लखनऊ वासियों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है, खाद्य मिलावट

स्वाद- खाद्य का इतिहास
31-10-2022 10:47 AM
Post Viewership from Post Date to 12- Jan-2022 (31st)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
234 234
लखनऊ वासियों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है, खाद्य मिलावट
<

हम सभी इस तथ्य से भली भांति अवगत हैं की दूध, शहद और दवाइयां जैसे स्वास्थ्यवर्धक खाद्य हमारी सेहत के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की, आज कई नामी खाद्य उत्पादक भी अपने उत्पादों में मिलावट करते हुए पकड़े जा रहे हैं। जिस कारण दूध और शहद जैसे पौष्टिक खाद्य भी अपने गुणों के विपरीत कार्य करने लगते है। अर्थात मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन हमारी सेहत को लाभ के बजाय कल्पना से अधिक हानि पंहुचा सकता है। भारत में खाद्य पदार्थों में मिलावट एक चिंता का विषय बन गया है। बहुत कम लोग जानते हैं की भारत में लगभग 25 से 30% परिचालित खाद्य पदार्थ जानबूझकर मिलावटी होते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों में अधिक लाभ कमाने के लिए बड़े पैमाने पर मिलावट की जाती हैं। दूध, घी, वनस्पति तेल, मसाले, आइसक्रीम, शहद, कॉफी, चाय की पत्ती, आटा, अनाज और मिठाई आदि कुछ ऐसे प्रमुख खाद्य उत्पाद हैं, जिनमें अधिकतम मिलावट होती है।
नीचे खाद्य पदार्थों में प्रयोग की जाने वाली मिलावट सामग्री आपको हैरान कर देगी:
#खाद्य पदार्थ- मिलावट
१.दूध - पानी
२.घी - वनस्पति
३.आइसक्रीम - वाशिंग पाउडर
४.मिर्च पाउडर - ईंट पाउडर
५.कॉफी - इमली/खजूर बीज
६.शहद - गुड़ चीनी
७.चीनी - चाक पाउडर
मिलावटी भोजन के नुकसान:
वर्तमान में दस साल पहले की तुलना में खाद्य पदार्थों में मिलावट से जुड़े मुद्दे अधिक सामने आने लगे हैं। जिसका स्पष्ट कारण यह है कि हमने व्यस्त जीवन जीना शुरू कर दिया है। “पहले लोग अपने आंगन में सब्जियां उगाते थे और अपने मसाले खुद पीसते थे। लेकिन आज उसके लिए समय किसके पास है? भोजन में मिलावट, भोजन में अशुद्धता को बढाती है। जब अशुद्धता बढ़ जाती है तो, असुरक्षित खपत के पैरामीटर (Parameter) भी बढ़ जाते हैं। हो सकता है कि आपको रातों-रात इसका असर न दिखे, लेकिन मिलावट हमारे स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक खतरा पैदा कर सकती है। मिलावटी भोजन में पोषक तत्वों की भी कमी होती है और इसका स्वाद स्वस्थ भोजन से अलग होता है। मिलावटी खाना खाकर हम अपने स्वाद और सेहत से समझौता कर रहे हैं। मिलावटी भोजन को कई पुरानी बीमारियों जैसे यकृत विकार, दस्त, पेट विकार, सुस्ती, कैंसर, उल्टी, पेचिश, जोड़ों का दर्द, हृदय रोग, भोजन विषाक्तता आदि से जोड़ा गया है।
खाद्य पदार्थों में मिलावट हाल के वर्षों में एक सतत समस्या रही है। यहां तक ​​कि नामी उत्पादक भी कभी-कभी इन घोटालों में पकड़े जाते हैं। हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले लगभग हर उत्पाद में मिलावट मौजूद होती है। खाद्य अपमिश्रण या मिलावट तब होती है जब घटिया, हानिकारक, पदार्थ प्राकृतिक भोजन के साथ मिश्रित हो जाते हैं, जिससे उनकी प्रकृति और गुणवत्ता दोनों खराब हो जाती है। मिलावटी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है, जिससे हमारे शरीर के आवश्यक पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। अनजाने में, हम अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालते हुए, दैनिक आधार पर इनका सेवन करते हैं। 2018-2019 में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक संघ (FSSAI) की रिपोर्ट ने खुलासा किया कि 28% खाद्य नमूनों में मिलावट थी, जो 2012 के बाद से दोगुनी हो गई थी। हाल ही में, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 13 घरेलू ब्रांडों के शहद के नमूनों का परीक्षण किया गया था। परेशान करने वाली बात यह है कि शहद के 75% नमूनों में संशोधित चीनी की मिलावट थी। हमारे लखनऊ में भी मिलावटखोरों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान 17 लोग घटिया खाद्य पदार्थ बेचते पाए गए, जिनपर अदालत ने ₹9.75 लाख का जुर्माना लगाया है। मिलावट करने वाले लोग मिलावटी बेसन, दूध, पनीर, सरसों का तेल, खोआ, साबूदाना और घटिया किस्म का पानी बेचते हुए पाए गए जो उपयोग के लायक नहीं थे।
निर्धारित मानकों के उल्लंघन को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) के अधिकारियों को होटलों, भोजनालयों, फूड स्टॉल, फूड प्वाइंट (Food Stall, Food Point) और सब्जी मंडियों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट से छुटकारा पाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
मिलावट के नुकसान से बचने का सबसे बेहतर तरीका यही होगा कि हम स्वयं खेती करना शुरू करें। साथ ही सब्जियों और फलों को स्थानीय जैविक बाजारों से या सीधे किसानों से खरीदने की कोशिश करें। पहले से ही तैयार मसाला पाउडर खरीदने के बजाय लाल मिर्च को पीसकर घर पर ही लाल मिर्च पाउडर बना सकते हैं। हालांकि हमारे लिए पूरी तरह से खेती शुरू करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप सीमित जगह का उपयोग करके सब्जियां उगाते हैं तो यह आपकी बहुत मदद कर सकता है। खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या का व्यापक समाधान निकालने की दिशा में सरकारी अधिकारी भी काम कर रहे हैं। मिलावट पर नकेल कसने के लिए FSSAI ने खाद्य सुरक्षा मानक (FSS) अधिनियम में एक नया खंड शामिल करने का भी प्रस्ताव रखा है। साथ ही उपभोक्ताओं के तौर पर हमें भी गुणवत्ता के लिए एगमार्क की जांच करने, विश्वसनीय, सत्यापित स्रोतों से खरीदारी करने और ब्रांडों द्वारा किए गए दावों पर विश्वास न करने जैसे सरल कदम उठाकर सावधानी बरतनी चाहिए।

संदर्भ
shorturl.at/nINOZ
shorturl.at/elptY
shorturl.at/bhnRU

चित्र संदर्भ
1. खाद्य मिलावट को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. शहद को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. ताड़ के तेल, मोनरोविया, लाइबेरिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के स्वामित्व वाले लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. फूड स्टॉल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. राजधानी एक्सप्रेस में मिलने वाले भोजन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.