बदलते समय की बदलती तकनीक - कृषि मशीनीकरण

नगरीकरण- शहर व शक्ति
06-08-2020 01:20 AM
बदलते समय की बदलती तकनीक - कृषि मशीनीकरण

मशीनीकरण तेजी से खेती-बाड़ी के काम की गति को बढ़ाता है। पहले किसान 3 हॉर्स पावर(Horse Power) की शक्ति से अपने उपकरणों के साथ खेत जोतता था, अब मध्यम आकार का ट्रैक्टर भी 20-30 हॉर्स पावर से खेत जोतता है। अब उसका औसत 8:1 का हो गया है। खेतों के मशीनीकरण के लिए कई योजनाएं और प्रोत्साहन राशि सरकार ने उपलब्ध कराई है। मशीनीकरण के फायदों को देखते हुए, उन्हें प्रयोग करने की पहल किसानों को करनी चाहिए। उपज की बढ़ी मात्रा, गुणवत्ता, फसल सुरक्षा के साथ कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में भी खेती के क्षेत्र में मशीनीकरण की आवश्यकता प्राथमिकताओं में से एक है।

कृषि मशीनीकरण: भारत सरकार की पहल
यह कार्य कई स्तरों पर किया जा रहा है।
1. मानवीय स्रोतों का विकास
मानवीय स्रोतों के विकास के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण पक्ष है। इसके लिए फार्म मशीनरी ट्रेनिंग (Farm Machinery Training) और टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (Testing Institute) किसानों को प्रशिक्षण के साथ-साथ 1200 प्रति माह की दर से वजीफा और आने जाने का किराया भी देते हैं। इस प्रशिक्षण के अलावा राज्य सरकारों द्वारा चयनित प्रतिष्ठानों में आउटसोर्सिंग(Out-sourcing) के लिए देने की व्यवस्था भी है। इनका उद्देश्य खेती-बाड़ी के आधुनिक तरीकों और मशीनों के उपयोग के विषय में किसानों को पूरी तरह प्रशिक्षित करना है।

2. कृषि मशीनों और औजारों की गुणवत्ता का नियंत्रण
उन्नत और उत्तर कृषि औजार तथा मशीनें कृषि के टिकाऊ विकास और अधिक फसल उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उपकरणों की सही जांच के लिए टेस्टिंग इंस्टीट्यूट को चुना गया है।

3. नई तकनीकी कृषि मशीन और लोक प्रचार
फसल उत्पादन में तकनीक के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि किसान को इसके बारे में पूरी तरह प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए राज्य सरकारों और सरकारी प्रतिष्ठानों को 100% सहायता राशि दी जाती है।

4. कृषि मशीन एवं औजारों की खरीद के लिए प्रोत्साहन राशि
कृषि विभाग और अन्य विभागों के सहयोग से किसानों को कृषि मशीन एवं औजारों को खरीदने के लिए उनकी कुल लागत पर 25% से लेकर 50% तक सब्सिडी प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है।

5. कस्टम हायरिंग सेंटर(Custom Hiring Centers) की स्थापना के लिए प्रोत्साहन राशि
'कस्टम हायरिंग सेंटर फार्म मशीनरी' किसानों को किराए पर कृषि उपयोगी मशीनें एवं उपकरण सस्ते दामों में दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है। इसमें किसान को केवल 20% भुगतान करना होता है, बाकी भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। इससे छोटे किसानों को कृषि के बेहतर व्यवसाय के अवसर मिलने में सहायता होगी। साथ ही सरकार का कृषि मशीनीकरण का उद्देश्य भी पूरा होगा।

6. पोस्ट हार्वेस्ट (Post Harvest) प्रबंधन का प्रचार
तत्काल एक फसल जमीन से हटा दी जाती है या अपने मूल पौधे से अलग हो जाती है, तो वह बिगड़ने लगती है। पोस्ट हार्वेस्ट(फसल कटाई के बाद) उपचार बड़े पैमाने पर फसल की गुणवत्ता निर्धारित करता है, भले ही एक फसल ताजा खबत के लिए बेची जाती या प्र-संस्कृत खाद्य उत्पाद में एक घटक के रूप में प्रयोग की जाती है।

खेत मशीनीकरण: अर्थ, फायदे और प्रगति
खेत के मशीनीकरण का मतलब बहुत विस्तृत अर्थ से जुड़ा होता है। सिर्फ मशीनों का इस्तेमाल भर नहीं, वह छोटी है या बड़ी, बिजली से चलती है, फसल कटाई या फ्लैशिंग में इस्तेमाल होती है, इसके बारे में जानना होता है। इसी के साथ सिंचाई में बिजली के, फसल की ढुलाई के लिए ट्रक, प्रोसेसिंग मशीन, क्रीम अलग करने के लिए डेयरी उपकरण, मक्खन बनाने, तेल दबाने, कपास की कताई, चावल की छिलाई आदि में मशीनों का प्रयोग होता है। इस प्रकार किसी और खेतीबाड़ी का मशीनीकरण संकेत करता है कि कैसे मशीनी शक्ति से जमीन पर वह काम होता है, जो आमतौर पर बैल, घोड़े, वजन उठाने वाले दूसरे जानवर या मानव श्रम द्वारा किया जाता रहा है।
मोटे तौर पर कृषि के मशीनीकरण के 2 तरीके होते हैं- गतिशील और स्थिर। गतिशील में पशुओं के पहले से चले आ रहे उपयोग को हटाया जाता है, फिर तरीकों में कठिन श्रम को कम किया जाता है, जो मनुष्य और जानवरों द्वारा किया जा रहा था।

कृषि मशीनीकरण के लाभ
1. उत्पादन बढ़ता है।
2. प्रति व्यक्ति उत्पादकता और कुशलता बढ़ती है।
3. प्रति यूनिट क्षेत्र की उपज बढ़ती है।
4. कम कीमत में काम होता है।
5. जानवरों पर श्रम का बोझ कम होता है।
6. कृषि की अन्य तकनीकों में सुधार होता है।
7. ग्रामीण क्षेत्रों का सामाजिक परिदृश्य बदलता है।
8. व्यवसायिक खेती के प्रयास शुरू होते हैं।
9. मजदूरों की कमी की समस्या हल हो जाती है।
10. गैर कृषि कार्यों के लिए लोग उपलब्ध होते हैं।
11. जमीन का बेहतर उपयोग होता है।
12. खेतों से ज्यादा कमाई होती है।
13. इससे चारा क्षेत्र घटता है, खाद्य क्षेत्र बढ़ता है।

कृषि मशीनीकरण और कोविड-19
कोरोना वायरस महामारी के चलते जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनके कारण कृषि कामों के लिए मजदूर नहीं मिल रहे। ऐसे समय में कृषि मशीनीकरण एक बड़े विकल्प के रूप में सामने आया है।

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में बुआई के लिए खेत को तैयार करता एक किसान दिखाया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में ट्रेक्टर द्वारा खेत को जोतता एक किसान। (pixnio)
तीसरे चित्र में खेती के लिए प्रयुक्त किये जाने विभिन्न मशीनी उपकरण दिखाए गए है। (picseql)
चौथे चित्र में मशीनी उपकरण की सहायता से खेत में क्यारियां काटता एक किसान। (pikist)
चित्र सन्दर्भ :
https://farmech.dac.gov.in/FarmerGuide/UP/11u.htm
http://www.economicsdiscussion.net/india/farming/mechanization-of-agriculture-meaning-benefits-and-progress/21655
https://www.cimmyt.org/news/farm-mechanization-under-covid-19/

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.