिश दुनिया भर में यहूदियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाएं हैं। दिलचस्प बात यह है कि, हिब्रू और यिडिश बहुत भिन्न हैं, भले ही दोनों भाषाएं अपनी लिपियों में हिब्रू वर्णमाला का उपयोग करती हैं। हिब्रू, अरबी की तरह एक सेमेटिक भाषा है, जबकि, यिडिश एक जर्मन बोली है, जो कई हिब्रू शब्दों का उपयोग करती है।
वर्तमान में, लगभग एक करोड़ लोग हिब्रू भाषा बोलते हैं। इज़राइल में हिब्रू, 5.3 मिलियन लोगों के लिए पहली भाषा है और 2-2.2 मिलियन लोगों के लिए द्वितीय भाषा है। साथ ही, संयुक्त राज्य अमेरिका में, लगभग 2 लाख लोग घर पर हिब्रू बोलते हैं।इसके विपरीत, विश्व में केवल तीस लाख लोग ही, यिडिश भाषा बोलते हैं।
हिब्रू, अफ्रीकी-एशियाई भाषा परिवार की एक सेमिटिक भाषा है। सांस्कृतिक रूप से इसे यहूदी भाषा माना जाता है। जबकि, यिडिश अशकेनाज़िक यहूदी मूल की एक उच्च जर्मन भाषा(German language) है, जो दुनिया भर में बोली जाती है। यह हिब्रू, अरामी(Arami), रोमांस(Romance language) तथा स्लाविक(Slavic language) आदि भाषाओं के साथ जर्मन बोलियों के मिश्रण के रूप में विकसित हुई है।
10वीं शताब्दी के बाद से, हिब्रू समृद्ध रूप से बोली जाने वाली एक भाषा थी। दुनिया भर के यहूदी समुदायों में, सभी लिखित उद्देश्यों के लिए मुख्य भाषा के रूप में हिब्रू का उपयोग किया जाता था । 19वीं सदी में विभिन्न आंदोलनों द्वारा हिब्रू को बार-बार पुनर्जीवित किया गया है। 1921 में हिब्रू, फिलिस्तीन की आधिकारिक भाषा बन गई और 1948 में इसे इजराइल राज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया। आज, हिब्रू का अध्ययन यहूदी धर्म के छात्रों, पुरातत्वविदों और मध्य पूर्व सभ्यताओं पर शोध करने वाले भाषाविदों और धर्मशास्त्रियों द्वारा किया जाता है।
यिडिश की उत्पत्ति के जड़े जर्मनी के राइनलैंड(Rhineland) में 10वीं शताब्दी की अशकेनाज़िक संस्कृति में हैं, जो अंततः पूर्वी और मध्य यूरोप में फैल गई। शुरुआत में, अशकेनाज़िक भाषा के रूप में ज्ञात, यिडिश को जल्द ही मातृभाषा या मामे-लोशन(mame-loshn) के रूप में जाना जाने लगा। क्योंकि यह वह भाषा थी, जो मध्य और पूर्वी यूरोप में यहूदियों के बीच बातचीत, घरेलू और व्यावसायिक भाषा के रूप में दैनंदिन उपयोग में थी। हालांकि, यह बाइबिल में उपयोग होने वाली हिब्रू और अरामी से भिन्न थी, जिन्हें लोशन-कोयदेश(loshn-koydesh) या पवित्र भाषा के रूप में जाना जाता था। और दुनिया भर में यहूदी समुदायों द्वारा इसका उपयोग ज्यादातर प्रार्थना जैसे धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था। लेकिन,यहूदियों के बीच यह बोली नहीं जाती थी।
फिर, 18वीं शताब्दी के साहित्य में, यिडिश भाषा का प्रयोग देखा गया। आज अशकेनाज़ी यहूदियों द्वारा बोली जाने वाली, यहूदी बोलियां मुख्य रूप से, पश्चिमी यिडिश और पूर्वी यिडिश में विभाजित हैं।
जबकि, हिब्रू और यिडिश, दोनों ही यहूदी लोगों से संबंधित भाषाएं हैं, परन्तु हिब्रू, इजराइल और मध्य पूर्वी क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाती है, और यिडिश को यूरोपीय संस्कृति तथा यूरोपीय यहूदी समुदायों की धारणाओं से जोड़ा जाता है।
आधुनिक हिब्रू के माध्यम से, यिडिश शब्द कभी-कभी अरबी भाषा में अपना रास्ता खोज लेते हैं। साथ ही, 19वीं सदी में यरूशलेम(Jerusalem) में अशकेनाज़िक(Ashkenazic) यहूदी लोगों के समूह मौजूद थे, जो मौखिक और साहित्यिक दोनों तरह से अरबी का उपयोग करते थे। फिर, अरबी शब्द फ़िलिस्तीन में रोज़मर्रा में बोली जाने वाली यहूदी भाषा का भी हिस्सा बन गए। परंतु 1948 में, इजराइल देश की स्थापना हुई और अरबी को “विदेशी” भाषा के रूप में फिर से परिभाषित किया गया।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mp2hct3u
https://tinyurl.com/4fupcrfp
https://tinyurl.com/dx4d8vnp
https://tinyurl.com/mw87xr6h
https://tinyurl.com/327jezec
चित्र संदर्भ
1. साथ में बैठे अरब-यहूदी लोगों को दर्शाता एक चित्रण (jamesnudes)
2. ओटोमन साम्राज्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. 1936 में फ़िलिस्तीन अशांति के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
4. “अरब यहूदी” शब्द को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
5. महान यशायाह स्क्रॉल प्रतिकृति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. 2021 से इज़राइल के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत इसहाक हर्ज़ोग (Isaac Herzog) की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.