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स्वास्थ्य से जुडी समस्याएं किसी भी व्यक्ति को तोड़ कर रख देतीं हैं और अगर ये समस्याएं स्वास्थ्य सेवाओं और डॉक्टरों की कमी से हों तो यह और भी दुखद हो जाती हैं। भारत में स्वास्थ्य सेवायें अपने लचरतम स्टार पर हैं यदि इनके आंकड़ों की बात की जाए तो भारत में प्रति 10,000 की जनसंख्या पर डॉक्टरों की संख्या अत्यंत कम है और प्रत्येक 1000 जनसंख्या पर अस्पताल में बिस्तरों की संख्या का भी अत्यंत ही कम आंकड़ा है। आइये इस लेख के माध्यम से यह विवेचना करतें हैं की आखिर भारत में स्वास्थ्य की क्या स्थिति है।
भारत में प्रत्येक 1000 आबादी के लिए डॉक्टरों की संख्या एक से भी कम है जी की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गए मानक से बहोत कम है। भारत में पंजीकृत डॉक्टरों की संख्या जो की राज्य मेडिकल कौंसिल से या मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया से जुड़े हैं कुल 10,22,859 हैं। यदि कुल संख्या की 80 प्रतिशत की उपलब्धता को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है की करीब 8.18 लाख डॉक्टर वास्तव में सक्रिय सेवा में एक वक्त में उपलब्ध हो सकते हैं। यह आंकड़ा वर्तमान जनसख्या के अनुसार यदि देखा जाए तो कुल 0.62: 1000 का डॉक्टर जनसँख्या का अनुपात देता है। यह अनुपात 1.33 बिलियन की जनसख्या के अनुसार है।
डब्लु एच ओ 1000 की जनसँख्या पर 1 डॉक्टर का अनुपात निर्धारित करता है। भारत के परिपेक्ष्य में यह अत्यंत ही कम है। अन्य देशों जैसे की ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, चीन, फ़्रांस आदि में आंकड़े भारत की तुलना में अत्यंत ही ज्यादा बेहतर हैं। डॉक्टरों को तैयार करने के लिए शिक्षा एक अहम् बिंदु है तो वहीँ भारत में कुल 479 मेडिकल कॉलेज हैं जिनकी क्षमता करीब 67,218 है अतः यह भी कहा जा सकता है की मेडिकल की शिक्षा की तरफ ध्यान आकर्षित करने की अत्यंत ही महत्वपूर्ण आवश्यकता है। भारत में यदि शहर और ग्राम के अनुसार अस्पतालों की संख्या और उनमे रखे बिस्तरों की संख्या देखि जाए तो वह निम्नवत है-
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की संख्या 19810 है और उनमे रखे बिस्तरों की कुल संख्या करीब 279588 है। वहीँ अब शहरों की बात की जाए तो यह आंकड़ा इस प्रकार से है सरकारी अस्पताल 3772 और बिस्तरों की संख्या करीब 431173 है। इसके अलावां भारत में अन्य कई और प्रकार के सरकार द्वारा चलाये गए अस्पताल हैं जिनमे से आयुष द्वारा संस्थापित अस्पताल, सेना द्वारा स्थापित अस्पताल आदि आते हैं। भारत सरकार द्वारा जारी की गयी ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी के अनुसार 2016 तक प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्रों में करीब 3244 डॉक्टरों की कमी थी। ऐसे ही विभिन्न और प्रकार के अस्पतालों में भी डॉक्टरों की कमी को इंगित किया गया है। जब तक चिकित्सकों की संख्याबल में बढ़ोतरी नहीं की जाती तब तक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से निजात पाना टेढ़ी खीर नजर आता है। भारत एक युवा देश है यहाँ की ज्यादातर आबादी युवा ही है ऐसे में स्वास्थ्य के आंकड़ों में निर्धारित मानक के अनुरूप जोड़ा जाना एक महत्वपूर्ण कार्य हो जाता है।
सन्दर्भ:
1. https://bit.ly/2WJFSVY
2. https://www.worldatlas.com/articles/countries-with-the-most-doctors-per-capita.html
3. https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1539877
4. https://bit.ly/2JR3u5G
चित्र सन्दर्भ:
1. https://pixabay.com/photos/hospital-surgery-medical-health-721240/
2. http://www.balrampurhospital.com/About.aspx
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