असली क्रिसमस के पेड़ों की मांग में देखी जा रही है बढ़ोतरी

पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें
06-04-2021 10:07 AM
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असली क्रिसमस के पेड़ों की मांग में देखी जा रही है बढ़ोतरी


क्रिसमस (Christmas) का उत्सव मनाने के लिए लोगों द्वारा शिल्पनिर्मित वृक्ष के बढ़ते उपयोग को देखते हुए ऐसा प्रतीत होने लगा था कि असली क्रिसमस के पेड़ लुप्तप्राय प्रजाति में आ जाएंगे। लेकिन 2007 के बाद से शिल्पनिर्मित वृक्षों की बिक्री में आई गिरावट और संपूर्ण भारत में बड़े-छोटे उत्पादकों की बढ़ती संख्या के साथ प्रत्येक वर्ष वास्तविक पेड़ों की संख्या बढ़ रही है। एक एकड़ या अधिक उपयोग योग्य भूमि वाले लोगों के लिए, क्रिसमस के पेड़ एक बहुत ही लाभदायक विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि ताजा कटे हुए पेड़ों की कीमतें लगभग 400 रुपये से 40,000 रुपये तक होती हैं, और एक एकड़ में लगभग 1,800 पेड़ उगाए जा सकते हैं। बहुत से लोग जो क्रिसमस के पेड़ की खेती करते हैं, उन्होंने पाया है कि वे हर साल कटे हुए पेड़ों की तुलना में साग-सब्जी और पुष्पमाला बेचने से ज्यादा पैसा कमाते हैं।
एक क्रिसमस का पेड़ किसी भी ऊंचाई का हो सकता है, और इसे आमतौर पर घर के भीतर रखा जाता है, ज्यादातर बैठक कक्ष में। आंगन वाले घरों में, घर के बाहर आने वाले लोगों के स्वागत के लिए पेड़ को बाहर रखा जा सकता है। क्रिसमस का पेड़ एक सदाबहार, शंकुधारी वृक्ष है, जो इसकी सुंदरता को उजागर करने के लिए चमकदार रोशनी और विभिन्न प्रकार के आभूषणों से सजाया जाता है। पेड़ के शीर्ष पर क्रिसमस की कहानी के नाट्य दृश्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक सितारा या एक दूत लगाया जाता है। परंपरागत रूप से, पेड़ को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर घर पर रखा जाना चाहिए। एपिफेनी (Epiphany) की दावत के बाद इसे जनवरी के पहले सप्ताह में हटा दिया जाता है। हालाँकि, अधिकांश घरों और सार्वजनिक स्थानों पर क्रिसमस की पूर्व संध्या के दिन क्रिसमस का पेड़ लगाया जाता है। एक क्रिसमस का पेड़ मूल में प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकता है। चुने गए क्रिसमस के पेड़ का प्रकार जगह की उपलब्धता, बजट (Budget), व्यक्तिगत प्राथमिकताओं आदि पर निर्भर करता है।

पुराने समय में, सभी क्रिसमस के पेड़ वास्तविक शंकुधारी थे। उन्हें क्रिसमस से पहले काटकर, उनके घरों में पहुंचाया जाता था। हालांकि यह परंपरा अभी भी कई स्थानों पर रहती है। वंश अबीस (Abies) से संबंधित पेड़ सबसे लोकप्रिय क्रिसमस पेड़ हैं। ये तेजी से बढ़ते हैं और अच्छे खुशबूदार और रंग-बिरंगे पत्ते इनमें मौजूद होते हैं। एक अतिरिक्त लाभ यह है कि ये पेड़ सूखने के बाद भी अपने पत्तों को नहीं गिराते हैं। देवदार के पेड़ों के अलावा, क्रिसमस के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य शंकुधारी पेड़ हैं, जैसे जाइन्ट सीकोइया (Giant Sequoia), लीलैंड साइप्रिस (Leyland cypress), पूर्वी जुनिपर (Eastern juniper), आदि। एक क्रिसमस के पेड़ को एक बीज से एक पेड़ में उगने के लिए आवश्यक औसत समय लगभग 8-12 साल होता है। विकास दर पेड़ की प्रजातियों, मिट्टी की गुणवत्ता, मौसम, साथ ही साथ व्यक्तिगत कृषि प्रथाओं पर निर्भर करती है। भारतीय उपमहाद्वीप में प्राकृतिक पेड़ बहुत लोकप्रिय नहीं हैं। यह इस तथ्य के कारण है कि ज्यादातर क्षेत्रों में जलवायु सदाबहार शंकुधारी के विकास के लिए अनुकूल नहीं है।
हालांकि समय के साथ लोगों में शिल्पनिर्मित वृक्ष तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं। क्योंकि वे आम तौर पर प्राकृतिक पेड़ों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और कम खर्चीले माने जाते हैं। यदि शिल्पनिर्मित वृक्षों को ठीक से संग्रहित किया जाए तो इन्हें पुन: प्रयोज्य किया जा सकता है। यह उन्हें प्राकृतिक पेड़ों का सस्ता विकल्प बनाता है। वे उन घरों के लिए भी आदर्श हैं जहां घर के सदस्य को असली शंकुधारी पेड़ों से एलर्जी (Allergy) है। लेकिन शिल्पनिर्मित और प्राकृतिक पेड़ों के बीच सबसे बड़ा अंतर उनके निपटान का तरीका है। यद्यपि शिल्पनिर्मित पेड़ों का उपयोग कुछ वर्षों के लिए किया जा सकता है, लेकिन उनके खराब होने के बाद पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर, प्राकृतिक पेड़ों को गीली घास में पुनर्नवीनीकरण (मिट्टी पर एक सुरक्षात्मक आवरण के रूप में) किया जा सकता है।

लखनऊ और दिल्ली के लोगों द्वारा भी पिछले वर्ष शिल्पनिर्मित वृक्षों के बजाए प्राकृतिक वृक्षों का चयन किया गया। वे स्वयं भी इनके प्राकृतिक गुणों को पहचान चुके हैं और शहर के कई परिवारों में क्रिसमस के पेड़ हैं जिनका पालन-पोषण उन्होंने वर्षों से किया है। चूंकि पाइन के पेड़ दिल्ली में उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए दिल्लीवासी क्रिसमस पर अपने घरों को सजाने के लिए जुनिपर और सरू जैसी किस्मों को लेकर आते हैं। विक्रेताओं का कहना है कि क्रिसमस के लिए अरुकारिया, जुनिपर, सरू और पॉइसेटिया सबसे अधिक बिकने वाले पौधे हैं। वे ये भी बताते हैं कि कुछ साल पहले तक, ज्यादातर विदेशी क्रिसमस के लिए असली पेड़ पसंद करते थे और दिल्ली वाले शिल्पनिर्मित का चयन कर थे।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3m1qNeY
https://bit.ly/3rw7Yld
https://bit.ly/3deOhsZ
https://bit.ly/3rvnGwP
https://bit.ly/3rE8PR6
https://bit.ly/3daZpqU

चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र वास्तविक और कृत्रिम क्रिसमस ट्री दिखाता है। (यूट्यूब)
दूसरा चित्र क्रिसमस ट्री फार्म को दर्शाता है। (फ़्लिकर)
तीसरा चित्र बिक्री के लिए क्रिसमस ट्री दिखाता है। (विकिमेडिया)
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