देश के आर्थिक विकास और वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं प्रवासी भारतीय

सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान
20-10-2021 08:20 AM
Post Viewership from Post Date to 19- Nov-2021 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1560 118 1678
देश के आर्थिक विकास और वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं प्रवासी भारतीय

भारत दुनिया का वह सबसे बड़ा देश है, जिसके नागरिक दूसरे देशों में निवास करते हैं।भारत के लगभग 180 लाख नागरिक दूसरे देशों में रहते हैं। बड़े पैमाने पर दूसरे देशों में नागरिकों के जाने के बावजूद भारत में अभी भी 1.39 बिलियन लोग निवास करते हैं। यह उम्मीद की गयी है, कि 2027 तक यह चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।
भारत अत्यधिक गरीबी के स्तर से कुछ ऊपर उठ गया है,लेकिन भारत में अभी भी 176 मिलियन लोग गरीबी में रह रहे हैं।प्रवासियों द्वारा प्रेषित धन देश के आर्थिक विकास और वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2018 में, विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने 80 बिलियन डॉलर वापस भेजे, जिससे हमारा देश विदेशों से धन प्राप्त करने वाला प्रमुख देश बन गया है।प्रवासी भारतीयों को आधिकारिक तौर पर अनिवासी भारतीय (NRIs) या भारतीय मूल के व्यक्ति (PIOs) के रूप में जाना जाता है। ये लोग वे हैं, जिनका मूल तो भारतीय है, किन्तु वे अब भारत गणराज्य के बाहर रहते हैं।विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से बाहर रहने वाले लगभग 32 मिलियन लोग NRIs और PIOs हैं।

हर साल लगभग 25 लाख भारतीय विदेशों में प्रवास करते हैं, जो दुनिया में प्रवासियों की सबसे अधिक वार्षिक संख्या है।भारत में निवासी और अनिवासी भारतीयों के लिए आयकर की दरें अलग-अलग होती हैं।संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार,भारत से सबसे अधिक संख्या में प्रवासी क्रमशः संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates),यूएस (United states) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) में रह रहे हैं। इन देशों में प्रवासियों की संख्या क्रमशः 3.5 मिलियन, 2.7 मिलियन, और 2.5 मिलियन है।भारत से बड़ी संख्या में प्रवासियों की मेजबानी करने वाले अन्य देशों में ऑस्ट्रेलिया (Australia), कनाडा (Canada), कुवैत (Kuwait), ओमान (Oman), पाकिस्तान (Pakistan), कतर (Qatar) और ब्रिटेन (Britain) शामिल हैं।2000 और 2020 के बीच, विदेशों में प्रवासी आबादी का आकार दुनिया के लगभग सभी देशों और क्षेत्रों में बढ़ा।भारत में इस अवधि के दौरान लगभग 10 मिलियन प्रवासियों का आगमन हुआ।इसके बाद सीरिया (Syria), वेनेजुएला (Venezuela), चीन (China) और फिलीपींस (Philippines) में सबसे अधिक प्रवासियों का आगमन हुआ।
भारत से प्रवास काफी हद तक श्रम और पारिवारिक कारणों से प्रेरित है। भारत से विदेशों में गए लोगों में अधिकतर कामकाजी हैं, लेकिन इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं तथा पारिवारिक कारणों की वजह से विदेशों में गए हैं।खाड़ी देशों में भी भारत के लोगों की एक बड़ी संख्या दिखाई देती है, जहां वे निर्माण, आतिथ्य और देखभाल सेवाओं में काम कर रहे हैं, तथा उन देशों की आर्थिक समृद्धि में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।2020 में 51 मिलियन प्रवासियों के साथ अमेरिका अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के गंतव्य का सबसे बड़ा देश बना रहा, जो दुनिया के कुल 18 प्रतिशत के बराबर है।भारतीय उद्यमिता यहां के आर्थिक विकास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण इंजन है। अमेरिका में हाई-टेक कंपनियों के संस्थापकों में से 8% संस्थापक भारतीय हैं।संयुक्त अरब अमीरात और इस क्षेत्र के अन्य देश जैसे सऊदी अरब और ओमान में रहने वाले भारतीयों की संख्या एक दशक के अंतराल में चार गुना बढ़ गयी है। 2005 में यह 2 मिलियन थी, जो 2015 में बढकर 8 मिलियन से अधिक हुई।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 2017-18 में आवक प्रेषण (inward remittances) ने 2017-18 में देश के व्यापार घाटे के 43% हिस्से को वित्तपोषित करने में मदद की।वर्तमान समय में जहां कोरोना महामारी के प्रभाव ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, वहीं इसका असर अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में भी देखने को मिला है। कोविड -19 महामारी के कारण 2020 के मध्य तक अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में लगभग दो मिलियन की कमी होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि कोरोना महामारी के दौरान देश को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाने में प्रवासी भारतीयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।अपने गृह देश को भयावह कोरोनो महामारी से बचाने के लिए भारत का विशाल प्रवासी वर्ग, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय से एक वरदान बना हुआ है,अपने धन, राजनीतिक दबदबे और विशेषज्ञता का दोहन कर रहा है।दुनिया भर में,भारतीय मूल के लोग पैसे दान कर रहे हैं,व्यक्तिगत रूप से अत्यधिक आवश्यक ऑक्सीजन उपकरण वितरित कर रहे हैं और प्रकोप को दूर करने की उम्मीद में टेलीहेल्थ परामर्श भी उपलब्ध करा रहे हैं।चरमराती स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय पृष्ठभूमि के लोगों के नेतृत्व में अमेरिका में दो मानवीय समूहों ने हाल के दिनों में 25 मिलियन डॉलर से अधिक धनराशि एकत्रित की।भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों, होटल मालिकों और अन्य उद्यमियों ने भी कोरोना महामारी से बचाव के लिए अनेकों रुपये दान में दिए। विदेशों में रह रहे भारतीय लोगों ने देश को महामारी से बचाने के लिए जो प्रतिक्रिया दिखाई है, वह भारत के साथ उनके गहरे सम्बंधों को दर्शाती है। उनके द्वारा दिए गए दान का उपयोग भारत में अस्पताल की क्षमता और ऑक्सीजन उत्पादन के विस्तार के लिए किया जाएगा।

संदर्भ:
https://bit.ly/3AH375r
https://bit.ly/2YUenyy
https://bit.ly/3BQNfyG
https://bit.ly/3d2KUUT
https://bit.ly/3j7kaaQ
https://bit.ly/3AHDFMV
https://bit.ly/3AM60BV

चित्र संदर्भ:
1. त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय गिरमिटिया मजदूर, c. १८९०-१८९६
2. भारतीय मूल के व्यक्तियों ने दुनिया भर के महानगरीय क्षेत्रों में एक उच्च जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल हासिल की है, जिसमें जर्सी सिटी, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका में इंडिया स्क्वायर (लिटिल बॉम्बे) शामिल है।

अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.