समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
एक समय में बरसातों में घर के बाहर हमें कई सारे जगमगाते जुगनू नज़र आते थे। लेकिन अब ये जुगनू कहां चले गए हैं? जुगनुओं की आबादी के अचानक से घटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कई अन्य जीवों की तरह, जुगनू भी भूमि-उपयोग में परिवर्तन (जैसे निवास क्षेत्र और संयोजकता का नुकसान) से प्रभावित होते हैं, जिसे स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों में जैव विविधता परिवर्तन के मुख्य चालक के रूप में पहचाना जाता है। वहीं दूसरी ओर कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों को जुगनू की संख्या में गिरावट के संभावित कारण के रूप में भी देखा गया है।
जुगनू समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु में पाए जाते हैं और कई दलदल में या गीले, लकड़ी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ उनके कीटडिंभ के लिए भोजन के प्रचुर स्रोत उपलब्ध होते हैं। और जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, वे आमतौर पर वहीं रहते हैं जहां वे पैदा हुए थे। कुछ प्रजातियाँ दूसरों की तुलना में अधिक जलीय होती हैं, और कुछ अधिक शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती हैं, लेकिन अधिकांश खेतों, जंगलों और दलदल में पाई जाती हैं। यूरेशिया और अन्य जगहों पर कुछ प्रजातियों को "ग्लोववर्म्स (Glow worms)" कहा जाता है। वैसे तो सभी ज्ञात जुगनू चमकते हैं, लेकिन कुछ वयस्क ही प्रकाश को उत्पन्न करते हैं और प्रकाश अंग का स्थान प्रजातियों में और समान प्रजातियों के लिंगों के बीच भिन्न होता है।
चूंकि जुगनू प्रजनन के लिए अपने प्रकाश पर निर्भर करते हैं इसलिए वे प्रकाश के पर्यावरणीय स्तर के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं और परिणामस्वरूप प्रकाश प्रदूषण के हमले में आ जाते हैं। जुगनू नरम-शरीर वाले भृंग होते हैं जिन्हें आमतौर पर साथी या शिकार को आकर्षित करने के लिए गोधूलि के दौरान बायोलुमिनेसेंस (Bioluminescence) के उनके विशिष्ट उपयोग के लिए जुगनू या बिजली के कीड़े कहा जाता है। जुगनू "कोल्ड लाइट (Cold light)" का उत्पादन करते हैं, जिसमें कोई अवरक्त या पराबैंगनी आवृत्तियाँ नहीं होती हैं।
जुगनू के गायब होने के पीछे का कारण विश्व भर में वाणिज्यिक विकास के तहत उनके आवास की हानि, मानव द्वारा खुले खेतों और जंगलों को खत्म करना और जलमार्ग के अधिक विकास और नाव यातायात के शोर को माना गया है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि मानव यातायात जुगनू के निवास स्थान को भी बाधित करता है। वर्तमान समय में जहां पहले जिन क्षेत्रों में कई जुगनू पाए जाते थे उन क्षेत्रों में जुगनू की आबादी काफी कम हो गई है।
वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिकों का यह मानना है कि मानव द्वारा किया जाने वाला ऊर्जा प्रदूषण जुगनुओं के फ्लैश पैटर्न (Flash patterns) को बाधित करता है। घरों, कारों (Cars), दुकानों और स्ट्रीट लाइट्स (Street Lights) से आने वाली रोशनी से जुगनुओं के लिए एक-दूसरे को संकेत देना मुश्किल हो जाता है, जिससे जुगनू के कम कीटडिंभ पैदा होते हैं। जुगनू काफी आकर्षक कीट हैं जो हमारी रातों को प्रकाश में लाते हैं और हमारे वातावरण में जादू और रहस्य की भावना को उत्पन्न करते हैं। यदि ये गायब हो जाते हैं, तो यह दुनिया भर के लोगों और पीढ़ियों के लिए एक बड़ी क्षति होगी।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Firefly
2. https://bit.ly/2RizfaW
3. https://xerces.org/endangered-species/fireflies
4. https://www.firefly.org/why-are-fireflies-disappearing.html
5. https://onlinelibrary.wiley.com/doi/full/10.1002/ece3.4557
6. https://www.learnreligions.com/the-magic-and-folklore-of-fireflies-2562505
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.