मन मोहित कर देने वाले हैं ‘सौंगबर्ड’ पक्षी प्रजातियों के मधुर गीत, प्रकृति में बनी रहे इनकी जगह

पंछीयाँ
01-03-2023 12:54 PM
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मन मोहित कर देने वाले हैं ‘सौंगबर्ड’ पक्षी प्रजातियों के मधुर गीत, प्रकृति में बनी रहे इनकी जगह

दुनिया भर में गीत गाने वाले ‘सौंगबर्ड’ पक्षी सुबह के समय के अपने प्रसिद्ध "कोरस" (Chorus) या एक साथ झुंड में, अपने मधुर गान के लिए जाने जाते हैं। उनके मधुर गीत को सुनने के लिए पक्षी प्रेमी और प्रकृति-प्रेमी जल्दी उठ जाते हैं, ताकि वे उनके गीत को सुन सकें। हालांकि सुबह के समय गीत गाने का उनका कोई निश्चित समय नहीं है। ये पक्षी आमतौर पर बगीचों, जंगलों और खेतों जैसे स्थानों में रहते हैं, इसलिए वही इन्हें देखा और सुना जा सकता है। इनका गीत सुनकर मन पूरी तरह से मोहित हो जाता है। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि ये पक्षी या तो दुनिया को यह बताना चाहते है, कि वे प्रकृति में मौजूद हैं तथा एक विशेष क्षेत्र पर अपना अधिकार रखते हैं या फिर मनुष्यों की तरह ये भी अपने साथियों को प्रभावित करने के लिए ऐसा करते हैं। दिन और रात में इन पक्षियों के राग अलग-अलग समय पर अलग-अलग होते हैं। चूंकि सुबह के समय उनकी आवाज दूर तक जाती है, इसलिए वे ज्यादातर सुबह के समय गीत गाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) के पूर्वोत्तर में न्यू इंग्लैंड के न्यू हैम्पशायर (New Hampshire) में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं । यह अनुमान लगाया गया है कि न्यू हैम्पशायर में पक्षियों की लगभग 300 प्रजातियाँ मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 200 प्रजातियाँ ‘सौंगबर्ड’ की हैं।1957 में सौंगबर्ड की एक प्रजाति, ‘पर्पल फिंच’ (Purple finch) को यहां राज्य पक्षी घोषित किया गया था। किंतु समस्या यह है कि न्यू इंग्लैंड के जंगलों में इन पक्षियों के गीत अब सुनाई नहीं देते, जो कि चिंता का विषय है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां सौंगबर्ड पक्षियों की आबादी में निरंतर गिरावट आ रही है। संरक्षणवादी न्यू इंग्लैंड के सौंगबर्ड पक्षियों की प्रचुरता और विविधता के लिए अत्यधिक चिंतित हैं। हाल ही में हुए एक अनुसंधान में यह पाया गया है कि ‘पर्चिंग बर्ड्स’ (Perching birds) पक्षियों की संख्या में भी अत्यधिक कमी आई है। इन पक्षियों की आबादी में गिरावट और वितरण में परिवर्तन से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके पर्यावरण में अनेकों परिवर्तन हुए हैं, अर्थात निवास स्थान के नुकसान, जलवायु परिवर्तन और शिकारी प्रजातियों की वृद्धि इन पक्षियों की आबादी में गिरावट का मुख्य कारण हैं। वन विखंडन के कारण भी पक्षियों की आबादी में गिरावट आ रही है। वन विखंडन तब होता है, जब एक क्षेत्र के सभी पेड़ों को काट दिया जाता है तथा मानव गतिविधियों के लिए उसे एक खुली भूमि में बदल दिया जाता है। ऐसा प्रायः घरों और राजमार्गों के निर्माण के लिए किया जाता है। जितने अधिक घर होंगे, उतना ही अधिक वन विखंडन होगा, परिणामस्वरूप पक्षी आबादी भी उसी अनुपात में प्रभावित होगी। ऐसा देखा गया है कि विभिन्न पक्षी प्रजातियों पर वन विखंडन का अलग-अलग प्रभाव होता है। भारत में, पश्चिमी घाट में घोंसला बनाने वाले पक्षियों में आनुवंशिक परिवर्तन देखा गया है, जिसके कारण यहां की घाटियों में पक्षियों की नई प्रजातियों का निर्माण हो सकता है। भारत में सौंग बर्ड पक्षी की प्रजातियों में बुलबुल, मैना, गौरैया और कोयल शामिल हैं। यूं तो ऐसा माना जाता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण नई प्रजातियों का निर्माण हो रहा है, लेकिन ‘नेशनल सेंटर ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज’ (National Center of Biological Sciences) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पर्वत श्रृंखला में घाटियों की ऊंचाई की विभिन्नता भी ऐसे परिवर्तनों का एक प्रमुख कारण है। कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में फैले ‘शोला’ (Shola) जंगलों की 23 सौंगबर्ड पक्षी प्रजातियों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, घाटी की गहराई और चौड़ाई के कारण पक्षियों में प्रजाति विचलन हो रहा है। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन भी कई प्रजातियों के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कारक है। मानव व्यवहार से उत्पन्न होने वाले जलवायु परिवर्तन से पक्षियों में और भी अधिक आनुवंशिक संशोधन होने की संभावना है। अध्ययन के अनुसार, गहरी घाटियाँ उथली घाटियों की तुलना में कई अधिक प्रजातियों को प्रभावित करती हैं, क्योंकि पक्षी अधिक समय तक गहरी घाटियों में अपने साथियों से अलग-थलग रहते हैं। हालांकि, इस अध्ययन में केवल पश्चिमी घाट के पर्वत शिखर पर पाई जाने वाली सौंगबर्ड पक्षी प्रजाति शामिल थी। ये पक्षी कीड़े और फल खाते हैं और कई स्थानों पर कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। घाटी जितनी बड़ी होगी, पक्षी प्रजाति के विचलन पर उसका प्रभाव उतना ही अधिक होगा। अध्ययन से यह भी पता चला है कि घाटी में पक्षियों की प्रजाति में यह विचलन किसी एक बड़ी जलवायु घटना का प्रभाव नहीं है बल्कि यह ऐसी अनेकों घटनाओं एवं परिवर्तनों के कारण है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3Kyd6m5
https://go.nasa.gov/3StFmYS
https://bit.ly/41nK5PY

चित्र संदर्भ
1. मधुर गीत गाती चिड़िया को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. पर्पल फिंच’ चिड़िया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. पर्चिंग पक्षियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. छाया मे पक्षी गायन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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