समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 30- Aug-2022 (30th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
3211 | 28 | 3239 |
मानसून या सावन का मौसम हमारे जीवन के विभिन्न पहलूओं से जुड़ा हुआ है।इसने मानव के मन और मस्तिष्क को जिस तरह से प्रभावित किया है, वह कल्पना से भी परे है।इसलिए सदियों से ही मानसून को संगीत और नृत्य परंपराओं के साथ जोड़ा गया है।उत्तर भारतीय समुदायों के बीच मानसून का स्वागत करना एक प्राचीन रिवाज है। हिंदुस्तानी शास्त्रीय प्रणाली में भी हर मौसम के लिए राग होते हैं, तथा इसमें मानसून के लिए भी राग हैं।मानसून ने कालिदास और जयदेव जैसे कवियों को अमर प्रेम प्रसंगों को लिखने के लिए प्रेरित किया है। छत्तीसगढ़ और बनारस के लोकगीतों के माध्यम से पूरे देश में बारिश का स्वागत खुशी और आशा के साथ किया जाता है।भारतीय शास्त्रीय साहित्य ने मानसून की प्रेमियों के बीच लालसा और साहचर्य के समय के रूप में, किसानों के लिए प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की अवधि के रूप में और सभी के लिए आनंद के मौसम के रूप में सराहना की है।लखनऊ के संगीत और नृत्य परंपराओं में भी उपयुक्त रागों के साथ मानसून का संयोजन देखने को मिलता है। तो चलिए आज कुछ वीडियोज के जरिए मानसून से जुड़ी लखनऊ की इन बेहतरीन धुनों का आनंद लें। एक वीडियो राग सारंग मल्हार को शबद के रूप में प्रस्तुत करता है तथा अन्य वीडियो मेघ मल्हार पर लखनऊ के कथक नृत्य को प्रदर्शित करता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3S6vrIl
https://bit.ly/3zkSJ4p
https://bit.ly/3zJ2CdJ
https://bit.ly/3Q3103Q
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.