समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 756
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 20- Jun-2023 30th day | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1462 | 522 | 1984 |
लिथियम (Lithium) एक ऐसा खनिज पदार्थ या रासायनिक तत्व है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और दैनिक जीवन की विभिन्न वस्तुओं को बनाने में किया जाता है। कुछ महीनों पहले भारत में लिथियम का एक भंडार जम्मू-कश्मीर में खोजा गया था, लेकिन हाल ही में ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण’ (Geological Survey of India (GSI) द्वारा राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में लिथियम का एक और भंडार खोजा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि डेगाना में खोजा गया लिथियम का यह भंडार जम्मू-कश्मीर में पाए गए लिथियम भंडार से मात्रा में कहीं अधिक ज्यादा है और लिथियम के लिए देश की कुल मांग के 80% हिस्से को पूरा कर सकता है। विशेषज्ञों और खनन अधिकारियों का मानना है कि इन लिथियम भंडारों की मदद से मोबाइल (Mobile), लैपटॉप (Laptop), इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) और अन्य सामानों के लिए रिचार्जेबल बैटरी (Rechargeable Battery) के निर्माण के लिए चीन (China) पर भारत की निर्भरता काफी कम हो जाएगी। तो आइए, आज जानते हैं कि राजस्थान में खोजा गया लिथियम का यह भंडार भारत के लिए कैसे महत्वपूर्ण है।
लिथियम मुख्य रूप से रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण में उपयोग किया जाता है। इन बैटरियों का उपयोग विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, छोटे इलेक्ट्रॉनिक (Portable Electronic) उपकरणों और बिजली उपकरणों में किया जाता है। लिथियम-आयन बैटरी में ऊर्जा का उच्च घनत्व होता है, जिसकी वजह से आज यह तत्व उपकरणों में बैटरी के उपयोग के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। अपने वजन और आकार के कारण भी इसे अत्यधिक पसंद किया जा रहा है। 2017-18 में ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि भारत में लगभग 1.36 मीट्रिक टन लिथियम भंडार हो सकता है। इसलिए जीएसआई द्वारा लीथियम के और अधिक भंडार खोजने के लिए G2 सर्वेक्षण शुरू किया गया, जिसके तहत ही राजस्थान में इस भंडार की खोज की गई । वर्तमान समय में भारत लिथियम, निकेल (Nickel) और कोबाल्ट (Cobalt) जैसे कई खनिजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। अब तक भारत लीथियम के लिए चीन और अन्य देशों पर निर्भर रहा है। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (Indo-Asian News Service (IANS) के अनुसार, वर्ष 2020-21 में, भारत ने 6,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के लिथियम का आयात किया था और इसमें से 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का लिथियम अकेले चीन से खरीदा गया था। चूंकि राजस्थान में लीथियम का दूसरा भंडार प्राप्त हो चुका है, इसलिए अब यह माना जा रहा है कि वैश्विक बाजार में लीथियम पर चीन का एकाधिकार शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा।
लिथियम दुनिया की सबसे नरम और हल्की धातु है। यह तत्व इतना नरम होता है कि सब्जी काटने के लिए उपयोग किए जाने वाले चाकू से भी इसे काटा जा सकता है। यदि इसे पानी में डाला जाए तो यह आसानी से तैर सकता है। यह तत्व रासायनिक ऊर्जा को संग्रहीत करता है तथा इस ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। लिथियम को ‘सफेद सोना’ अर्थात 'व्हाइट गोल्ड' (White Gold) के नाम से भी जाना जाता है। एक टन लिथियम का वैश्विक मूल्य लगभग 57.36 लाख रुपए होता है। वैश्विक बाजारों में लिथियम की मांग बहुत अधिक है, क्योंकि यह धातु प्रत्येक चार्ज करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक और बैटरी संचालित उपकरण में मौजूद होती है। ऐसे समय में जब दुनिया ऊर्जा क्षेत्र में एक गतिशील बदलाव देख रही है, तथा हरित ऊर्जा को अपना रही है, लिथियम की मांग विभिन्न देशों में और भी अधिक बढ़ गई है। विद्युत से चलने वाले वाहनों के लिए लिथियम बैटरी एकमात्र विकल्प है क्योंकि इसका भार बहुत कम होता है तथा यह अधिक ऊर्जा प्रदान करती है। विश्व बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट के अनुसार, लिथियम धातु की वैश्विक मांग 2050 तक 500 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
खनन अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान में पाया गया लिथियम भंडार न केवल भारत को चीन से अपने आयात को कम करने में मदद करेगा, बल्कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगा। भारत में लिथियम भंडार के विकास से देश को अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन जैसे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। भारत दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है, और अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करना देश के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है। आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग काफी बढ़ने की उम्मीद है। ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (Bloomberg New Energy Finance) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2040 तक दुनिया भर में नई कारों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 30% हो सकती है। जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में लिथियम भंडार के विकास से भारत के ईवी उद्योग को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत काफी कम हो जाएगी जिससे यह इलेक्ट्रिक वाहन कई अन्य लाभों के साथ उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बन जाएंगे। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अनुसार, अन्यत्र पाया जाने वाला मानक लिथियम 220 भाग प्रति मिलियन (PPM) होता है, जबकि जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में पाया गया लिथियम 500 पीपीएम घनत्व होने का अनुमान है। इसका मतलब है कि भारत में कम लागत में ही अधिक क्षमता वाले लिथियम का उत्पादन किया जा सकता है।
जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में अनुमानित 5.9 मिलियन टन के पहले लिथियम भंडार की खोज के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि इस भंडार का उपयोग करके भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में दुनिया का नंबर एक ऑटोमोबाइल निर्माता बन सकता है। 2022 में चीन (China) और अमेरिका (America) के बाद भारत, जापान (Japan) को पछाड़कर तीसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बाजार बन गया है। 2030 तक भारत ने इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इस प्रकार राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में खोजे गए लीथियम भंडार, इस योजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3ptsQ1k
https://bit.ly/42xQd8E
https://bit.ly/42ix7mF
चित्र संदर्भ
1. लिथियम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. काली नाइट्राइड की एक पतली परत के साथ लिथियम सिल्लियां धूमिल हो जाती हैं, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक लिथियम खदान को दर्शाता एक चित्रण (Legal Planet)
4. तेल में तैरते लिथियम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. लिथियम के चूर्ण को दर्शाता एक चित्रण (Construction World)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.