समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 21- Aug-2022 (30th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1646 | 17 | 1663 |
पृथ्वी का 75% भाग महासागरों से घिरा है। महासागरीय जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। ग्लोबल वार्मिंग (Global
Warming) के परिणामस्वरुप महासागरों का जल लगातार गर्म होता जा रहा है। समुद्री धाराओं में असंतुलन, समुद्री हवाओं का
गर्म होना और समुद्री ज्वार भाटा संकट आदि लगातार होते जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है। वर्ष 1990 से 2013 में समुद्री
धाराओं की गति में तेजी लगभग 15% तक आंकी गई है। इस स्थिति में समुद्री जीवन अत्यधिक प्रभावित हो रहा है। बहुत से
समुद्री जीव विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
महासागर, जलवायु का संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूर्य के विकिरण को सर्वाधिक महासागरों द्वारा ही
अवशोषित किया जाता है। मुख्यतः भूमध्य रेखा के आसपास के उष्णकटिबंधीय जल में, जहां महासागर एक विशाल, गर्मी को
अवशोषित करने वाले सौर पैनल की तरह कार्य करता है। सभी नदियाँ अंततः महासागरों में जाकर मिलती हैं। फिर महासागरीय
जल भाप बनकर वायुमंडल में पहुंचता है और बादलों का निर्माण करता है। यही कारण है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक
वर्षा होती है। क्योंकि गर्मी का अवशोषण और समुद्री जल का वाष्पीकरण यहां सबसे अधिक होता है। इसके अलावा,महासागरीय धाराएं वैश्विक जलवायु नियंत्रण के लिए एक कन्वेयर बेल्ट (conveyor belt) की तरह काम करती हैं। जो भूमध्य
रेखा से गर्म पानी और वर्षा को ध्रुवों की ओर ले जाती हैं और ठंडे पानी को ध्रुवों से वापस उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में ले जाती हैं।
महासागरीय धाराओं के अभाव में भूमध्य रेखा पर अत्यधिक गर्मी और ध्रुवों पर अत्यधिक ठंड हो जाएगी और पृथ्वी का बहुत
कम हिस्सा ही रहने योग्य बचेगा।
पश्चिमी अंटार्कटिका वर्तमान समय में वायुमंडलीय और महासागरीय तापमान में वृद्धि से जूझ रहा है। तापमान में लगातार वृद्धि
से जहां एक ओर ग्लेशियर (Glacier) लगातार पिघल रहे हैं वहीं दूसरी ओर समुद्र के तापमान में भी वृद्धि हो रही है। केल्टेक
(Caltech) और जेपीएल (JPL) के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल प्रस्तुत किया जिसके अनुसार अंटार्कटिका की बर्फ की चादरें
लगातार पिघलती जा रही है। जिससे समुद्री जल का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। उनका मॉडल महासागरीय धाराओं पर भी
केंद्रित है। उनका मानना है कि बर्फीली चादरों से पिघला हुआ पानी कितनी तेजी से महासागरों की सतह पर जमा होता है। यह
मॉडल संकीर्ण अंटार्कटिक तटीय धारा पर विचार करता है जो पूरे अंटार्कटिक महाद्वीप के चारों ओर वामावर्त चलता है।
पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एंडी थॉम्पसन ने कहा, "अगर हम जिस तंत्र का अध्ययन कर रहे हैं वह वास्तविक
दुनिया में सक्रिय है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वैश्विक जलवायु मॉडल में भविष्यवाणियों की तुलना में बर्फ की
चादरों के पिघलने की दर 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक है। जो आमतौर पर अंटार्कटिक तट के पास इन मजबूत धाराओं का
अनुकरण नहीं कर सकता है।"
अटलांटिक महासागर की गल्फ स्ट्रीम (Gulf Stream) जैसी धाराएं समुद्री जीवन के लिए एक मुख्य मार्ग की तरह कार्य करती
हैं। जो गर्मी और तूफान के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण यह गर्म धाराएं महासागरों की सतह पर
केंद्रित होती है और सतही जल को और अधिक उत्प्लावक बना देती हैं। बढ़ते तापमान ने समुद्री धाराओं को समुद्र की सतह के
77% से अधिक कर दिया है। यदि समुद्र की धाराएं तेज होती रही तो यह समुद्रों और महासागरों की गर्मी को अवशोषित करने
की क्षमता को प्रभावित करेगी। जिससे सूर्य की गर्मी का बहुत बड़ा भाग वातावरण में ही रहकर पृथ्वी पर जीवन को हानि
पहुंचाएगा। यह सभी परिस्थितियाँ मानव द्वारा उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसों (Greenhouse Gases) का ही परिणाम है।
महासागर न केवल सौर विकिरण को अवशोषित करते हैं बल्कि यह दुनिया भर में गर्मी को वितरित करने का कार्य भी करते हैं।
महासागरों का पानी लगातार वाष्पित होता है जिससे आसपास की हवा का तापमान और आर्द्रता बढ़ती है। समुद्री सतह पर
एकत्रित होने वाली गर्म धाराएं अन्य बर्फीली चदरों को पिघलाने के लिए उत्तरदाई हैं। अधिक पिघला हुआ पानी तटीय धारा में
ग्लोबल वार्मिंग को फैला सकता है, जो प्रायद्वीप से हजारों किलोमीटर दूर पश्चिम अंटार्कटिक बर्फ की चादरों को भी तेजी से
पिघला सकता है।
महासागरीय वातावरण के संरक्षण के लिए यह आवश्यक है कि मानवीय गतिविधियों को नियंत्रित किया जाए। इसके अलावा
जल प्रदूषण पर भी गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। नदियों और समुद्रों में जाने वाला अपशिष्ट पदार्थ महासागरों
सहित सभी जीव-जंतुओं के जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3dEiNR1
https://bit.ly/2JvSCrk
https://bit.ly/3wdN1AJ
चित्र संदर्भ
1. समुद्र के बढ़ते तापमान को दर्शाता एक चित्रण (
European Wilderness Society)
2. तापमान बार चार्ट महासागर-हिंद महासागर--1851-2020--2021 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. भूमि बनाम महासागर के तापमान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. भू-महासागर तापमान सूचकांक के मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.