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पारिस्थतिकी तंत्र में सामांजस्य बैठाने के लिए बाघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सदियों से बाघ को अपनी शक्ति, एकान्त जीवन और साहस के कारण रहस्यवाद और उपन्यासिक कथाओं में विशेष स्थान दिया गया है।इन्होंने प्राचीन और आधुनिक संस्कृतियों और लोककथाओं में अभिन्न भूमिका निभाई है; इनकी अद्भूत विशेषताओं के कारण अनेक प्रतीक चिन्हों में इनका प्रयोग किया जा रहा है। भारत (India), चीन (China)और जापान (Japan)जैसी जगहों पर मौजूद सदियों पुरानी संस्कृतियों ने अपने विभिन्न लोककथाओं, कहानियों और मिथकों में बाघों का अत्यधिक उपयोग किया है।इस प्रकार, यह कई अलग-अलग सांस्कृतिक पहचानों का महत्वपूर्ण अंग बन गया।यह मलेशिया (Malaysia), दक्षिण कोरिया (South Korea), बांग्लादेश (Bangladesh)और भारत का राष्ट्रीय पशु भी है।
बाघ पूर्वी एशिया में रॉयल्टी (royalty) का प्रतिनिधित्व करते हैं। चीन की 12 राशियों में मौजूद पशु श्रृंखला में से एक बाघ है। बाघों के माथे का चिन्ह काफी हद तक एक चीनी अक्षर से बहुत मिलता-जुलता है जिसका अंग्रेजी अनुवाद “राजा”होता है। इसलिए इसे जानवरों का राजा भी माना जाता है।सफेद बाघ चीन के पश्चिम के साथ-साथ शरद ऋतु का प्रतिनिधित्व भी करता है। यह चीनी नक्षत्र के चार प्रतीकों में से एक है।1988 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Olympic Games) में सियोल में, कोरियाई एथलीटों (Korean athletes)और प्रशंसकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाघ की छवि का प्रयोग किया गया था क्योंकि यह यहां की संस्कृति के साथ दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।बौद्ध इसे तीन संवेदनहीन प्राणियों में से एक मानते हैं। जिनमें 1) बाग (क्रोध का प्रतिनिधित्व करता है), 2) बंदर (लालच का प्रतिनिधित्व करता है) और 3) हिरण (प्यार होने की भावना का प्रतिनिधित्व करना)। हिन्दू देवी, दुर्गा को यौद्धा के रूप में बाघ के ऊपर सवारी करते हुए दर्शाया जाता है।
25 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बाद से बंगाल टाइगर (Bengal Tiger) भारत का राष्ट्रीय प्रतीक रहा है, इसे सिंधु घाटी सभ्यता की पशुपति मुहर पर भी अंकित किया गया था। बाघ बाद में 300 ईस्वी से 1279 ईस्वी तक चोल साम्राज्य का प्रतीक भी रहा और अब इसे भारत के आधिकारिक राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया है।पीले रंग के काली धारीदार वाले इस बाघ को उसके अनुग्रह, शक्ति, चपलता और प्रचंड शक्ति के संयोजन ने भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में स्थान दिलाया है। बंगाल टाइगर, या रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger) (पैंथरा टाइग्रिस (Panthera Tigris)), भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के मूल निवासी बाघों की एक उप-प्रजाति है। बंगाल टाइगर की संख्या बाघों की उप-प्रजातियों में से सबसे अधिक है - भारत में 1,411, बांग्लादेश में 200, नेपाल में 155 और भूटान में 67-81 हैं।
बाघ IUCN रेड लिस्ट (Red List) में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।भारत में बाघों की घटती जनसंख्या की जाँच करने के लिए, अप्रैल 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ (Project Tiger)शुरू किया गया था। अब तक, इस परियोजना के तहत देश में 27 बाघ अभयारण्य स्थापित किए गए हैं, जो 37,761 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हैं।वर्तमान समय में जंगली बाघों की आबादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण खतरा भारत, नेपाल और चीन के बीच अवैध शिकार और इनके शरीर के अंगों का अवैध व्यापार है।
भारत में 2018 की नवीनतम बाघ आकलन रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में आधे से अधिक बाघ के साथ अब भारत में इनकी संख्या 2,967 हो गयी है। जंगल में कुल बाघों की आबादी 2,603-3,346 हो गयी है। 2014 में अंतिम जनगणना के बाद से यह जनसंख्या लगभग 33% बढ़ गई है तब कुल अनुमान 2,226 था। हालाँकि, यह विकास इन सभी 18 राज्यों में एक समान नहीं हुआ है जहाँ बाघ पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में गिनती 46 से घटकर 19 हो गई है। ओडिशा में, यह वर्षों से लगातार गिरावट पर है और अब 28 पर है।उत्तर प्रदेश की बाघों की आबादी 2019 तक 173 है। अधिकारियों के अनुसार, बाघों के बीच 24% मृत्यु दर अवैध शिकार के कारण है। मनुष्यों के साथ बढ़ते संघर्ष एक और चिंता का विषय है।
हाल ही में लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह गार्डन (Nawab Wajid Ali Shah Garden) में बाघों की मृत्युदर को नियंत्रित करने और सफेद बाघों की आबादी बढ़ाने के लिए, एक बाघ विजय के बदले दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान से एक सफेद बाघिन गीता को लाया गया था। वाइल्ड लाइफ एक्सचेंज प्रोग्राम (Wild life exchange program)के तहत, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में बाघ के साथ बाघिन का आदान-प्रदान करने के लिए अधिकारियों का एक दल दिल्ली गया।
लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा "यह केंद्रीय प्राधिकरण का एक नियम है और वन्यजीव विनिमय कार्यक्रम के तहत, जानवरों का आदान-प्रदान किया जाता है। एक चिड़ियाघर में पैदा होने वाली संतानों के अंतर-प्रजनन को रोकने के लिए, शावकों का आदान-प्रदान किया जाता है ताकि क्रॉस-ब्रीडिंग (Cross-breeding) हो सके। बाघ विजय और उसकी मां विशाखा के बीच अंतर-प्रजनन को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। अंतर-प्रजनन जीन को नुकसान पहुंचा सकता है और इनके जीवन काल को भी कम करता है इसलिए ऐसा किया जाताहै।" लखनऊ के बाघ रिजर्व की सीमा पर 256 गांव स्थित हैं।ऐसे बहुसंख्यक ग्रामीण किसान हैं जिनके भूमिजंगल आरक्षित क्षेत्र के पास में है। रिज़र्व से निकटता, जो लगभग 50 बाघों का घर है, इन खेतों को मानव-पशु संघर्षों के लिए असुरक्षित बनाती है।लखनऊ के किसान अपनी फसल काटने के लिए इनसे सुरक्षा चाहते हैं।
अप्रैल 2020 की शुरुआत में ब्रोंक्स ज़ू (न्यूयॉर्क, यूएसए) (Bronx Zoo (New York, USA)) की एक चार वर्षीय मलायन बाघ (Malayan tiger), नादिया (Nadia) कोविड -19 (Covid-19) से संक्रमित पायी गयी और जल्द ही इस चिड़िया घर की छह अन्य इसी के समान प्रजातियों में इसके लक्षण दिखे। इन जानवरों को वायरस चिड़ियाघर के एक कर्मचारी से लॉकडाउन (lockdown) के दौरान फैला था। इसे देखकर लगता है कि कोई भी प्रजाति इस घातक वायरस के चंगुल से सुरक्षित नहीं है। हालांकि भारत में कोई भी पशु इससे संक्रमित नहीं पाया गया। इसी दौरान राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) में एक बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया यह एक खूशी की बात थी क्योंकि यहां पर बाघ विलुप्ति के कगार पर खड़े हैं। लॉकडाउन के कारण पर्यावरण स्वच्छता में इजाफा हुआ जिस कारण जंगलों में आग की घटना कम हुयी और पानी की स्वच्छता भी बढ़ गयी। जिसने वन्यजीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला।
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