‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ का एक आदर्श उदाहरण है, बड़ा मंगल उत्सव

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
12-05-2020 10:00 AM
‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ का एक आदर्श उदाहरण है, बड़ा मंगल उत्सव

हर साल लखनऊ में बड़ा मंगल उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें राज्य के ही नहीं अपितु पूरे देश भर से हनुमान भक्त शामिल होते हैं। बड़ा मंगल हिंदू देवता भगवान हनुमान को समर्पित एक त्यौहार है, जोकि लखनऊ में इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह केवल लखनऊ में ही पिछले 400 वर्षों से मनाया जा रहा है। चूंकि यह पर्व लखनऊ के लिए अद्वितीय है, इसलिए भक्त पूरे राज्य और यहां तक कि देश के कुछ अन्य हिस्सों से भी भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने यहां आते हैं। यह पर्व हिन्दू माह ज्येष्ठ के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्तों का जमावड़ा नजर आता है।

यूं तो बड़ा मंगल मुख्य रूप से नया हनुमान मंदिर अलीगंज के लिए अद्वितीय माना जाता है, लेकिन वर्षों से यह शहर के आसपास स्थित सभी हनुमान मंदिरों में मनाया जा रहा है। इन दिनों मंदिर के कपाट सुबह से बंद कर दिए जाते हैं और बंद दरवाजों के पीछे भगवान हनुमान की मूर्ति का स्नान, वस्त्र धारण और श्रृंगार के अनुष्ठान किए जाते हैं। मध्यरात्रि से कुछ घंटे पहले भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे खोल दिए जाते हैं, जोकि बुधवार सुबह के कुछ घंटे तक खुले रहते हैं। इस दौरान लखनऊ के 9,000 से भी अधिक बड़े और छोटे हनुमान मंदिर आधी रात के समय खुलते हैं, जहां भक्त लगभग 24 घंटे प्रार्थना करते रहते हैं। श्रद्धालुओं की भक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि मंदिरों के अंदर तैनात पुलिसकर्मी भी नंगे पैर खड़े रहते हैं तथा चमड़े से बने सामान जैसे बेल्ट इत्यादि का उपयोग नहीं करते। विशेष प्रार्थना के लिए आने वाले लोग मई की भीषण गर्मी का सामना करते हुए, जमीन पर लेटते हुए तथा लाल रंग की लंगोटी पहने हुए मंदिर आते हैं और हनुमान जी के दर्शन करते हैं।

भक्त शहर भर में बड़े भंडारे का भी आयोजन करते हैं, जहां से वे सभी प्रसाद और पानी वितरित करते हैं। इस अवसर पर लखनऊ में लगभग 50,000 से भी अधिक भोज्य और पेय स्टॉल (Stalls) लगाए जाते हैं, जिनमें हिन्दू भक्तों के अलावा मुस्लिम भक्त भी शामिल होते हैं। इस दौरान छोटे-छोटे मेले भी आयोजित किए जाते हैं। बड़ा मंगल को मनाने के पीछे एक कहानी निहित है। बात 1718 की है जब रानी आलिया बेगम ने एक शाही इमारत के लिए अलीगंज इलाके में कुछ निर्माण कार्य शुरू करवाया। खुदाई के दौरान मजदूरों को वहां भगवान हनुमान की दो मूर्तियाँ मिली। आलिया बेगम ने अगली रात सपने में सुना कि – ‘इन मूर्तियों को स्थापित करो तथा ऐसा करने पर तुम्हें संतान की प्राप्ति होगी’। बेगम ने कुछ दिनों के भीतर ही मूर्ति को स्थापित करा दिया और तब से यह मंदिर, हनुमान मंदिर अलीगंज के नाम से जाना जाने लगा।

इस प्रकार आलिया बेगम को संतान की प्राप्ति हुई जिसका नाम उन्होंने मंगत राय फिरोज शाह रखा। जब आलिया बेगम के सेनापति जेठमल दूसरी मूर्ति को स्थापित करने के लिए किसी अन्य स्थान पर ले जा रहे थे तब जिस हाथी पर वह मूर्ति ले जायी जा रही थी, वह एक स्थान पर बैठ गया और आगे नहीं बढ़ा। इस प्रकार जिस स्थान पर हाथी बैठा उसी स्थान पर जेठमल ने प्रतिमा स्थापित की, जिससे नया हनुमान मंदिर स्थापित हुआ। नया हनुमान मंदिर लगभग 400 साल पुराना है और इसे 'नया' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह पुरातन मंदिरों के कुछ दशकों बाद आया, जिसे जेठमल ने 1752 में बनाया। तभी से बड़ा मंगल मनाने की परम्परा चली आ रही है।

अलीगंज मंदिर की गुंबद पर एक तारा और एक अर्धचंद्र भी है, तथा यहाँ मनाया जाने वाला बड़ा मंगल उत्सव ‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ का एक आदर्श उदाहरण है। वर्तमान समय में पूरा देश कोरोना संकट का सामना कर रहा है तथा सभी मंदिरों में भी तालाबंद की स्थिति बनी हुई है। इस अवस्था में यह प्रतीत होता है कि बड़ा मंगल मनाने की पिछले 400 वर्ष से चली आ रही यह परम्परा इस वर्ष पूरी नहीं हो पाएगी। तालाबंद के कारण वार्षिक ‘बड़ा मंगल’ उत्सव अपने सामान्य भव्यता और उत्साह के साथ आयोजित नहीं किया जा सकेगा।

चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र में लखनऊ के अलीगंज के बड़े हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान मूर्ति दिखाई गयी है। (UP Tourism)
2. दूसरे चित्र में अनुग्रही हनुमान की मूर्ति दिहाई दे रही है। (Publicdomainpictures)
3. तीसरे चित्र में लखनऊ कानपुर मार्ग स्थित हनुमान मन्दिर की मूर्ति है। (Peakpx)
4. चौथे चित्र में हनुमान का अलौकिक रूप। (Pexels)
5. पांचवे चित्र में भक्तिमय हनुमान हैं। (Wallpaperflare)
6. अंतिम चित्र में अयोध्या मंदिर में स्थित हनुमान चित्र है। (Prarang)
संदर्भ:
1. https://bit.ly/3cldP66
2. https://nowlucknow.com/everything-need-know-festival-bada-mangal/
3. https://bit.ly/3fIXwC4

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.