समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
Post Viewership from Post Date to 24- Dec-2021 (30th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
985 | 71 | 1056 |
इंसानों को धरती का सबसे चतुर जानवर अथवा जीव कहा जा सकता है। पिछले लाखों वर्षों के
क्रमिक विकास में हमने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा, और सीखकर अभूतपूर्व विकास
किया है। साथ ही हमने प्रकृति में रहने वाले अन्य जीवों से भी कई गुर सीखे हैं, जिन्होनें हमारी
दैनिक दिनचर्या को बेहद आसान बना दिया है। किंतु आज जबकि वैश्वीकरण हमारे पर्यावरण पर
हावी हो रहा है, ऐसे दुविधापूर्ण समय में भी हम धरती पर रहने वाले उन जानवरों से मार्गदर्शन ले
सकते हैं, जो प्रकृति से संतुलन बनाकर उसे अपनी सुविधानुसार ढालने में सक्षम हुए हैं। धरती में
बिल बनाकर रहने वाले जानवर भी उन्ही समझदार जीवों की श्रेणी में आते हैं।
बिल अथवा मांद (burrow) जानवरों द्वारा धरती में खोदी गई एक सुरंग अथवा छिद्र होता है। यह
किसी भी जानवर द्वारा अपने आश्रय, अस्थायी शरण अथवा अंडे देने जैसे कई महत्वपूर्ण कारणों
से धरती में खोदे जाते हैं। यह बिल कमजोर जानवरों को शिकारी से बचने में भी मददगार साबित
होते हैं। दुनियाभर में कई अलग-अलग जानवरों की प्रजातियों को बिल बनाते तथा विविध कारणों
के लिए उनका इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है। इन प्रजातियों में छोटे अकशेरूकीय, जैसे
कोरोफियम एरेनेरियम (Corophium arenarium) से लेकर ध्रुवीय भालू जैसी बहुत बड़ी कशेरुकी
प्रजातियां भी शामिल हैं। लंबाई में यह बिल बहुत साधारण ट्यूब से लेकर सैकड़ों या हजारों मीटर
की दूरी पर इंटरकनेक्टिंग सुरंगों और कक्षों के जटिल नेटवर्क तक हो सकते है।
कशेरुकी बिल (vertebral bill):
विश्व में कशेरुकी जंतुओं की एक विशाल वविधता देखी जाती है, जो कई अलग-अलग प्रकार के
सब्सट्रेट में बिल का निर्माण या उपयोग करती है। बिल बनाने वाले कशेरुकाओं जीवों के उदाहरणों
में कई स्तनधारी, उभयचर, मछली (ड्रैगोनेट और लंगफिश : dragonets and lungfish), सरीसृप
और छोटे डायनासोर भी शामिल हैं। स्तनधारियों को सबसे अधिक बिलिंग के लिए जाना जाता है।
स्तनपायी प्रजातियां जैसे कि इंसेक्टिवोरा जैसे प्रचंड तिल, और कृंतक जैसे विपुल गोफर, ग्रेट
गेरबिल और ग्राउंडहोग अक्सर बिल बनाते हुए दिख जाते हैं। प्लैटिपस, पैंगोलिन, पिग्मी खरगोश,
आर्मडिलो, चूहा और नेवला कुछ अन्य स्तनपायी हैं, जिन्हें विशेष तौर पर बिल बनाने के लिए ही
जाना जाता है। खरगोश, लैगोमोर्फा परिवार का एक सदस्य, एक प्रसिद्ध मांद निर्माता है। विश्व में
सबसे बड़ा बिल संभवतः ध्रुवीय भालू द्वारा खोदा जाता है, इस बिल को खोदकर वह बर्फ या धरती
में अपनी मांद बनाता है। छिपकलियों को भी बिलों के निर्माण और उनमे रहने के लिए भी जाना
जाता है, और वे बिलों पर क्षेत्रीय व्यवहार भी प्रदर्शित कर सकती हैं। यह बिल, लड़ाई के समय इन्हे
अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। कुछ पक्षियों द्वारा आमतौर पर नरम मिट्टी में बिल बनाए जाते
हैं, जैसे पेंगुइन और अन्य समुद्री पक्षी ऐसे ही बिलों के निर्माण और निवास लिए विख्यात हैं।
मैगेलैनिक पेंगुइन चिली और अर्जेंटीना के तटीय पेटागोनियन क्षेत्रों के साथ बिलों का निर्माण
करने का एक उदाहरण है।
अकशेरुकी बिल (Invertebrate burrows):
स्केबीज कीट (Scabies mites) किसी जानवर या मानव की त्वचा में अपनी मांद का निर्माण
करते हैं। दीमक और कुछ ततैया मिट्टी और लकड़ी में बिल बनाते हैं। चींटियाँ मिट्टी में बिल
बनाती हैं। अकशेरुकी जंतुओं द्वारा निर्मित बिलों को सक्रिय या निष्क्रिय रूप से भरा जा सकता है।
यह बिल किसी जीव द्वारा नहीं बल्कि गुरुत्वाकर्षण द्वारा निष्क्रिय रूप से भरी जाती हैं। बिल
बनाने वाले जानवरों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
1. प्राथमिक उत्खनन वे जानवर हैं, जो मूल रूप से खुदाई और निर्माण करते हैं, और आम तौर पर
बहुत मजबूत होते हैं। जिनमे प्रैरी डॉग और आर्डवार्क (prairie dogs and aardvarks) जैसे
जानवर शामिल हैं।
2. पिग्मी गेरबिल्स (Pygmy gerbils) द्वितीयक संशोधक का एक उदाहरण हैं, क्योंकि वे स्वयं
बिल का निर्माण नहीं करते, बल्कि अन्य जानवरों द्वारा बनाई गई बिल के अंदर रहते, और अपने
स्वयं के उद्देश्य के लिए बिल के कुछ पहलुओं को सुधारते अथवा बदलते हैं।
3. तीसरी श्रेणी के साधारण निवासी, न तो बिल का निर्माण करते हैं और न ही संशोधित करते हैं
बल्कि केवल इसके अंदर रहते हैं, या अपने स्वयं के उद्देश्य के लिए इसका उपयोग करते हैं। जैसे
पक्षियों की कुछ प्रजातियां कछुओं द्वारा बनाए गए बिलों का उपयोग करती हैं, इन जानवरों को
सहभोज भी कहा जा सकता है।
जीव-जंतुओं की कई प्रजातियां अपने अधिकांश समय को एक बिल के अंदर बिता सकती हैं, अतः
उनके बिल अच्छी स्थिति होनी चाहिए, और उन जानवरों के लिए लाभप्रद होने चाहिए। कुछ
प्रजातियों द्वारा कठोर परिस्थितियों अथवा शिकारियों से सुरक्षा के रूप में बिलों का उपयोग किया
जा सकता है। बिल गर्मी प्रतिधारण और इन्सुलेशन में मदद कर सकता है, और तापमान और बाहर
की स्थितियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इयरविग जैसे कीड़े सर्दियों के मौसम में रहने के लिए बिल
बना सकते हैं, और उनका उपयोग शारीरिक सुरक्षा के लिए कर सकते हैं। जानवरों कुछ प्रजातियां
भोजन को स्टोर और संरक्षित करने के लिए भी बिल का उपयोग करती हैं। यह उन्हें चरम मौसम
की स्थिति या मौसम से बचने के लिए बिल के अंदर भोजन का एक अच्छा भंडार रखने की
सहूलियत देता है। इसके अतिरिक्त, बिल कई जानवरों के नवजात शिशुओं को सुरक्षा प्रदान कर
सकते हैं। अक्सर आग से नष्ट हो जाने वाले क्षेत्रों में रहने वाले जानवरों को बिल भी आश्रय प्रदान
कर सकते हैं, में गहरे भूमिगत बिलों में जानवरों को सूखा, सुरक्षित और स्थिर तापमान पर रखा जा
सकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/30Vhnez
https://bit.ly/3GgJQLW
https://en.wikipedia.org/wiki/Burrow
चित्र संदर्भ
1. अपनी मांद से बाहर झांकते हुए काले पूंछ वाला प्रैरी कुत्ते (prairie dog) का एक चित्रण (wikimedia)
2. अपने बिल के अंदर चूहे का एक चित्रण (flickr)
3. प्राथमिक उत्खनन प्रैरी डॉग का एक चित्रण (flickr)
4. पिग्मी गेरबिल्स (Pygmy gerbils) द्वितीयक संशोधक का एक चित्रण (wikimedia)
5. अपने बिल से बाहर झांकते साँपों का एक चित्रण (istock)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.