लखनऊ विश्वविद्यालय - दो कमरों के स्कूल से एक विश्वविद्यालय का सफर

वास्तुकला 1 वाह्य भवन
16-06-2020 10:30 AM
लखनऊ विश्वविद्यालय - दो कमरों के स्कूल से एक विश्वविद्यालय का सफर

भारत प्राचीन काल से ही शिक्षा का केंद्र रहा है, यहाँ पर प्राचीन काल से ही कई विश्वविद्यालय मौजूद रहे हैं जिनका इतिहास अत्यंत ही महत्वपूर्ण रहा है। भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों मे नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला आदि रहे हैं जो भारत के सबसे महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों के रूप मे जाने जाते थे। मध्यकाल के बाद और उपनिवेशिक काल में भारत मे पुनः कई विश्वविद्यालयों की स्थापना होना शुरू हुयी जिसमे इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय आदि हैं।

लखनऊ भारत देश का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहर है जो कि अपनी इमारतों, तहजीब, इतिहास और भोजन आदि के लिए पूरे भारत भर में जाना जाता है। यहाँ का इतिहास अत्यंत ही दिलचस्प है और यहाँ के लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास भी अत्यंत ही दिलचस्प है। इस लेख में हम इसी इतिहास के विषय मे चर्चा करेंगे।
यह कहानी है -1862 की गर्मियों की जब ब्रितानी भारत (British India) के प्रथम वाइसराय (Viceroy) चार्ल्स जॉन कन्निंग (Charles John Canning) लंदन (London) मे अपनी आखिरी सांस लिए, उस समय करीब 4,500 मील दूर भारत मे उनके कुछ निष्ठावान तालुकदारों ने एक शैक्षणिक केंद्र खोलने के लिए अपने कुल कमाई से आधा दान देने की बात की। इस निर्णय के कुल 2 साल के बाद कन्निंग हाई स्कूल (Canning High School) की स्थापना हुयी, यहाँ पर कुल 200 के करीब बच्चों ने दाखिला लिया था।

मजे की बात तो यह है कि यह स्कूल मात्र दो कमरो का था। यह स्कूल 1867 मे स्थापित हुआ था, यही दो कमरों का स्कूल कालांतर मे लखनऊ विश्वविद्यालय की शक्ल लेता है। लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना का सपना के सी आई ई महमूदाबाद (K. C. I. E. Mahmudabad) के राजा श्री मोहम्मद अली खान बहादुर ने देखा था। इसके विषय मे उन्होंने उस समय के एक महत्वपूर्ण समाचार पत्र द पायोनीर (The Pioneer) में लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के विषय मे कहा था। कालांतर मे सर हरकोर्ट बटलर (Sir Harcourt Butler) को यूनाइटेड प्रोविन्स (United Provinces) का लेफ्टिनेंट गवर्नर (Lieutenant Governor) नियुक्त किया गया, बटलर ने मोहम्मद खान के इस शैक्षणिक कदम मे खासा दिलचस्पी दिखाई। यही से लखनऊ विश्वविद्यालय की नींव को मजबूती मिली और 10 नवम्बर (November) 1919 को सर बटलर ने नए विश्वविद्यालय की स्थापना के विषय मे एक खाका पेश किया।

उस समय यह भी निर्णय लिया गया कि यह एक आवासीय संस्थान के रूप मे विकसित किया जाना संभव हो और यह भी निर्धारित किया गया कि यहाँ पर कला संकाय का निर्माण किया जाना जरूरी है। 1922 मे कन्निंग विद्यालय को लखनऊ विश्वविद्यालय से जोड़ दिया गया तथा इसी प्रकार से कन्निंग विद्यालय से लखनऊ विश्वविद्यालय का मार्ग प्रशस्त हुआ। कन्निंग स्कूल की शुरुआती दौर मे कोई इमारत नहीं थी अतः यह समय-समय पर स्थान बदलता रहा।

शुरुआती दौर मे यह अमीनूद्दौला पैलेस से लाल बरादरी आदि मे विस्थापित किया जाता रहा और अंत मे यह क़ैसर बाग मे स्थापित हुआ और करीब 30 वर्षों तक यह क़ैसर बाग मे स्थापित रहा और बाद मे जब विश्वविद्यालय को खोलने की बात हुयी तो यह पता चला की यहाँ पर जमीन की कमी है और 1905 मे जब इस स्थान को दो लाख दस हजार रुपये में संग्रहालय को दे दिया गया तब इस विद्यालय को गोमती नदी के उत्तर की ओर बादशाह बाग मे विस्थापित किया गया जहां पर 90 एकड़ की जमीन मौजूद थी। यह बाग मूल रूप से कपूरथला के महाराजा नसीरउददीन हैदर का लखनऊ का निवास था। बलरामपुर के महाराजा भगवती सिंह ने यहाँ पर वित्तीय सहायता प्रदान की और एक नयी इमारत का कार्य शुरू हुआ।

इस विश्वविद्यालय को इंडो सारसैनिक (Indo-Saracenic) शैली से सर स्विंटन जैकब (Sir Swinton Jacob,) द्वारा तैयार करवाया गया था। इस विश्वविद्यालय की केन्द्रीय पुस्तकालय (जो कि टैगोर पुस्तकालय के रूप मे जाना जाता है) की रूप रेखा सर वाल्टर ग्रिफ़िन (Sir Walter Griffin) ने तैयार किया था ये वही डिजायन कर्ता है जिन्होंने औस्ट्रेलिया (Australia) के कैनबरा (Canberra) शहर का डिजाइन तैयार किया था। इस विश्वविद्यालय के निर्माण मे दिल्ली के निर्माणकर्ता लुटियन्स (Edwin Lutyens) और हरबर्ट बेकर (Herbert Baker) ने भी सहायता की था।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में कैसर बाग़ में स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय का चित्र है। (Wikimedia)
2. दूसरे चित्र में दो कक्षों वाले कंनिंग कॉलेज का कक्षा के दौरान चित्रण है। (British Library)
3. तीसरे चित्र में कनिंग कॉलेज का पोस्टकार्ड पर उत्कीर्ण चित्र है। (British Library)
4. चौथे चित्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के लोगो (मुहर) का चित्रण है। (Wikimedia)
5. पांचवे चित्र में यूनिवर्सिटी कॉलेज में परिवर्तित होने के बाद विश्वविद्यालय की ईमारत का चित्रण है। (Upgov)
6. छठे चित्र में बादशाह बाग़ स्थित विश्वविद्यालय की ईमारत का चित्र है। (Wikipedia)

संदर्भ :
1. https://en.wikipedia.org/wiki/University_of_Lucknow
2. http://www.lkouniv.ac.in/en/page/campus-location
3. http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/photocoll/c/019pho001000s46u04693000.html
4. https://bit.ly/2Y29Ars

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