पक्षियों में होने वाला विषाणु जनित रोग एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian influenza)

पंछीयाँ
11-04-2020 01:20 PM
पक्षियों में होने वाला विषाणु जनित रोग एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian influenza)

एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian influenza) या पक्षी इन्फ्लूएंजा, पक्षियों द्वारा अनुकूलित विषाणु के कारण होने वाली इन्फ्लूएंजा की एक किस्म है। वह किस्म जिससे सबसे अधिक जोखिम होता है, यह अत्यधिक रोगजनक इन्फ्लूएंजा (एवियन इन्फ्लूएंजा) (highly pathogenic avian influenza-HPAI) है। दूसरे शब्दों में यह एक विषाणु जनित रोग है। यह फ़्लू (flu) अन्य फ़्लू जैसे स्वाइन फ्लू (swine flu), डॉग फ्लू (dog flu), हॉर्स फ्लू (horse flu) और ह्यूमन फ्लू (human flu) के ही समान है, जो एक इन्फ्लूएंजा विषाणु के उपभेदों (strains) के कारण होने वाली बीमारी है, जो एक विशिष्ट पोषिता (host) के लिए अनुकूलित होती है। इन्फ्लूएंजा विषाणु के तीन प्रकारों (A, B, और C) में से, इन्फ्लूएंजा A विषाणु प्राकृतिक स्रोतों या पूरी तरह पक्षियों में होने वाला जूनोटिक (zoonotic) संक्रमण है। अधिकतर मामलों में एवियन इन्फ्लूएंजा, पक्षियों में इन्फ्लूएंजा A विषाणु को संदर्भित करता है। यह संक्रमण आम तौर पर पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारियों को भी हो सकता है। एवियन इन्फ्लूएंजा के उपभेदों को उनकी रोगजनकता के आधार पर दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है, पहला उच्च रोगजनकता (high pathogenicity) और दूसरा निम्न रोगजनकता (low pathogenicity)। सबसे प्रसिद्ध HPAI उपभेद, H5N1 है, जो 1996 में चीन में दिखाई दिया और उत्तरी अमेरिका में भी निम्न रोगजनक उपभेद पाए गए। कैद में बंद पक्षी को यह विषाणु संक्रमित नहीं कर पाता है।

कबूतर एवियन उपभेदों से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन वे कभी बीमार नहीं होते और न ही मनुष्यों या अन्य जानवरों में इस विषाणु को प्रसारित करने में समर्थ होते हैं। एवियन इन्फ्लूएंजा अधिकतर संक्रमित पक्षियों और स्वस्थ पक्षियों के बीच संपर्क से फैलता है, हालांकि यह अप्रत्यक्ष रूप से दूषित उपकरणों के माध्यम से भी फैल सकता है। विषाणु, संक्रमित पक्षियों के नथुने, मुंह और आंखों से बहने वाले स्राव में पाया जाता है। HPAI संक्रमण लोगों में संक्रमित पक्षी पालन के सीधे संपर्क से फैलता है, जैसे कि उन्हें पकड़ने या मारने के दौरान। अत्यधिक रोगजनक उपभेद झुंडों के बीच जल्दी से फैलते हैं और 28 घंटों के भीतर एक झुंड को नष्ट कर सकते हैं, जबकि निम्न रोगजनक उपभेद प्रायः अंडे के उत्पादन को प्रभावित करते हैं। यह अपेक्षाकृत बहुत कम घातक हैं। मनुष्यों में यह विषाणु संक्रमित पक्षियों के संपर्क से फ़ैल सकता है, लेकिन लंबे समय तक संपर्क के बिना मानव-से-मानव के बीच संक्रमण फैलना बहुत मुश्किल है। हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है, कि एवियन फ्लू के उपभेद मनुष्यों के बीच भी आसानी से संचरित हो सकते हैं। पांच मानव निर्मित पारिस्थितिक तंत्रों ने आधुनिक एवियन इन्फ्लूएंजा विषाणु की पारिस्थितिकी में योगदान दिया है। इन पांच पारिस्थितिक तंत्रों एकीकृत इनडोर वाणिज्यिक पोल्ट्री (integrated indoor commercial poultry), रेंज-रेज्ड़ वाणिज्यिक पोल्ट्री ( range-raised commercial poultry), लाइव पोल्ट्री बाजार (live poultry markets), बैकयार्ड और हॉबी फ्लॉक (backyard and hobby flocks), तथा कॉकफाइटिंग (cockfighting) सहित पक्षी संग्रह और ट्रेडिंग सिस्टम (bird collection and trading systems) हैं।

HPAI के प्रसार पर इंडोर वाणिज्यिक पोल्ट्री का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। जो लोग नियमित रूप से पक्षियों के संपर्क में नहीं आते, वे एवियन इन्फ्लूएंजा के संक्रमण से अधिक जोखिम में नहीं होते। उच्च जोखिम वाले लोगों में पोल्ट्री फार्म (poultry farm) कार्यकर्ता, पशु नियंत्रण कार्यकर्ता, वन्यजीव जीवविज्ञानी और पक्षी विज्ञानी शामिल हैं, जो जीवित पक्षियों को संभालते हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए पक्षियों के झुंड की जैव सुरक्षा महत्वपूर्ण है। झुंडों को बाहरी पक्षियों, विशेष रूप से जंगली पक्षियों, और उनके अपशिष्टों से अलग किया जाना चाहिए। झुंड के आसपास इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को भी नियमित रूप से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए। पक्षियों को मारने के बाद उन्हें खेत में वापस लेकर नहीं जाना चाहिए। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के साथ संक्रमण की संभावना बहुत कम हो जाती है। रोकथाम के लिए आंखों, नाक, मुंह और हाथों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि ये विषाणु के शरीर में प्रवेश करने के सबसे सामान्य तरीके हैं। वर्तमान समय में कोरोना विषाणु का संकट पूरे विश्व में छाया हुआ है तथा इसे लेकर ऐसी बहुत सी गलत सूचनाएँ और दहशत है, जोकि संकट के समय में लोगों के अंदर और भी डर पैदा कर रही है। यहां तक कि लोग बाहर के खाने के साथ-साथ मांस के सेवन से भी परहेज कर रहे हैं तथा शाकाहारी विकल्पों को अपना रहे हैं। लेकिन, क्या यह सबसे सुरक्षित उपाय हो सकता है? ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि कोविड (COVID-19) एक श्वसन संक्रमण है जो हवा में संचारित बूंदों से फैलता है। सामान्यता जब मांस को तेज आंच पर कुछ मिनटों तक पकाया जाता है, तो उसमें मौजूद विषाणु या कीटाणु अपने आप ही नष्ट हो जाते हैं। कोरोना विषाणु को वृद्धि करने के लिए एक पोषिता (host) की आवश्यकता होती है, इसलिए यह भोजन में मौजूद नहीं हो सकता। लेकिन फिर भी विषाणु से पूर्ण रूप से बचने के लिए मांस और अन्य खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से पकाना आवश्यक है। अगर यह विषाणु किसी जीव के शरीर में है तो उससे निकलने वाले स्रावों (secretions) के साथ शारीरिक संपर्क में आने से संक्रमण फ़ैल सकता है। अतः ऐसी स्थिति में इस प्रकार के जीवों से दूरी बनाए रखना ही लाभप्रद होगा।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Avian_influenza
2. https://timesofindia.indiatimes.com/life-style/health-fitness/diet/coronavirus-is-it-safe-to-eat-meat-and-poultry/articleshow/74653514.cms
चित्र सन्दर्भ:
1.
Prarang Archive – (Drawn from the Reference of A Real Pictures)
2. Wikimedia Commons - एमडीसीके कोशिकाओं (MDCK cells)(हरे रंग में) में विकसित एवियन इन्फ्लूएंजा ए H5N1(Avian influenza A H5N1) वायरस (सुनहरे रंग में ) का रंगीन इलेक्ट्रॉन संचरण माइक्रोग्राफ (Colorized transmission electron micrograph)

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