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फूल हमें अपने जीवन को उसके सर्वोत्तम स्तर पर जीने की सीख देते हैं। भारतीय हिंदी साहित्य के
एक महान कवि अज्ञेय की एक सुप्रसिद्ध रचना है:
"फूल को प्यार करो पर झरे तो झर जाने दो,
जीवन का रस लो : देह-मन-आत्मा की रसना से
पर जो मरे उसे मर जाने दो।"
निसंदेह फूल बेहद सुंदर होते हैं, उनसे हमारा लगाव अनायास ही होने लगता है। पर यह भी सत्य है
जीवन की भांति फूलों की भी एक निश्चत समय-सीमा अथवा अपना बसंत होता है। और जब तक
जीवन रुपी पुष्प खिला है, हमें उसका भरपूर आनंद लेना चाहिए। अधिकांश पुष्प बसंत के मौसम में
केवल कुछ निश्चित समय के लिए खिलते हैं और केवल इतने ही समय में वे पूरे वातावरण को
जीवंत कर देते हैं।
वनस्पति विज्ञान में बसंत के दौरान निश्चित समय के लिए खिलने वाले फूलों के जीनस प्रूनस
(Genus Prunus) से परिभाषित किया जाता है। ये कुछ पौधों अथवा वृक्षों के फूल होते हैं, जो सभी
एक रंग-रूप में एक समान दिखाई देते है, तथा वसंत में कुछ समय के लिए ही खिलते हैं। इन फूलों
में आड़ू के फूल (अमृत सहित), चेरी फूल (cherry blossom), बादाम के फूल (Almond
Blossom), आमतौर पर गुलाबी रंग के होते हैं। इसके अलावा बेर के फूल, सेब के फूल, नारंगी के
फूल, कुछ चेरी के फूल, और बादाम के फूल सफेद रंग के होते हैं। निश्चित समयांतराल के लिए
खिलने वाले बसंत के फूल मधुमक्खियों जैसे परागणकों को पराग प्रदान करते हैं, साथ ही इन फूलों
का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में भी बहुतायत में किया जाता है। प्राचीन यूनानी चिकित्सा में बेर के फूल
का उपयोग मसूड़ों से खून बहने, मुंह के छालों और ढीले दांतों को कसने के लिए किया जाता था। बेर
के फूलों को ऋषि के पत्तों और फूलों के साथ मिलाकर प्लम वाइन या प्लम ब्रांडी में माउथवॉश के
रूप में गले में खराश और मुंह की बीमारियों को शांत करने तथा सांसों की दुर्गंध को दूर करने के
लिए इस्तेमाल किया जाता था।चूंकि वसंत के सुंदर पुष्प केवल कुछ समय के लिए खिलते हैं, और
पेड़ों के ऊपर बेहद खूबसूरत चादर की भांति बिखर जाते हैं ,इन्हे देखना और छूना अपने आप में एक
मनोरम दृश्य होता है। इसलिए जहां भी ये खिलते है, वहां सैलानियों का जमावड़ा लग जाता है।
वसंत के यह फूल जापान देश को गुलाबी और सफेद रंग में रंग देते हैं। यह जापान की अर्थव्यवस्था
के लिए एक वरदान माने जाते है। वैश्विक स्तर पर अनुमानित 63 मिलियन लोग फूल खिलने की
इस प्रक्रिया को देखने की प्रक्रिया में लगभग 2.7 बिलियन डॉलर (301 बिलियन येन) खर्च करते
हुए जापान की यात्रा करते हैं।
हालांकि पेड़ों पर उगने वाले इन सुन्दर पुष्पों को देखने के लिए जापान एक पसंदीदा देश है, किंतु
बसंत के मौसम में हमारे देश भारत के भी कई स्थानों पर यह सुंदर फूल खिलने लगते हैं, और पूरे
वातावरण को खूबसूरत सफ़ेद और गुलाबी रंग से रंग देते हैं। भारत के मेघालय में प्रतिवर्ष इंडिया
इंटरनेशनल चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल (The India International Cherry Blossom Festival)
का आयोजन किया जाता है। इस दौरान पेड़ों में खिले चेरी फूलों के शानदार नज़ारे दर्शकों को
मंत्रमुग्द कर देते हैं। चेरी ब्लॉसम को प्रूनस सेरासाइड्स भी कहा जाता है, जो मुख्य रूप से पूर्व और
पश्चिम खासी पहाड़ियों में पाए जाते हैं। इसे हिमालय का उपहार भी माना जाता है। इस फूल की
कलियाँ अक्टूबर के अंत के आसपास दिखाई देने लगती हैं, और पूर्ण खिलना नवंबर की शुरुआत में
शुरू होता है।
जापान की महँगी यात्रा करने के बजाय आप शिलोंग की हरी भरी पहाड़ियों में ही फूलों की सफ़ेद-
गुलाबी चादर के लुभावने दृश्यों को देख सकते हैं। शीतकाल के दौरान मेघालय के शिलांग में चेरी
ब्लॉसम खिलता है। हालांकि नॉर्थ ईस्ट पूर्व से ही देखने लायक जगह है जहां आपको सुंदर पहाड़, हरे
भरे जंगल, राष्ट्रीय उद्यान, बढ़िया भोजन, गर्मजोशी और मिलनसार लोग देखने को मिल जायेंगे
लेकिन बसंत में चेरी फूलों का खिलना सोने पे सुहागा की कहावत को सार्थक करता है। इन शानदार
फूलों के मनोरम दृश्य की अनुभूति करने के लिए आप पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमांचल प्रदेश
का रुख भी कर सकते हैं। जहां पेड़ों की डालियों में खिले यह मौसमी पुष्प आपको धरती पर ही स्वर्ग
की अनुभूति करा सकते हैं। इन सफ़ेद और गुलाबी फूलों को आप आड़ू, पुलम (Plum), खुमानी, सेब
सहित पहाड़ों में उगने वाले सभी मौसमी फलों के पेड़ों पर देख सकते हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/3oYJ93F
https://bit.ly/3lEqTui
https://bit.ly/3viQNas
https://en.wikipedia.org/wiki/Blossom
चित्र संदर्भ
1. चेरी फूल (cherry blossom), का एक चित्रण (wikimedia)
2. सेब के फूलों का एक चित्रण (wikimedia)
3. योशिनो चेरी, ग्राफ्टिंग के माध्यम से प्रचारित एक कल्टीवेटर का दृश्य (wikimedia)
4. भारत में मेघालय में चेरी फूल (cherry blossom), का एक चित्रण (youtube)
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