लखनऊ एयरपोर्ट सहित, देश भर में हवाई जहाजों से पक्षियों, जानवरों के टकराव की बढ़ती घटनाएं

पंछीयाँ
03-05-2023 10:05 AM
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लखनऊ एयरपोर्ट सहित, देश भर में हवाई जहाजों से पक्षियों, जानवरों के टकराव की बढ़ती घटनाएं

‘नागरिक उड्डयन महानिदेशालय’ (Directorate General of Civil Aviation (DGCA) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में भारतीय हवाई क्षेत्र में पक्षियों के साथ टकराव की घटनाओं में 52% की वृद्धि देखी गई क्योंकि महामारी के बाद व्यावसायिक विमान वहन ने काफी गति पकड़ी है। पिछले साल देश में 2,174 विमान पक्षियों से टकराए थे। इन घटनाओं का आंकड़ा 2021 में 1,430 था। और केवल पक्षियों के विमान से टकराने की घटनाएं ही नहीं बल्कि, हवाई अड्डों पर जानवरों से टकराव की घटनाएं भी 2021 में 23 से बढ़कर 2022 में 36 हो गईं। पक्षियों के विमान से टकराने की इन घटनाओं को बर्ड स्ट्राइक (Bird Strike) कहा जाता है। आपने अक्सर बर्ड स्ट्राइक (Bird Strike), बर्ड हिट (Bird Hit) या बर्ड एयरक्राफ्ट स्ट्राइक हैज़र्ड (Bird Aircraft Strike Hazard (BASH) जैसे शब्दों को सुना होगा जिनका अर्थ एक पक्षी और एक चलते हवाई जहाज के बीच टकराव होता है। इस शब्द का उपयोग बिजली की लाइनों, टावरों और वायु टर्बाइनों जैसी संरचनाओं के साथ टकराव के परिणामस्वरूप होने वाली पक्षियों की मौतों के लिए भी किया जाता है।
बर्ड स्ट्राइक विमान वहन की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि इसके कारण कई बड़ी दुर्घटनाएँ भी होती हैं। पक्षियों और जानवरों के टकराव की घटनाओं को हवाई उड़ान के संचालन के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक माना जाता है। अकेले अमेरिका में ही प्रतिवर्ष 13,000 से अधिक बर्ड स्ट्राइक होते हैं। हालांकि, इसके कारण नागरिक वाहक विमानों से जुड़ी बड़ी दुर्घटनाओं की संख्या काफी कम है। यह अनुमान है कि उड़ान के एक बिलियन घंटों में इस प्रकार की किसी दुर्घटना के परिणामस्वरूप केवल 1 ही मानव मृत्यु होती है। हालांकि, 65% पक्षी टकराव विमान को बहुत कम नुकसान पहुंचाते हैं; किंतु ये घटनाएं आमतौर पर पक्षियों के लिए घातक होती है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India (AAI), ने कहा है कि 2022 में कोविड–19 महामारी के बाद भारतीय हवाई क्षेत्र में देशीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कुल संख्या 32.29% बढ़कर 1.3 दशलक्ष हो गई है। विमान उड़ानों की संख्या में वृद्धि के कारण पक्षी टकराव की ऐसी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। अभी, पिछले महीने की शुरुआत में पुणे जा रहे एयर एशिया इंडिया (Air Asia India) के एक विमान को पक्षी से टकराने के बाद भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर आपात स्थिति में उतारना पड़ा था।
इसके अलावा इससे पहले, एयर एशिया की लखनऊ-कोलकाता फ्लाइट को उड़ान भरने (Take off) के दौरान एक पक्षी से टकरा जाने की वजह से, लखनऊ एयरपोर्ट पर आपात स्थिति में उतारना (Landing) पड़ा था। सोशल मीडिया (Social Media) पर यात्रियों के विमान से उतरने का एक चलचित्र भी सामने आया था। विमान i5-319 की उड़ान, लखनऊ से कोलकाता के लिए संचालित होने वाली थी, तभी इसे अपने टेक-ऑफ के दौरान एक पक्षी के टकराव का सामना करना पड़ा। नतीजतन, विमान घटना की जांच के लिए हवाई अड्डे पर लौट आया ।
हालांकि इस प्रकार की बढ़ती समस्याओं के संदर्भ में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हवाई जहाजों से पक्षियों के टकराने की समस्या के समाधान के लिए सभी उपाय किए गए हैं और हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। मंत्रालय द्वारा हवाई अड्डों पर किए गए उपायों में पक्षियों को भगाने वाले यंत्र, साउंड गन (Sound Gun) और अन्य तरीके शामिल हैं, जो पक्षियों को हवाई अड्डों के क्षेत्रों से दूर रखेंगे। मंत्री जी ने यह भी बताया कि अस्वच्छता के कारण कुछ पक्षी हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों में आकर्षित होते हैं। इसलिए, हवाई अड्डों के क्षेत्रों को साफ रखने के लिए प्रयास चल रहें हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पक्षी परिवहन के क्षेत्रों के आसपास झुंड न बनाएं, प्रयास किए जा रहें हैं। सरकार द्वारा संचालित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बताया है कि उन्होंने भारत में पक्षियों और जानवरों की हवाई जहाजों के साथ होने वाली टकराव की घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों में हवाई अड्डों के परिसर में उचित स्तर पर घास की ऊंचाई बनाए रखना, हवाई अड्डे के क्षेत्र से कचरा हटाना, पक्षियों को डराने वाले पुतले खड़े करना, एलपीजी गन (LPG Gun) का उपयोग, ऊंची बिजली या अन्य लाइनों पर कांटों का उपयोग करना (ताकि पक्षी वहां न बैठें) और कीट नियंत्रण करना आदि उपाय शामिल हैं। प्राधिकरण ने कहा है कि यह सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (Salim Ali Centre for Ornithology and Natural History (SACON), विभिन्न विश्वविद्यालयों के परिस्थिति विज्ञान विभागों, वन विभागों, चिड़ियाघर प्राधिकरणों आदि के साथ भी जुड़ रहा है, ताकि हवाई अड्डों के पास पक्षी और पशुओं की गतिविधियों का अध्ययन किया जा सके और उनकी उपस्थिति को कैसे रोका जाए, इस पर सुझाव प्राप्त किया जा सकें। ये घटनाएं ऐसे समय हुई है जब अनियंत्रित यात्रियों और तकनीकी गड़बड़ियों सहित कई संदिग्ध घटनाओं के लिए पूरा विमानन उद्योग चर्चा का विषय बना हुआ है। और चूंकि,पक्षी भी मानव यात्रियों के समान ही महत्त्वपूर्ण है, उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी ही है।

संदर्भ

https://bit.ly/3N7qwGY
https://bit.ly/43UW4WB
https://bit.ly/3HbHxMv

चित्र संदर्भ

1. हवाई जहाज के आस पास उड़ते पक्षियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. हवाई जहाज से टकराए पक्षी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हवाई जहाज के साथ उड़ते पक्षियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. जहाज में बर्ड स्ट्राइक चेतावनी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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