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इसी वर्ष अगस्त के महीने में एक ही हफ्ते के भीतर लगातार आए दो भूकंपों से, हमारे शहर लखनऊ और राजधानी दिल्ली सहित, पूरा उत्तर भारत कांप गया था। लेकिन हमारी किस्मत अच्छी रही कि रिक्टर पैमाने पर 5.2 की तीव्रता होने के बावजूद लखनऊ में कहीं भी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली, अन्यथा विश्व इतिहास में भूकंपों ने जिस स्तर की तबाही मचाई है, उनका इतिहास अपने आप में काफी डरा देने वाला है।
23 जनवरी, 1556 के दिन चीनी इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंप “शानक्सी भूकंप (Shaanxi earthquake)” दर्ज किया गया, जिसमें अनुमानित 830,000 लोग मारे गए थे । इस घटना को अक्सर मानव इतिहास में सबसे तेज़ जान लेने वाली आपदा माना जाता है, क्योंकि, केवल कुछ सेकंड ही चलने वाले इस भूकंप के कारण कु छ क्षणों में ही उस क्षेत्र की लगभग 60% आबादी का सफाया हो गया था। चीन के हुआझोऊ (Huazhou) जिले में आए इस भूकंप ने उपरिकेंद्र के निकटतम सभी प्रमुख शहरों को पूर्णतः नष्ट कर दिया।
भूकंप के कारण जमीन में दरारें, कीचड़ धंसना और आग लगने जैसी विनाशकारी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके कारण, 520 मील के दायरे में लगभग सभी लोगों की मौत हो गई और शुरुआती झटके के लगभग छह महीने बाद भी लोग स्तब्ध थे।
इतनी अधिक संख्या में लोगों की मौत होने का प्रमुख कारण यह था कि इस दौरान बहुत से लोग मानव निर्मित गुफाओं में रहते थे जिन्हें याओडोंग (Yaodong) के नाम से जाना जाता था। इन आवासों को लोगों को सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रखने के हिसाब से बनाया गया था, लेकिन भूकंप ने इन सभी कृत्रिम गुफाओं को ढहा दिया, जिस कारण भारी संख्या में लोग मारे गए। हालांकि, इससे सबक लेकर लोगों ने भूकंप के बाद गुफाओं के बजाय बांस और लकड़ी से अपने आवास बनाना शुरू कर दिया। भीषण भूकंप आने का प्रमुख कारण भूस्खलन, सुनामी, बाढ़ और अन्य विनाशकारी घटनाएं हो सकती हैं। अधिकांश क्षति और मौतें रिहायशी इलाकों में ही होती हैं।
मानव इतिहास के कुछ सबसे विनाशकारी ज्ञात भूकंपों की सूची निम्नवत दी गई है:यदि हम अपने देश की बात करें तो 1999 का चमोली भूकम्प, 29 मार्च, 1999 को भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड) राज्य के चमोली जिले में आया था। यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में गत 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकम्प था। इस भूकंप में लगभग 103 लोग मारे गए थे। रिक्टर पैमाने पर 6.8 की तीव्रता वाले भूकंप को पिछले सौ वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली माना जाता है और यह लगभग 40 सेकंड तक चला था। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हजारों घर मलबे में तब्दील हो गए। हालांकि इसका केंद्र चमोली था, लेकिन महाराष्ट्र में पुणे में भी झटके महसूस किए गए थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग ( India Meteorological Department) के महानिदेशक एस के श्रीवास्तव कहते हैं “इस मामले में, भूकंप यूरेशियन या तिब्बती प्लेट के साथ इंडो-ऑस्ट्रेलियाई टेक्टोनिक प्लेट के लगातार टकराव के कारण जारी ऊर्जा का परिणाम था।
जब से उपमहाद्वीप 180 मिलियन वर्ष पहले अफ्रीकी प्लेट से अलग हुआ था, तब से यह एक वर्ष में पांच सेंटीमीटर की दर से उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में आगे बढ़ रहा है। हिमालय केवल 40 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में आया जब भारतीय प्लेट पहली बार तिब्बती प्लेट से टकराई।” चमोली क्षेत्र उपमहाद्वीप प्लेट की मुख्य भ्रंश रेखा के अंतर्गत आता है। श्रीवास्तव कहते हैं, इस घटना ने चमोली क्षेत्र या हिमालय क्षेत्र को भारत के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में बदल दिया है। इस क्षेत्र में संचित ऊर्जा बड़े भूकंपों का केंद्र बन जाती है। पिछले 12 वर्षों में, इसने तीन बड़े भूकंपों का अनुभव किया है।
इसी वर्ष अगस्त माह में नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने लखनऊ के उत्तर-पूर्वोत्तर में भी रिक्टर पैमाने पर 5.2 तीव्रता का भूकंप आने की जानकारी दी। भूकंप दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर आया था। इससे पहले शुक्रवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जहां रिक्टर पैमाने पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इन त्रासदियों ने हमें भूकंपीय गतिविधियों के वैज्ञानिक अध्ययन और एक व्यापक आपदा प्रबंधन नीति की आवश्यकता की याद दिलाने का काम किया है। इस तरह के बड़े भूकंपों के बाद, वैज्ञानिकों द्वारा वर्तमान भूकंपीय क्षेत्रों को अद्यतन और पुनर्व्यवस्थित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
संदर्भ
https://bit.ly/3FZfEa6
https://bit.ly/3uXFO6Y
https://bit.ly/3uWl1R2
https://bit.ly/3W3mrW1
चित्र संदर्भ
1. भूकंप के कारण विस्थापित लोगों को दर्शाता एक चित्रण (Imaggeo)
2. चीन शांक्सी एडीएम स्थान नक़्शे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. याओडोंग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. भूकंप के बाद ध्वस्त मकानों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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