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नवाबों की नगरी लखनऊ में, आज भले ही उद्यानों को उंगलियों पर गिना जा सकता है, लेकिन क्या आप जानते है कि एक समय ऐसा भी था जब हमारे लखनऊ में 400 से भी अधिक शानदार शाही उद्यान मौजूद थे। हालांकि, आज जो बगीचे शेष बचे हैं, वे भी अपने आप में अद्वितीय हैं। मुगलों के शानदार महलों, मकबरों, मस्जिदों और उद्यानों को किसी भी परिचय की आवश्यकता नहीं है। इन संरचनाओं की भव्यता और प्रभावशाली दृश्य उपस्थिति देखते ही बनती है। डिजाइन के आधार पर मुगल उद्यान ऐतिहासिक इस्लामी उद्यानों से अत्यधिक प्रभावित नज़र आते हैं। माना जाता है कि ये उद्यान स्वर्ग की स्मृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुग़ल उद्यानों के डिजाइन फारसी, अर्थात् चारबाग संरचना से प्रभावित होते हैं। इन उद्यानों में चारदीवारी के भीतर, आयताकार लेआउट बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाते हैं।
शुरुआती मुग़ल उद्यान केवल सम्राट और रानी और उनके परिवार के सदस्यों के आनंद और विश्राम करने के लिए बनाए गए थे, लेकिन बाद के उद्यानों में शासकों और उनकी पत्नियों की कब्रें भी बनाई जाने लगी।
मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर, ने चारबाग नामक शैली शैली का प्रचार किया। मुगल सम्राट बाबर ने अपने पैतृक देश की याद में इन उद्यानों और अन्य जलाशयों का निर्माण किया, जिसे उनके उत्तराधिकारियों ने भी जारी रखा। बहता पानी, एक पूल, पेड़ों की कई प्रजातियाँ, रंगीन और सुगंधित फल या फूल, घास,और पक्षी आदि मुगल उद्यानों के प्रमुख घटक हैं। नहर का (बहता हुआ पानी): जल मुगल उद्यान का जीवन और आत्मा माना जाता है। मुगल उद्यान अक्सर डिजाइन में वर्गाकार या आयताकार होते हैं। साथ ही यह उद्यान ऊँची दीवारों से घिरे रहते हैं। प्रवेश द्वार भी प्राय: ऊंचे और सुंदर होते हैं।
मुगल शासकों की मस्जिदों, मकबरों और उद्यानों के निर्माण में विशेष रुचि थी । मुगल सम्राटों के शासन काल के दौरान हुए उद्यानों के निर्माण के लिए आश्चर्यजनक वास्तुकला एवं एक विशेष मुगलकालीन शैली को अपनाया गया था । आयताकार उद्यान क्षेत्र के बीच में नहरों का उपयोग करने की जटिल मुग़लकालीन शैली अतुलनीय मानी जाती है। चारों ओर पानी के फव्वारे वाले ताल, भी मुगल उद्यानों की विशेषता होती है।
नीचे भारत में मौजूद मुगल उद्यानों की एक विस्तृत सूची दी गई है-
१.अमृत उद्यान: राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में बने मुगल उद्यान का नाम हाल ही में बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है। जम्मू और कश्मीर के मुगल उद्यानों से प्रेरित होकर इस उद्यान की योजना सर एडविन लुटियंस (Sir Edwin Lutyens) द्वारा बनाई गई थी। वर्ष 1928 – 1929 में बनाए गए, दिल्ली के इस आलीशान ‘मुगल गार्डन’ को ‘पर्ल गार्डन’ (Pearl Garden), ‘बटरफ्लाई गार्डन’ (Butterfly Garden) और ‘सर्कुलर गार्डन’ (Circular Garden) नाम से तीन हिस्सों में बांटा गया है। गुलाब यहां देखा जाना वाला सबसे प्रमुख फूल है। यहां पर गुलाब की 158 से अधिक किस्में मौजूद हैं।
२. आगरा मुगल उद्यान: ताजमहल को सुशोभित करने वाले बगीचे में 300 मीटर वर्ग का एक विशिष्ट उद्यान परिसर है। यह उद्यान ताजमहल की संरचना का एक अभिन्न अंग है। यह मुख्य प्रवेश द्वार के अंत से शुरू होता है और मकबरे के चौकोर आधार के पास समाप्त होता है। पूरे मुगल उद्यान से कहीं से भी मकबरे को बिना किसी बाधा के देखा जा सकता है। इस मुगल उद्यान को भी कश्मीर के शालीमार उद्यान के वास्तुकार अली मर्दन द्वारा डिजाइन किया गया था । उद्यान के केंद्र में एक उभरा हुआ संगमरमर का कमल-टैंक है जिसके पानी में ताज का प्रतिबिंब परिलक्षित होता है।
३.वेरिनाग: यह आकर्षक मुगल उद्यान श्रीनगर से लगभग 70 किमी दक्षिण में बनिहाल पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। इस उद्यान को जहांगीर और शाहजहां ने अपने-अपने शासनकाल में दो भागों में बनवाया था। यह मुगल उद्यान भी आकार में आयताकार है।
४. हुमायूँ का मकबरा: वर्ष १५६९-१५७० में भारतीय उपमहाद्वीप में बना यह पहला मुगलकालीन उद्यान-मकबरा महारानी बेगा बेगम के लिए फारसी वास्तुकार मियाक मिर्ज़ा घियास (Miyak Mirza Ghiyas) द्वारा डिजाइन किया गया था। आकार में चौकोर यह पूरा बाग 30 एकड़ में फैला है जो दक्षिण एशिया (South Asia) क्षेत्र में अपनी तरह का अकेला माना जाता है। यह विशाल स्वर्ग तुल्य मुगल उद्यान दो जल धाराओं को दो भागों में विभाजित करता है, जो जन्नत में बहने वाली चार नदियों का प्रतिनिधित्व करती हैं । हुमायूं का मकबरा लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना है।
५. यादविंद्र गार्डन पिंजौर (Yadavindra Garden Pinjore): 17वीं सदी का यह ऐतिहासिक मुगल उद्यान हरियाणा के पंचकुला जिले में स्थित है। इसे नवाब फ़िदाई खान द्वारा डिज़ाइन किया गया था । इस उद्यान को पहले पिंजौर उद्यान कहा जाता था, जिसका नाम बाद में पटियाला रियासत के पूर्व महाराजा यादविंद्र सिंह की याद में बदल कर “यादविंद्र उद्यान" कर दिया गया था। इस मुगल उद्यान में पहली मंजिल की छत पर शीश महल, दूसरी मंजिल की छत पर रंग महल और तीसरी मंजिल की छत पर जल महल है।
६- शालीमार बाग- जहांगीर द्वारा अपनी पत्नी नूरजहां के लिए बनवाया गया यह उद्यान श्रीनगर का सबसे बड़ा मुगल उद्यान है जो 12.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है । संस्कृत में शालीमार का अर्थ है "प्यार का निवास। इस बगीचे में शीर्ष छत पर एक काला मंडप है, जिसमें फारसी कवि अमीर खुसरो का एक शिलालेख है, जिसमें कहा गया है कि “यदि पृथ्वी पर कोई स्वर्ग है", तो वह यह है, यह है, यह है” और यह उद्धरण इतना सच है कि जो भी इस उद्यान में जाता है और वहां से अपने चारों ओर देखता है,तो वह ज़बरवान पर्वत श्रृंखला, विशाल डल झील, शानदार नहर, चिनार के पेड़ जैसे प्रकृति के सभी चमत्कारों को एक बार में देख सकता है जो एहसास दिलाते हैं कि आप वाकई स्वर्ग में है।इन सभी के अलावा भी खुसरो बाग, निशात बाग और चश्मे शाही गार्डन आदि मुग़ल उद्यान भी भारत में मुग़ल काल की बहुमूल्य विरासत माने जाते हैं।
एक समय में हमारे लखनऊ शहर को भी ऐसे ही 400 शाही बागों का घर माना जाता था।
शहर के इतिहासकार अनवर अब्बास के अनुसार “उन दिनों विशाल उद्यान और बाग, शहर के परिदृश्य में चार चाँद लगा देते थे। साथ ही उद्यानों में उगने वाली वनस्पतियों के आधार पर क्षेत्रों का नाम देने की भी प्रथा चलती थी।”
उदाहरण के लिए, लखनऊ के मार्टिन पूर्वा (Martin Purva) क्षेत्र को पहले लखपेड़ा के नाम से जाना जाता था, क्योंकि इसमें अमरूद और आम के एक लाख से भी अधिक पेड़ थे। इसी तरह, हुसैनाबाद क्षेत्र को पहले जमुनिया बाग कहा जाता था, क्योंकि यह क्षेत्र जामुन के पेड़ों से आच्छादित था।
नवाबी दौर में, लखनऊ को महलों और बगीचों का शहर कहा जाता था। किंतु नवाबों के खिताब छीन लिए जाने के बाद उनके के लिए इतने बड़े बागों को बनाए रखना मुश्किल हो गया, इसलिए उनमें से अधिकांश नवाबों ने निजी उद्यानों बेच दिया। हालांकि, इनके नाम समय के साथ स्थिर बने रहे।
लखनऊ के कुछ प्रसिद्ध बागों की सूची निम्नवत दी गई है-
१. सिकंदर बाग: इस उद्यान का निर्माण नवाब वाजिद अली शाह ने अपनी बेगम, सिकंदर बेगम के नाम पर रखा था । यह बाग अब राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के अंतर्गत आता है। इससे पहले यह उद्यान गोमती नदी के तट तक फैला हुआ था और इसे सिकंदर बाग कहा जाता था।
२. मूसा बाग: नवाब आसफुद्दौला द्वारा बनवाया गया, विशाल मूसा बाग हरदोई रोड के पास स्थित इलाके में मौजूद था। माना जाता है कि नवाब ने यहां एक चूहे (मूषक ) को मार डाला था इसलिए इसका यह नाम पड़ा।
३. आलम बाग: इस बाग का नाम नवाब वाजिद अली शाह की पहली पत्नी आलमआरा के नाम पर रखा गया था।
४. केसर बाग: नवाब वाजिद अली शाह द्वारा स्थापित, यह एक विशाल परिसर था जिसमें छोटे-छोटे बगीचे थे। इसका नाम उर्दू शब्द ‘कैसर’ (Qaiser) से लिया गया है जिसका अर्थ राजा होता है।
५. बादशाह बाग: यह एक महिला उद्यान था जिसे नवाब नसीर-उद-दीन हैदर द्वारा अपनी पत्नी कुदसिया बेगम के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि इस बाग में माली भी महिलाएं ही होती थीं।
६. विलायती बाग: इतिहासकारों का मानना है कि वर्तमान छावनी क्षेत्र में दिलकुशा उद्यान के पास स्थित इस उद्यान का विलायती नाम नवाब गाजी-उद-दीन की दो विदेशी पत्नियों, जिनमें से एक ईसाई और दूसरी अर्मेनियाई (Armenian) थीं, के कारण पड़ा ।
७. चारबाग: देश के सबसे व्यस्त और सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में से एक लखनऊ का ‘चारबाग रेलवे स्टेशन’ वर्ष 1867 में स्टेशन में परिवर्तित होने से पहले एक सुंदर उद्यान था। वर्तमान स्टेशन भवन 1926 में एक मुगल वास्तुशिल्प डिजाइन में बनाया गया था। महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की पहली मुलाकात भी 1916 में चारबाग रेलवे स्टेशन पर ही हुई थी।
आपको जानकर ख़ुशी होगी कि यह स्थान देश के उन चुनिंदा रेलवे स्टेशनों में से एक है, जिसने ‘बाल श्रम मुक्त' होने का गौरव अर्जित किया है। यहां के रेलवे स्टेशन पर मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद के लिए 1098 नंबर की एक रेलवे चाइल्डलाइन (Childline) भी मौजूद है। माना जाता है कि स्टेशन की वास्तुकला इस प्रकार बनाई गई है कि स्टेशन के अंदर आने जाने वाली ट्रेनों की आवाज स्टेशन के बाहर नहीं सुनी जा सकती है। एक और हैरानी की बात यह है कि इस रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अगस्त 2019 से केले की बिक्री पर भी रोक है। इन्ही प्रयासों के कारण 2019 में भारतीय रेलवे और ‘क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया’ (Quality Council of India) द्वारा स्वच्छता के लिए किए गए सर्वेक्षण में इसे 700 रेलवे स्टेशनों में से 105 वां स्थान प्राप्त हुआ था ।
संदर्भ
https://bit.ly/3Jjl9Sz
https://bit.ly/41TGuJw
https://bit.ly/3KZJj5R
https://rb.gy/zol9nm
चित्र संदर्भ
1. लखनऊ के चारबाग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक मुग़ल उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. अमृत उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. आगरा मुगल उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (PixaHive)
5. वेरिनाग उद्यान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. हुमायूँ के मकबरा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. यादविंद्र गार्डन पिंजौर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. शालीमार बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. सिकंदर बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. मूसा बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
11. आलम बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
12. केसर बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
13. बादशाह बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
14. विलायती बाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
15. चारबाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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