पृथ्वी ग्रह का दुर्लभ वस्त्र - समुद्री रेशम

स्पर्शः रचना व कपड़े
21-08-2020 03:48 AM
पृथ्वी ग्रह का दुर्लभ वस्त्र -  समुद्री रेशम

कपड़ों के लंबे इतिहास का एक छोटा सा अध्याय है सुनहरे चमकते कपड़े के धागे का, जिसका नाम है 'समुद्री रेशम'। इसके बारे में विद्वानों द्वारा की गई व्याख्या बहुत विवादास्पद है। समुद्री रेशम के बारे में नाम मात्र की जानकारी उपलब्ध है। इतिहासकार और कपड़ा विशेषज्ञ इसके बारे में लगभग खामोश हैं। इसका निश्चित रूप से एक बड़ा कारण, इतिहास के पन्नों से उसकी गैरमौजूदगी है। इसका प्रयोग बारीक प्राचीन कपड़ों जैसे लिनन (Linen), सूती या सिल्क (Silk) के संदर्भ में पहले भी होता था और आजकल भी होता है। दूसरा कारण है कि अधिकतर समुद्री सिल्क से निर्मित चीजें प्राकृतिक इतिहास के म्यूजियम (Museum) में मिलती हैं, किसी कपड़ों के संग्रह में नहीं, जिसकी लोग उम्मीद कर सकें। 18वीं शताब्दी के बाद से उत्तरी देशों के अनेक यात्री समुद्री सिल्क से बनी चीजें अपने साथ ले गए और संभाल लिए, जो बाद में अक्सर प्राकृतिक इतिहास म्यूजियम में तब्दील हो गए। वहां हम उन्हें आकर्षक खोल में एक साथ पाते हैं, जहां उन्हें समुद्र से बनी वस्तु के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जैसे कि सीप या मूंगा। एक तरह से देखा जाए तो समुद्री सिल्क पृथ्वी पर दुर्लभ वस्तुओं में से एक है। समुद्री सिल्क का इतिहास और इसको प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत जटिल और दुर्लभ होने के कारण ही शायद इसकी जानकारी लोगों में इतनी कम है।
समुद्री रेशम की कहानी

समुद्री रेशम के बारे में पहला ठोस अध्ययन 1998 में डैनिएल एल मकिनले (Daniel L McKinley) की किताब -’पिन्ना एंड हर सिल्कन बियर्ड: अ फोरे इनटू हिस्टोरिकल मिस्साप्प्रोप्रिएशन (Pinna and her Silken Beard : A Foray into Historical Misappropriations)‘ से सामने आया। उन्होंने प्राचीन काल से लेकर 20वीं शताब्दी तक के संदर्भों का मूल्यांकन किया। इसमें बहुत सारी गलतियों का तो पता चला ही , नई जानकारियां भी मिली। इसी बीच बेसेल, स्विट्जरलैंड (Basel, Switzerland) के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम (Natural History Museum) में ‘प्रोजेक्ट सी सिल्क (Project Sea Silk)’ द्वारा दुनिया की बची-खुची चीजों की सूची के साथ शुरू किया गया। इसमें एक बहुत महत्वपूर्ण खोज पता चली कि समुद्री रेशम उत्तर प्राचीन काल में इस्तेमाल होती थी और इसका प्रमाण है 4 AD में मिला समुद्री रेशम का एक टुकड़ा। समुद्री रेशम पिन्ना नोबिलिस एल (Pinna Nobilis L) द्वारा उत्पादित होती है। इसकी लंबाई 1 मीटर या उससे कुछ ज्यादा होती है। यह भूमध्य सागर की शेलफिश (Shellfish) होती है। यह पोसाइडन (Poseidon) की तरह समुद्र तट पर खड़ी हो जाती है और एक तिहाई रेत में धंसी रहती है। पानी के तेज बहाव से बचने के लिए यह बहुत भारी धागों के गुच्छे से जमीन के साथ अपने को कसकर बांध लेती है। इन धागों को काट कर अलग करके पानी से कई बार अच्छी तरह धोकर, सुखा कर, सीधा करके सिल्क की तरह काता जाता है। इसका परिणाम एक बहुत महीन, मजबूत लेकिन काफी मुलायम कपड़ा होता है, जो अपने इंद्रधनुषी भूरे और सुनहरे रंग के लिए एक जमाने में बहुत मशहूर था।

समुद्री रेशम लगभग अज्ञात सामग्री है, ना तो इतिहासकार इसके बारे में जानते हैं और ना ही कपड़ा क्षेत्र के विशेषज्ञ। इसका मुख्य कारण बाईसुस (Byssus) शब्द का अपना प्रचलित अर्थ है, जिसके भ्रम पैदा होता है। इस शब्द का प्रचलित अर्थ, जो आज भी चलन में है, प्राचीन लिनन कपड़ों, सूती और रेशम के संदर्भ में इस्तेमाल होता था। बाइबिल में भी इस शब्द का प्रयोग होता है, जिसका मतलब होता है बैंगनी। दूसरा कारण इसकी गुमनामी का था, क्योंकि इसकी सिर्फ म्यूजियम में उपलब्धता मिलती है, ना कि किसी कपड़ा व्यवसाय में। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण है इसका दुर्लभ कच्चा माल होना है। इसीलिए यह सिल्क कभी बड़े स्तर के उत्पादन का हिस्सा नहीं बन सकी।
कैलाब्रिया (Calabria), कोर्सिका (Corsica), डाल्मेशिया (Dalmatia), माल्टा (Malta), ट्यूनीशिया (Tunisia) आदि समुद्री सिल्क के पुराने निर्माण स्थल कहे जाते हैं, लेकिन यहां से इसका एक भी नमूना प्राप्त नहीं हुआ है। 18वीं शताब्दी के अंत तक इसके छोटे स्तर पर उत्पादन के प्रमाण मिलते हैं। इसके उत्पादन के प्रमुख स्थान टॉरंटो (Toronto) और स्पेन (Spain) के इलाके सार्डिनीया (Sardinia), सिसली (Sicily) और अंडालूसिया (Andalusia) थे। इसके इंसानों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले करीब 50 उत्पाद मिले हैं। जिसमें से 14वीं शताब्दी की एक बेहतरीन टोपी नायाब है। यह 1978 में पेरिस (Paris) के नजदीक सेंट डेनिश (Saint-Denis) में तहखाने में मिली थी। समुद्री रेशम के धागों से तैयार किया गया कपड़ा सिल्क से भी ज्यादा महीन तरीके से काता जाता है। यह बहुत ही हल्का और गर्म होता है। इससे बने महिलाओं के दस्ताने, एक अखरोट की खोल में समा सकते हैं और एक जोड़ा मोज़े नसवार की डिब्बी में रखे जा सकते हैं।
सन्दर्भ:
https://www.researchgate.net/publication/312054121
https://www.atlasobscura.com/articles/sea-silk-rarest-thread-italy-clams-textiles-fabric
https://bit.ly/35Hyr4T
https://en.wikipedia.org/wiki/Sea_silk

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में समुद्री रेशम से बने कपडे की डिज़ाइन को दिखाया गया है। (Youtube)
दूसरे चित्र में समुद्री रेशम के बाल दिखाये गए हैं। (Flickr)
अंतिम चित्र में पेन शैल, पेन शैल से प्राप्त रेशम और रेशम से निर्मित दस्तानों को दिखाया गया है। (Prarang)

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