समुद्री सुनामी के कारण प्रभाव एवं बचाव के उपाय

समुद्री संसाधन
04-11-2021 08:38 PM
Post Viewership from Post Date to 09- Nov-2021 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2287 100 2387
समुद्री सुनामी के कारण प्रभाव एवं बचाव के उपाय

समुद्र भगवान शिव की भांति हैं, यदि वह शांत हैं तो मछलियों और जलीय जीवन सहित पूरी सृष्टि का सृजन केवल अपने दम पर कर सकता हैं। लेकिन यदि वह क्रोधित हो गया, तो उन्हें रोक पाना किसी के वश में नहीं है। जिस प्रकार भगवान् शिव क्रोधित हो जाने पर तांडव नृत्य से पूरे ब्रह्माण्ड को कंपायमान कर सकते हैं, उसी प्रकार समुद्र का क्रोध भयंकर सुनामी का रूप धारण कर सकता है, जो धरती पर जीवन के प्रति बिलकुल भी दया नहीं करता और सुनामी अपनी चपेट आने वाले हर जीव अथवा पेड़ पोंधों को अस्तित्व विहीन कर देती है।

सुनामी क्या होती है?
सुनामी समुद्र से उठने वाली विशालकाय लहरें होती हैं, जो समुद्र की सीमाओं को लांघकर जमीन के हस्से में भी प्रवेश कर जाती हैं। यह ऊँची लहरें समुद्र के स्तर में तेजी से बढ़ती हैं। सुनामी प्रायः दुर्लभ घटना होती है, जो दुनिया में कहीं न कहीं साल में औसतन दो बार होती हैं। हालाँकि एक साल में 15 बार से अधिक सुनामियाँ सबसे विनाशकारी साबित हो सकती हैं, क्यों की यह पूरे महासागर बेसिन को कवर कर सकती है। सुनामी की प्रचंड लहरें खुले समुद्र में 500 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करती है, और तट पर आते ही कई सौ फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाती है। जापानी में सुनामी का अर्थ "बंदरगाह लहर" होता है। चूंकि जापान के तटों में सुनामी आना अपेक्षाकृत आम हैं, यह देश विशेष रूप से इन तटीय आपदाओं के लिए कमजोर माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत सुनामी प्रशांत महासागर में आती है, जिसका प्रमुख कारण समुद्र के नीचे की टेक्टोनिक प्लेटों के किनारों पर भूकंप का आना होता है, जिसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर (Pacific Ring of Fire) के रूप में जाना जाता है। प्राचीन काल में सुनामी को कभी-कभी "ज्वार की लहरें" भी कहा जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हैं क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार लहरों का समुद्र के ज्वार से कोई लेना-देना नहीं है। सुनामी आने के पीछे का प्रमुख कारण भूकंप होता हैं, जो समुद्र तल की गतिविधियोंकी तेज गति को गतिमान कर देता हैं। कुछ मामलों में भूस्खलन भी सुनामी का कारण बन सकता है। जैसे ही भूकंप की ऊर्जा समुद्र तल पर ऊपर के पानी में स्थानांतरित होती है, यह तरंगों का निर्माण करती है। कुछ भूकंप सूनामी का कारण बनते हैं जो सभी दिशाओं में फैल जाते हैं। कई अन्य सूनामी एक विशेष दिशा में फैलती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि भूकंप समुद्र तल कैसे प्रभावित हुआ। सुनामी तटीय क्षेत्रों में कितनी देर में पहुंचेगी यह इस बात पर निर्भर होता है की समुद्र के भीतर भूकंप तट से कितनी दूर पर आया है?
सुनामी कितनी विनाशकारी हो सकती है?
वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के कारण भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित 14 देशों में अनुमानित 225,000 लोगों की जान चली गई थी। यह सुनामी सुमात्रा द्वीप के पास एक शक्तिशाली भूकंप के कारण हुई थी, जिसने 100 फीट ऊंची लहरें पैदा कीं जो क्षेत्र के चारों ओर समुद्र तट तक फैल गईं। वर्ष 2011 में जापान के पूर्वी तट पर समुद्र के नीचे आए भूकंप के कारण भयंकर सूनामी आई थी। इस भूकंप से तट के कुछ हिस्सों में 133 फीट तक की लहरें उठीं, जिससे 15,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई, और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा। अमेरिका में सबसे शक्तिशाली सुनामी 1964 में अलास्का में 9.2 तीव्रता के भूकंप के कारण आई थी। इसने 139 लोगों की जान ली, अधिकांश भूकंप से ही नहीं बल्कि परिणामी सूनामी से, जिसने तट के साथ कई इमारतों को नष्ट कर दिया और तेल भंडारण टैंकों में आग लगा दी।
समुद्र मे सुनामी से भी अधिक भयकर घटना होती है, जिसे महासुनामी या मेगासुनामी (megatsunam) के नाम से भी जाना जाता हैं। जहां आम सुनामी समुद्र में आने वाले भूकम से उत्पन्न होती हैं वही मेगासुनामी तब होती है जब बड़ी मात्रा में कोई विशालकाय आकृति वस्तु अथवा सामग्री अचानक समुद्र के पानी में या गिर जाती है, (जैसे उल्का पिंड या ज्वालामुखी गतिविधि से निकला उत्पाद )। इसकी प्रारंभिक लहरे सैकड़ों से लेकर संभवतः हजारों मीटर तक ऊँची हो सकती हैं, जो किसी भी सामान्य सुनामी की ऊंचाई से कहीं अधिक है। चूंकि प्रहार के प्रभाव या विस्थापन से पानी ऊपर और बाहर की ओर "छिड़क" जाता है ,जिस कारण इस तरंग की ऊँचाई इतनी विशाल होती है। मेगात्सुनामी के उदाहरणों में क्राकाटोआ (ज्वालामुखी विस्फोट), 1958 लिटुआ बे मेगात्सुनामी और 1883 में वाजोंट बांध भूस्खलन से उत्पन्न विशालकाय लहर शामिल है।
क्या सुनामी को रोका जा सकता है?
हालांकि कुछ जरूरी उपाय अपनाकर इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है, जैसे
सुनामी से पहले:
1. जमीन अथवा घर लेने से पहले यह भी सुनिश्चित करें की कहीं आपका घर सुनामी के प्रभाव क्षेत्र में तो नहीं है? 2. यह भी जानिए की आपात स्थित में सड़क कम से कम दूरी पर स्थित हो।
जानिए आपकी सड़क समुद्र तल से कितनी ऊंची है और तट से कितनी दूर है।
3. सुनामी आने से पूर्व ही अपने भागने और निकासी मार्गों की योजना बना लें।
4. सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में अपने बच्चों की स्कूल निकासी योजनाओं को जानें और पता करें कि उन्हें कैसे प्राप्त किया जाए?

सुनामी के दौरान:
1. यदि भूकंप आने के दौरान आप तट पर और घर के अंदर भूकंप हैं, तो किसी स्थान पर खुद को ढकें और रुकें। यदि
आप बाहर हैं, तो गिरने वाली वस्तुओं से दूर रहें।
2. जब कंपन समाप्त हो जाए, तो जल्दी से अंतर्देशीय, ऊंची जमीन पर चले जाएं। हो सके तो पैदल चलें। जब तक अधिकारी यह न कहें कि सब कुछ स्पष्ट है, तब तक वहीं रहें।

सुनामी के बाद:
1. परिवार और दोस्तों को बताएं कि आप ठीक हैं।
2. आधिकारिक सूचना स्रोतों या स्थानीय मीडिया से जुड़े रहें।
3. यह मत समझें कि पहली लहर के बाद खतरा टल गया है। अगला खतरा और भी बड़ा हो सकता है।
4. अगर किसी को बचाने की जरूरत है तो अधिकारियों को फोन करें।
बुजुर्गों, शिशुओं और विकलांग लोगों जैसे लोगों की मदद करें।
5. आपदा क्षेत्रों और उन इमारतों से दूर रहें जिनके आसपास पानी है।
6. इमारतों में फिर से प्रवेश करते समय और सफाई करते समय सतर्क रहें।
नोट: * उपरोक्त उपाय जोखिम भरे भी हो सकते हैं, कृपया आपदा अधिकारीयों से इस संदर्भ में अधिक चर्चा करें!

संदर्भ
https://bit.ly/3wbQzCo
https://bit.ly/3q9kMAW
https://go.nasa.gov/3bHk2KQ
https://nbcnews.to/3bViBJb
https://on.natgeo.com/3CNSqQ8
https://bit.ly/3bGwJ8M
https://bit.ly/3mGiasg
https://en.wikipedia.org/wiki/Megatsunami

चित्र संदर्भ

1. जापान के तट से टकराती सुनामी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2  तट से टकराने पर लहरें और अधिक विकराल रूप धारण कर लेती हैं जिसको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. जापान के 2011 की सुनामी के बाद का एक चित्रण (wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.