कोरोनावाइरस के चलते इस साल अयोध्या में नहीं होगा रामनवमी का जश्न

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
02-04-2020 04:00 PM
कोरोनावाइरस के चलते इस साल अयोध्या में नहीं होगा रामनवमी का जश्न

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, और इस दिन को हिंदुओं द्वारा रामनवमी के रूप में बड़े आनंद के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, राम नवमी चैत्र महीने के नौवें दिन होती है जो चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। इस दिन पूरे देश भर में श्रीराम के जन्मोत्सव का जश्न मनाया जाता है। साथ ही यह दिन अंतिम नवरात्र होने के कारण भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। राम नवमी पृथ्वी पर दैवीय शक्ति के आगमन का संकेत देती है। यह वह दिन था जब भगवान विष्णु अयोध्या के राजा दशरथ के बड़े पुत्र के रूप में संसार में आए थे। भगवान राम के जन्म का उद्देश्य रावण की बुरी आत्मा को नष्ट करना था। इसलिए, राम नवमी का उत्सव धर्म की शक्ति का महिमा मंडन करता है और यह अच्छे और बुरे के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। रामनवमी का उत्सव नकारात्मकता को दूर करने और पृथ्वी पर दिव्य शक्ति के उदय का संकेत भी देता है।

इस दिन, भगवान राम के भक्त विस्तृत अनुष्ठान करते हैं। राम नवमी के दिन को सूर्य (सूर्य को शक्ति का प्रतीक माना जाता है) की पूजा करते हुए शुरू किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य भगवान राम के पूर्वज थे, अत: इस दिन की शुरुआत में सूर्य देव की पूजा करने से सर्वोच्च शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान राम के भक्तों द्वारा भक्ति गीत गाकर, धार्मिक पुस्तकों से भजन सुनकर और वैदिक भजनों का उच्चारण करके दिन मनाया जाता है। ये सभी प्रथाएं लोगों को सही और गलत के बीच अंतर के बारे में जागरूक करती हैं। वहीं कई भक्तों द्वारा रामनवमी के पूरे दिन उपवास भी रखा जाता है, जो शरीर की प्रणाली को शुद्ध करने में मदद करता है। दिन के अंत में, भक्त फल और मिठाई का भोग लगाकर उपवास तोड़ते हैं।

रथ जुलूस रामनवमी का एक अनिवार्य हिस्सा है। श्रद्धालुओं द्वारा भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाओं को सजे हुए रथ में रखकर सड़कों पर जुलूस निकाला जाता है। अयोध्या में सरयू की पवित्र नदी में स्नान करना इस समारोह के अनुष्ठानों का एक हिस्सा है। हिंदुओं का मानना है कि यह पवित्र स्नान शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। भारत के दक्षिणी हिस्सों में, इस उत्सव को भगवान राम और सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है।

लेकिन इस वर्ष कोरोनावाइरस (Coronavirus) के प्रकोप को देखते हुए भक्तों से अयोध्या ना आने की गुज़ारिश की गई है। स्थिति को देखते हुए सभी भक्त इस वर्ष अपने घरों में रामनवमी के त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ मना सकते हैं। वहीं यह गुज़ारिश अयोध्या प्रशासन के लिए एक राहत की तरह है और साथ ही लोगों को घर में रह कर पूजा करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Rama_Navami
2. https://www.apnisanskriti.com/vrat-katha/significance-of-rama-navami-5232
3. https://bit.ly/3awcd8y
चित्र सन्दर्भ:
1.
https://www.flickr.com/photos/lensnmatter/35893580270
2. https://www.wallpaperflare.com/search?wallpaper=durga
3. https://bit.ly/39ABfCg
4. https://www.youtube.com/watch?v=u5dJJvT2RF0

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