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आज भारत दुनिया के सबसे बड़े कृषि उत्पाद निर्यातकों में से एक बन गया है। 2021-22 के दौरान,
देश ने 2020-21 के 41.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 20% की वृद्धि के साथ कुल कृषि निर्यात में
49.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर अर्जित किए। और यही बढ़ते आंकड़े भारत सरकार को खाद्य के
क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं, जिसमें से एक बड़ा निवेश पूरे देश में
"फूड पार्क" के निर्माण के लिए भी किया जायेगा! चलिए जानते हैं आखिर फ़ूड पार्क क्या होते हैं,
और भविष्य में यह हमारे देश के समग्र आर्थिक हितो को कैसे साध सकते हैं?
फूड पार्क या मेगा फूड पार्क (Food Park or Mega Food Park) योजना को एक समावेशी
अवधारणा माना जाता है, जिसका उद्देश्य संग्रह केंद्रों और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों के विशाल
नेटवर्क के माध्यम से "खेत से प्रसंस्करण और उपभोक्ता बाजारों तक सीधा संबंध" स्थापित करना
है। इसका उद्देश्य जल्द खराब होने वाले उत्पादों के प्रसंस्करण के वर्तमान छह प्रतिशत से 20
प्रतिशत तक के लक्ष्य को प्राप्त करना और 2015 तक वैश्विक खाद्य व्यापार में देश की हिस्सेदारी
को कम से कम तीन प्रतिशत तक बढ़ाना है। इन मेगा फूड पार्कों से खेतों को उच्च गुणवत्ता वाले
खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना प्रदान करने की उम्मीद की जा रही है। इनमें रसद, परिवहन और
केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र शामिल हैं, ताकि इससे निम्नलिखित गतिविधियां सुनिश्चित की जा सके:
1. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन करना।
2. किसानों को अधिक व्यवस्थित, बाजार संचालित और लाभदायक कृषि गतिविधियों के लिए
जागरूक करना।
3. किसानों के लिए अतिरिक्त आय का सृजन करना।
4. कटाई के बाद के नुकसान में कमी करना।
5. खेत से बाजार तक मूल्य श्रृंखला का रख-रखाव करना।
10 जुलाई 2012 को भारत के पहले मेगा फूड पार्क - श्रीनी फूड पार्क का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय
कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा आंध्र प्रदेश के चित्तूर में किया गया था जो आज भारत में सबसे बड़ा
फल और सब्जियों का समूह है। सॉफ्टवेयर पार्कों की भांति ही, 147 एकड़ की विशाल जगह में यह
नए जमाने के सुविधा मॉड्यूलर कोल्ड स्टोरेज, उन्नत परीक्षण प्रयोगशालाओं, पल्पिंग, बॉटलिंग,
टेट्रा पैकिंग और वेयरहाउसिंग सुविधाओं (Modular cold storage, advanced testing
laboratories, pulping, bottling, tetra packing and warehousing facilities) के लिए
अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित है। इन पार्कों ने आपूर्ति श्रृंखला बुनियादी ढांचे, क्षेत्र संग्रह केंद्र,
स्वयं सहायता समूहों और व्यक्तिगत किसानों द्वारा समर्थित क्लस्टर खेती की पेशकश की है।
आज यह खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में उभरे है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में तुमकुर में जिस मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया, वह
110 एकड़ में फैला हुआ है। 22,000 टन भंडारण क्षमता के साथ, 30 खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों
को कोलार, शिमोगा और तुमकुर के आसपास के जिलों (जो सब्जियों, फलों, बाजरा और तिलहन में
समृद्ध हैं) के किसानों को लाभान्वित करने के अलावा इस पार्क की सहायता से 4000 रोजगार
सृजित करने की उम्मीद है।
मेगा फूड पार्क योजना के तहत, सरकार कंपनियों के एक संघ द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाले
प्रत्येक फूड पार्क के लिए 50 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान करती है। यह उम्मीद की जा रही
है कि प्रत्येक मेगा फूड पार्क में लगभग 250 करोड़ रुपये के सामूहिक निवेश के साथ लगभग 30-
35 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ होंगी, जो अंततः 400-500 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार करेगी
और लगभग तीस हजार लोगों के लिए (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार पैदा करेगी। अतः हम कह
सकते हैं की मेगा फूड पार्क, विस्तार की अपार संभावनाओं के साथ, भारत को भविष्य की खाद्य
मांगों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। 5000 लोगों को रोजगार देने और लगभग 25000
किसानों की मदद करने के उद्देश्य से जुलाई 2020 में मिजोरम में भी पहला मेगा फूड पार्क
स्थापित किया गया था।
भारत एशिया का सबसे समृद्ध कृषि प्रधान देश है। दुनिया की कृषि योग्य भूमि का दसवां हिस्सा
(160.5 मिलियन हेक्टेयर) और दुनिया की सिंचित भूमि का पांचवां हिस्सा (59 मिलियन हेक्टेयर)
के साथ, यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक है। देश में कुल खाद्य उत्पादन अगले
दशक या उससे भी अधिक समय में दोगुना होने की संभावना है। फिर भी वर्तमान में देश का
अंतरराष्ट्रीय खाद्य व्यापार में 1.5 प्रतिशत से भी कम का योगदान है! लेकिन प्रसंस्करण
सुविधाओं की कमी का सीधा मतलब है कि लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की कृषि
उपज का लगभग 35 प्रतिशत बर्बाद हो जाता है।
किसानों और व्यापारियों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी प्रदान करने के लिए फूड पार्क एक आवश्यकता
बन गए हैं। सरकार ने अब तक पूरे देश में 42 मेगा फूड पार्क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। और
उनमें से 25 को विभिन्न राज्यों में लागू भी किया जा रहा है। अब तक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश,
पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम,
मिजोरम, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में पूरे भारत में 22 मेगा
फूड पार्क चालू हो गए हैं।
हाल ही में 'I2U2' समूह के चार नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें खाद्य सुरक्षा और
स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया गया। दरसल I2U2 समूह भारत, इजरायल, संयुक्त अरब
अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है। 14 जुलाई, 2022 को जारी समूह के पहले
संयुक्त बयान में कहा गया है कि देशों का उद्देश्य "संयुक्त निवेश और जल, ऊर्जा, परिवहन,
अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में नई पहल" पर सहयोग करना है।
I2U2 गठबंधन के पहले शिखर सम्मेलन में दो पहलों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें संयुक्त अरब
अमीरात ने पूरे भारत में एकीकृत खाद्य पार्कों की एक श्रृंखला विकसित करने के लिए $ 2
बिलियन का निवेश किया, जबकि दूसरी पहल के तहत गुजरात में एक "हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा
परियोजना" को आगे बढाया जायेगा। संयुक्त अरब अमीरात चार देशों के समूह के ढांचे के तहत पूरे
भारत में एकीकृत खाद्य पार्कों की एक श्रृंखला विकसित करने के लिए $ 2 बिलियन का निवेश
करेगा।
“भारत भी इस परियोजना के लिए उपयुक्त भूमि प्रदान करेगा और किसानों के फूड पार्कों में
एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। इस निवेश से फसल की पैदावार को अधिकतम करने में मदद
मिलेगी और बदले में, दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद
मिलेगी।
संदर्भ
https://bit.ly/3J7lZjX
https://bit.ly/3uZzqfW
https://bit.ly/3PoVmZM
https://bit.ly/3ojagVO
चित्र संदर्भ
1. नेकॉन ग्रीनटेक मेगा फ़ूड पार्क को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. सब्जियों को कोल्ड स्टोरेज में रखने से पहले छटनी करते किसानों, को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. तुमकुर में मेगा फूड पार्क के भीतर के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. भारत के प्रमुख फसल क्षेत्रों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. नेकॉन ग्रीनटेक मेगा फ़ूड पार्क , को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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