डेल्टा और ओमाइक्रोन के बाद अब डेलमाइक्रोन क्या नई बला है?

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डेल्टा और ओमाइक्रोन के बाद अब डेलमाइक्रोन क्या नई बला है?

पिछले दो वर्षों के दौरान भारत सहित पूरे विश्व ने कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के विनाशकारी दंश को जैसे-तैसे झेला है। दुनियां की कई सरकारों ने तो केवल दूसरी लहर के दौरान ही हाथ खड़े कर दिए थे। ऐसी स्थिति में घातक कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) ने विश्व के सक्षम से सक्षम देशों के भी हाथ पांव फुला दिए हैं। विश्व स्वास्थ संगठन ने कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही, को अपरिहार्य (जिसे किसी भी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता) घोषित कर दिया है।
नए साल 2022 के साथ ही ओमाइक्रोन के कारण देशभर में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने और कोविड -19 मामलों में तेज़ी से वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली, वित्तीय केंद्र मुंबई और कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले महानगरों में यह वायरस सर्वाधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत ने वर्ष 2021 के अप्रैल और मई में दूसरी विनाशकारी लहर का सामना किया, जिसमें संकट के चरम पर दैनिक रूप से लगभग 400,000 औसत मामले सामने आये थे। ओमाइक्रोन वैरिएंट को पहली बार नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था, और यह तब से दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है, जिसने क्रिसमस और नए साल के जश्न को भी प्रभावित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे चिंताजनक सूचि में शामिल करने के बाद भारत सहित कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। यूके और दक्षिण अफ्रीका में प्रकाशित प्रारंभिक अध्ययन दर्शाते हैं की अन्य प्रकारों की तुलना में ओमाइक्रोन से संक्रमित लोगों को अस्पताल में उपचार की कम आवश्यकता होती है। 29 दिसंबर को दैनिक कोविड मामलों में 44% की उछाल कोविड को देखकर विशेषज्ञों, वैज्ञानिक इसे SARS-CoV-2 के नवीनतम संस्करण, ओमाइक्रोन का प्रभाव मान रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में भारत में कोविड-19 के मामलों में तेज़ी से वृद्धि होगी, जिसे तीसरी लहर कहा जा सकता है। लेकिन इसका प्रभाव पहली और दूसरी लहर की तरह गंभीर नहीं होगा। कोरोनावायरस संक्रमणों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, टीका लगाने के प्रति लोगों की हिचकिचाहट और शालीनता की भावना भारत के टीकाकरण अभियान में बाधा बन रही है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक ट्रैकर ने भविष्यवाणी की कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह से नए संक्रमण बढ़ने लगेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अति महत्वपूर्ण है। 2022 की शुरुआत में पांच भारतीय राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में नए वाइरस के प्रकोप को नियंत्रित करना और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। ओमाइक्रोन संस्करण अब दुनिया भर के अधिकांश देशों में फैल गया है। हालांकि कई उत्परिवर्तनों के कारण इसके सटीक गुणों का पता लगाने के लिए अध्ययन अभी भी जारी है।
जहां पूरी दुनिया पहले से ही डेल्टा (Delta) और अब ओमाइक्रोन को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है, वही पश्चिम में देखे गए मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे वायरस 'डेलमाइक्रोन' (Delmicron) के उभरने की भी संभावना है। डेलमाइक्रोन नाम डेल्टा और ओमाइक्रोन वेरिएंट के संयोजन से लिया गया है। यह कोई नया वेरिएंट (Variant) नहीं है बल्कि पहले से ही पहचाने गए दोनों वेरिएंट- डेल्टा और ओमाइक्रोन का ट्विन स्पाइक (twin spike) है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि डेल्टा और ओमाइक्रोन वेरिएंट के संयोग से दोनों वेरिएंट के जीन (Gene) के साथ डेल्माइक्रोन का निर्माण हो सकता है। यह अत्यंत खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें ओमाइक्रोन से संप्रेषणीयता और डेल्टा से गंभीरता का गुण मौजूद हो सकते है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ शशांक जोशी ने सुझाव दिया कि पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप (Europe) में पाए गए मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे 'डेलमाइक्रोन' हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि डेल्टा और ओमाइक्रोन का सह-संक्रमण, उन लोगों में हो सकता है जो एक प्रकार से ठीक हो रहे हैं और फिर एक साथ दूसरे संस्करण के संपर्क में आ रहे हैं। ओमाइक्रोन एक सप्ताह में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख तनाव का कारण बन गया है, जो एक सप्ताह में अनुक्रमित कुल मामलों का 73 प्रतिशत है।
डेलमाइक्रोन नाम कोरोनावायरस के डेल्टा वेरियंट और ओमाइक्रोन वेरियंट को मिलाकर बनाया गया है और वर्तमान में ये दोनों वेरियंट भारत समेत पूरी दुनिया में पाए जा रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन दोनों देश इस समय COVID-19 मामलों की सुनामी झेल रहे हैं। अमेरिका के कुछ हिस्सों में, ओमाइक्रोन मामलों की हिस्सेदारी देश भर में 73 प्रतिशत के आंकड़े से अधिक है। ब्रिटेन में भी हालात कुछ ऐसे ही नजर आ रहे हैं।
ओमाइक्रोन या डेल्टा से पीड़ित लोग कमोबेश समान लक्षणों की शिकायत करते हैं, जैसे
• उच्च तापमान
• लगातार खांसी
• गंध या स्वाद की आपकी समझ में कमी या परिवर्तन
• सरदर्द
• बहती नाक
• गले में खराश
हालांकि कोरोना वायरस के प्रति रोकथाम के लिए भारत में टीकाकरण अभियान भी चरम पर है, लेकिन जिस प्रकार से महामारी के नए वेरिएंट और एक के बाद एक लहर सामने आ रही है, ऐसी स्थित में यही कहा जा सकता है की केवल "बचाव ही सुरक्षा है"!

संदर्भ
https://bit.ly/3EOmA6d
https://bbc.in/3sMkHEK
https://bit.ly/3Jx9ii9
https://bit.ly/3EVttTq

चित्र संदर्भ 
 
1. SARS-CoV-2 संरचना को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. महिला का तापमान मापती महिला स्वास्थकर्मी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. ओमाइक्रोन वेरिएंट को दर्शाता एक चित्रण (The Native Antigen Company)

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