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विश्व स्तर पर भारत अपनी कला और वास्तुकला के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, तथा लाइटहाउस या प्रकाशस्तंभ इसी कला का ही एक अद्भुत उदाहरण है।लाइटहाउस, एक प्रकार का ऊंचा टावर या मीनार है,जिसके शीर्ष पर एक ऐसी चमकदार वस्तु मौजूद होती है, जो रोशनी उत्पन्न करती है। इनका निर्माण मुख्य रूप से समुद्र में जहाजों के चालकों या नाविकों के मार्गदर्शन के लिए किया गया है।इस प्रकार यह खतरनाक क्षेत्रों में नाविकों को चेतावनी देने में मदद करता है और एक नौवहन उपकरण के रूप में कार्य करता है।लाइटहाउस नाविकों को समुद्री लुटेरों और अन्य खतरनाक बाधाओं से सावधान करने में अत्यंत उपयोगी होते हैं।लाइटहाउस के साथ उसके बगल में उसकी देख-रेख करने वाले व्यक्ति या लाइट कीपर्स के लिए वहां रहने की व्यवस्था भी की जाती है, तथा इस पूरी संरचना को लाइट स्टेशन कहा जाता है।इस प्रकार,इन इमारतों ने लाइटकीपर्स को अपने कर्तव्यों को पूरा करने में मदद की।
समय के साथ लाइटहाउस के मुख्य उपकरण में अनेकों बदलाव आए, किंतु अपने प्रारंभिक समय में चालकों या नाविकों को रास्ता दिखाने के लिए आग जलायी जाती थी।सबसे पहला ज्ञात लाइटहाउस लगभग 2,000 साल पहले मिस्र (Egypt) में बनाया गया था। पुरातत्वविदों को प्राचीन रोमनों (Romans) द्वारा निर्मित 30 से अधिक लाइटहाउसों के अवशेष मिले हैं।
पहला ब्रिटिश औपनिवेशिक लाइटहाउस बोस्टन, मैसाचुसेट्स (Boston, Massachusetts) में स्थित है, जिसे 1716 में बनाया गया था। हालांकि, वर्तमान संरचना का निर्माण 1783 में किया गया। न्यू जर्सी (New Jersey) के सैंडी हुक (Sandy Hook) लाइटहाउस के बाद यह संयुक्त राज्य का दूसरा सबसे पुराना कार्यात्मक लाइटहाउस है। फ्लोरिडा (Florida) में पहला लाइटहाउस सेंट ऑगस्टीन (St Augustine) में बनाया गया था, जिसे पहली बार 1824 में उपयोग किया गया था। जब 1565 में स्पेनिश लोग, सेंट ऑगस्टीन में बसने लगे, तो उन्होंने शहर की रक्षा के लिए तट के किनारे लकड़ी के टावर बनाए। संभवतः स्पैनिश सैनिकों ने अपने वॉचटावर को रोशन करने के लिए आग का इस्तेमाल किया होगा। इस प्रकार वॉचटावर लाइटहाउस का एक प्रारंभिक रूप बन गया। जब फ़्लोरिडा, संयुक्त राज्य का हिस्सा बना, तब वॉचटावर में उसकी देखरेख करने वाले के लिए एक घर भी बनाया गया। इस प्रकार यह फ्लोरिडा का पहला लाइटहाउस और पहला लाइट स्टेशन बन गया। लाइटहाउस के लालटेनों को वर्षों से विभिन्न माध्यमों से प्रकाशित किया जा रहा है। जहां शुरूआत में पहले आग का इस्तेमाल किया गया वहीं, इसके अलावा मोमबत्ती, तेल के लैंप, एसिटिलीन (Acetylene) लैंप, तेल वाष्प लैंप आदि का भी उपयोग किया गया। आधुनिक समय में प्रकाशस्तंभों को रोशनी प्रदान करने के लिए विद्युत तापदीप्त बल्बों का उपयोग किया जा रहा है। प्रकाशस्तंभों की कार्यिकी में फ्रेसनेल लेंस (Fresnel lens) एक महत्वपूर्ण नवाचार बना।इसे मूल रूप से फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी ऑगस्टिन-जीन फ्रेस्नेल (Augustin-Jean Fresnel) द्वारा विकसित किया गया,जिसे कई प्रकार के प्रिज्मों से मिलकर बनाया गया।इन हल्के लेंसों की प्रकाश-संग्रहण और आवर्धन क्षमता अत्यधिक उच्च होती है, जिसके कारण बहुत दूरी से भी लाइट हाउस का प्रकाश दिखायी देने लगता है। यूं तो, प्रकाशस्तंभ मुख्य रूप से रात में उपयोग किए जाने के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन अपनी संरचना के कारण इन्होंने दिन के समय भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, मुख्य रूप से अपने विशिष्ट रंग और पैटर्न के कारण। यह पैटर्न भी नाविकों को यह जानने में मदद करता है, कि उनके जहाज तट के किनारे कहाँ स्थित हैं।
भारत की लंबी तटरेखा और उससे जुड़े द्वीपों में कई लाइट हाउस हैं। उन्हें भारत सरकार के लाइट हाउस और प्रकाश पोत महानिदेशालय द्वारा प्रशासित किया गया है, जिसका मुख्यालय नोएडा में स्थित है।उन्हें प्रशासनिक कारणों से नौ निदेशालयों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें गांधीधाम, जामनगर, मुंबई, गोवा, कोचीन, चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर शामिल हैं।महाबलीपुरम (Mahabalipuram) लाइट हाउस, थंगासेरी (Thangassery) लाइटहाउस,बेतुल (Betul)लाइट हाउस, विझिंजम (Vizhinjam) लाइट हाउस, ओल्ड (Old) लाइटहाउस, कॉप (Cop)लाइट हाउस, वेंगुर्ला (Vengurla)लाइट हाउस आदि ऐसे कुछ महत्वपूर्ण लाइटहाउस हैं, जिन्हें भारत के सबसे लंबे लाइट हाउसों में गिना जाता है। महाबलीपुरम लाइट हाउस तमिलनाडु में एक चट्टान के ऊपर स्थित है, जिसे 1887 में प्राकृतिक पत्थर से बनाया गया था।1904 में इसे पूरी तरह से उपयोग में लाया जाने लगा था।इस लाइट हाउस की सीढ़ियाँ सर्पिलाकार हैं, जो लाइट हाउस के शीर्ष स्थान पर ले जाती हैं। यहां से महाबलीपुरम के मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं।
थंगासेरी लाइटहाउस केरल का सबसे 8ऊंचा प्रकाश स्तंभ है, जिस पर लाल और सफेद रंग की तिरछी पट्टियां मौजूद हैं। इसके शीर्ष भाग से अरब सागर, कोल्लम शहर और अष्टमुडी झील के शानदार दृश्य का आनंद लिया जा सकता है।जो लोग सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गयी है।बेतुल लाइट हाउस गोवा में स्थित है, जिसे पर्यटकों की भीड़-भाड़ से दूर एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है। इसके चारों तरफ हरियाली मौजूद है, तथा शीर्ष हिस्से से अरब सागर और सह्याद्री पहाड़ियों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।विझिंजम लाइट हाउस केरल के कोवलम में बनाया गया है, जो भारत का सबसे ऊंचा लाइट हाउस माना जाता है। इस लाइटहाउस के शीर्ष तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ लिफ्ट की मदद भी ली जा सकती है।ओल्ड लाइट हाउस पांडिचेरी में स्थित है, जिसका निर्माण 19वीं शताब्दी में फ्रांसीसी शासकों द्वारा किया गया था। अब यह लाइट हाउस जीर्ण अवस्था में है, लेकिन 20वीं शताब्दी में भारत सरकार द्वारा पुराने लाइट हाउस के बगल में एक नए लाइटहाउस का निर्माण किया गया। कौप लाइट हाउस, कर्नाटक के उडुपी में स्थित है, जिसका निर्माण 1901 में किया गया था। यह लाइट हाउस एक चट्टान पर स्थित है, जहां से पर्यटक कौप तट का आनंद उठा सकते हैं।यह लाइटहाउस काले और सफेद रंग का है, जो पर्यटकों के लिए शाम 5 से 6:30 बजे तक खुला रहता है। यहां से सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है।वेंगुर्ला लाइट हाउस सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र में स्थित है, जो कि एक पहाड़ी के किनारे बनाया गया है। यह लाइट हाउस हरी-भरी हरियाली से घिरा हुआ है, तथा समुद्र का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है।इनके अलावा भारत के अन्य लाइट हाउसों में जाखाऊ (Jakhau),चाची (Chhachi),मांडवी (Mandvi),रावलपीर (Rawalpir) मुंद्रा न्यू पोर्ट (Mundra New Port),मुंगरा रीफ (Mungra Reef),जोडिया बंदर (Jodiya Bandar) आदि लाइट हाउस शामिल हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/2SiD4Ry
https://bit.ly/3ypPHe9
https://bit.ly/3bLDbf3
https://bit.ly/3f8bkYM
https://bit.ly/3f7r6mH
चित्र संदर्भ
1. लाइट हाउस का एक चित्रण (pixabay)
2. पुर्तगाल के पश्चिमी तट पर एवेइरो का लाइटहाउस का एक चित्रण (wikimedia)
3. ऊँचे टीले पर स्थित लाइट हाउस का एक चित्रण (wikimedia)
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