लखनऊ के नवाबों की पसंदीदा, गुरु हरगोबिंद साहिब द्वारा निर्मित वाद्य यन्त्र, मयूरी

द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य
28-05-2023 07:52 AM
Post Viewership from Post Date to 01- Jun-2023 (5th)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1538 622 2160
क्या आप जानते हैं कि नवाबों की नगरी लखनऊ में सिख समुदाय के मिथकों और अनुष्ठानों से जुड़ा एक वाद्य यंत्र काफी लोकप्रिय हैं। लखनऊ में इस विशेष वाद्य यंत्र को “तौस” या “मयूरी” कहा जाता है। इसे सिख भक्ति-संगीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, और भारतीय संगीत परंपराओं में भी इसका महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मूल्य रहा है। मयूरी एक तार वाला वाद्य यंत्र होता है जिसमें मोर के आकार की एक सुंदर नक्काशीदार लकड़ी का ढांचा होता है। इसकी बनावट कला, संगीत, और आध्यात्मिकता के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करता है। किंवदंती के अनुसार, तौस को सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब ने मोर की सुंदरता से प्रेरित होकर बनाया था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह संगीत वाद्ययंत्र, मोर के साथ चित्रिक, कला, संगीत और शिक्षा की देवी माता सरस्वती को सम्पूर्ण रूप से समर्पित है! तौस को धार्मिक समारोह और सिख समुदाय के कीर्तन के दौरान बजाया जाता है, जो अक्सर गुरबानी के पाठ के साथ होता है। आइये इस रविवार की सुबह, “राग अहीर भैरवी” में तौस की भावपूर्ण धुनों के साथ अपने दिन की शुरुआत करें।
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.