नयनार, भगवान शिव के 63 महान भक्त

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
18-12-2021 10:39 AM
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नयनार, भगवान शिव के 63 महान भक्त

ब्रह्माण्ड के सबसे शांत एवं सबसे रौद्र रूप के दर्शन किसी एक शक्ति में करने के परिपेक्ष में भगवान शिव अर्थात भोले-शंकर सबसे आदर्श प्रमाण माने जाते हैं। शिव का एक नाम भोला है, अर्थात उन्हें बेहद मासूम एवं कोमल हृदय का ईश्वर माना जाता है। उदाहरण के तौर पर वे बेहद जल्दी (सभी देवताओं की तुलना में सबसे शीघ्र) प्रसन्न हो जाते हैं, और बिना अधिक सोचे-विचारे मनचाहा वरदान दे-देते हैं, जैसा की उन्होंने भस्मासुर के संदर्भ में किया था। वही दूसरे संदर्भ में शिव को विनाशक "विनाश का देवता" भी माना जाता है। अपने भोले और मासूम प्रकृति के विपरीत विनाश के देवता अर्थात विध्वंशक के तौर पर शिव के भीतर पूरे ब्रह्माण्ड को क्षण भर में धूमिल करने की क्षमता है। जैसा की उन्होंने माता सती के वियोग में किया भी है। शिव की इसी बहुरूपी (अनेक रूपों वाली) प्रकृति और आलौकिकता ने युगो-युगों से मनुष्यों, को भक्तों के रूप में अपने प्रति आकर्षित किया है। शिव के बहुत गहन और चर्चित उपासकों अर्थात भक्तों में नयनार को आमतौर पर वर्णित किया जाता है। तीसरी से 8वीं शताब्दी CE के दौरान तमिलनाडु में रहने वाले 63 संतों (शिव उपासकों) के एक समूह को नयनार (Nayanmars; Tamil: நாயன்மார்) के नाम से जाना जाता है। इन सभी संतों का चरित्र शेक्किषार नामक भक्तकवि के पेरियपुराण में वर्णित है। इन संतों का जीवन तेलुगु में 'शिवभक्त चरितमु' के नाम से प्रकाशित किया गया है। नयनार की सूची में सर्वप्रथम सुंदरार (सुंदरमूर्ति) द्वारा उनकी कविता तिरुथोंडा थोगई में संकलित की गई थी। उन्होंने ग्यारह छंदों में, कराईक्कल अम्मैयार तक नयनार संतों के नाम गाए। सभी नयनार विभिन्न पृष्ठभूमियों से सम्बंध रखते थे, जिनमें चन्नार, वन्नियार, वेल्लालस, इदयार, कुरुम्बर, थेवर, तेल बेचने वाले, ब्राह्मण, धोबी, हरिजन आदि शामिल थे। उन्हें प्रमुख तौर पर दक्षिण भारत के महत्त्वपूर्ण हिंदू संतों के रूप में माना जाता है। इन सभी ने छठी, सातवीं और आठवीं शताब्दी सीई के दौरान पूरे तमिलनाडु में शैववाद का प्रसार किया। उन्होंने देशी तमिल भाषा में भगवान की स्तुति में आत्मा-उत्तेजक भजनों की रचना की, और उन्हें सभी सामाजिक स्तर के लोगों के बीच फैलाया।
63 नयनारों की सूची को नीचे क्रमशः दिया गया है:
1. अनय नयनार
2. आदिपत्त नयनार
3. अय्यडिगल् कडवर्कान् नयनार
4. अमरनीदि नयनार्
5. अप्पुदि अडिगळ्
6. अरिवट्टय नयनार
7. चंडीश्वर नयनार
8. दंडियदिगळ् नयनार
9. ऎनटिनाथ नयनार
10. ऎरिपात्त नयनार
11. अय्यर्कान् कालिक्काम नयनार
12. गणनाथ नयनार
13. इडन् गाजि नयनार
14. इलयान् कुडिमारनायनारु
15. इयर् पगै नयनार
16. कलिकांब नयनार
17. कालिय नयनार
18. कानम पुल्ल नयनार
19. कन्नप्प नायनारु
20. करैक्कल् अम्मय्यारु (कारक्काल् अम्म)
21. कज् हार् सिंग नयनार
22. कझरित्ररिवार् (चेरमान् पॆरुमाळ् नयनार)
23. कोचॆन् गाट् चोळ नयनार
24. कूत्रुव नयनार
25. कोट्पुलि नयनार
26. कुलाचिरायि नयनार
27. मनकंचार नयनारगुग्गुलु कलश नयनार
28. मंगयार् करशियार्
29. मॆय् पॊरुल् नयनार
30. मूर्ख नयनार
31. मूर्ति नयनार
32. मुनैयडुवारु
33. मुरुग नयनार
34. नामिनंदि अडिगळ्
35. नरसिंग मुनियारय्यरु
36. नेश नयनार
37. निन्राऋषि नॆडुमर नयनार
38. पॆरुमिजहलायि नयनार
39. पूसलार् नयनार
40. पूगल् चोळ नयनार
41. पूगज् तुनायि नयनार
42. सक्किय नयनार
43. सदय नायनारु
44. सत्ति नयनार
45. शेरुतुनायि नयनार
46. शिरप्पुलि नयनार
47. शिरुतॊंड नयनार
48. सोमशिर नयनार
49. सुंदर्राम्मूर्ति
50. तिरुज्ञान सम्बंधारु
51. तिरुकुरिप्पु तॊंडनयनार
52. तिरुमूल नयनार
53. तिरुनालै पोवार् नयनार (नंदनार)
54. तिरुनवुक्करसारु नयनार
55. तिरुनीलकंठ नयनार
56. तिरुनीलकंठ याज् पनार् नयनार
57. तिरुनीलनक्कार् नयनार
58. रुद्रपशुपति नयनार
59. वायिलारु नयनार
60. विराल् मिंड नयनार
61. इयर् कान् कलिकाम नयनार
62. करि नयनार
63. इसै ज्ञाननियार
नयनार की सूची में 3 महिलायें भी शामिल हैं।
1. मंगैयारकरसियार (50 वीं नयनार): मंगैयारकरसियार पांडियन साम्राज्य की रानी थी, जिनका विवाह उस सम्राट से हुआ था जिसने जैन धर्म स्वीकार कर लिया था। हालाँकि, इसके पश्चात् वह रोगग्रस्त (कुबड़ा) हो गया, जिसके परिणामस्वरूप उसे कून-पांडियन के नाम से जाना जाने लगा। मंगैयारकरसियार ने उसे ठीक करने के लिए अप्पार और सम्बंदर (अन्य नयनार) को आमंत्रित किया। अप्पार ने अपना प्रसिद्ध थिरुनीत्रु पाधोगम गाया और विभूति के प्रयोग से राजा को ठीक कर दिया।
2. कराइकल अम्मैयार (24 वीं नयनार) : कराइकल अम्मैयार का जन्म एक वैश्य परिवार में पैदा हुआ था। उनके पिता दानदाथन (एक धनी व्यापारी) और बहुत गुणी भी थे। कराइकल अम्मैयार उनका विवाह एक धनी वैश्य परमदत्तन से हुआ था। कराइकल एक महान शिव भक्त थी। चेन्नई के पास थिरुवलंगडु में उनका मंदिर बहुत प्रसिद्ध है।
3. इसैनियार (63 वीं नयनार) : इसैनियार, को इसाइग्नानियार, इसाइग्नानियार और इसाईजनियर के रूप में भी जाना जाता है। वे सबसे प्रमुख नयनार संतों में से एक हैं। उन्हें आम तौर पर 63 नयनार की सूची में अंतिम के रूप में गिना जाता है। इसाईगनियार की पूजा तमिल महीने चिथिरई में की जाती है, जब चंद्रमा चित्राई नक्षत्र में प्रवेश करता है। नयनार में केवल तीन महिलाओं के शामिल होने की व्याख्या पितृसत्तात्मक समाज के प्रभाव के रूप में की जाती है।
शिव भक्तों के समान ही भगवान विष्णु के भी भक्तों का एक समूह था, जिसे आज़वार या आलवर के नाम से वर्णित किया जाता है, जिनकी संख्या 12 हैं। हालाँकि वें केवल विष्णु की स्तुति में गाते थे। लेकिन एक घटना के बाद आज़वार और नयनमार एक दूजे की प्रशंसा करने वाले बन गए।
घटना के अनुसार एक मकड़ी और हाथी दोनों ही भगवान शिव के भक्त थे। जहाँ मकड़ी एक लिंग के ऊपर एक जाल बुनती थी, वहीं हाथी कावेरी नदी से पानी लाता था और उससे लिंग को स्नान कराता था। लेकिन एक दिन ऐसा लिंग को स्नान कराते समय मकड़ी का जाल फट गया। जब मकड़ी को पता चला कि हाथी ने उसका जाला फाड़ दिया, तो उसने हाथी को डंक मार दिया, जो मर गया। लेकिन हाथी के ज़मीन पर गिरने से मकड़ी कुचल गई। इस स्थान को थिरुवनैक्कवल कहा जाने लगा, इस प्रकार हाथी (अनाई) का सम्मान किया जाता था। मकड़ी को राजा कोचेंगानन के रूप में जन्म लेने का आशीर्वाद मिला था। ज्योतिषीय कारणों से कोचेंगानन की माँ ने जानबूझकर उनके जन्म में देरी की। भविष्यवाणी के अनुसार, वह सभी लड़ाइयों में तब तक विजयी रहा, जब तक कि वह एक लड़ाई हार नहीं गया। जिस ऋषि ने कोचेंगानन के विलंबित जन्म की सलाह दी थी, वह ऋषि कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव थे। कोचेंगानन ने थिरुनारायुर में विष्णु की पूजा की और कोचेंगानन को विष्णु से एक दिव्य तलवार प्राप्त हुई, और वह फिर से युद्ध में विजयी हुआ। कृतज्ञता में, उन्होंने थिरुनारायुर में विष्णु के लिए एक मंदिर का निर्माण किया। कोचेंगानन 63 नयनमारों में से एक है और उसने शिव के लिए कई मंदिरों का निर्माण किया, साथ ही उन्होंने थिरुनारायुर विष्णु मंदिर का निर्माण भी किया।

संदर्भ
https://bit.ly/3q33HqI
https://bit.ly/3sfMNYG
https://bit.ly/3ITmn53
https://en.wikipedia.org/wiki/Nayanars

चित्र संदर्भ
1. शिव मंदिर में नयनारों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. चार को नयनारों दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मंगैयारकरसियार (50 वीं नयनार) को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. कराइकल अम्मैयार (24 वीं नयनार) के मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. इसैनियार (63 वीं नयनार) को दर्शाता एक चित्रण (flickr)

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