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भारतीय संस्कृति में हर्षोल्लास की अभिव्यक्ति का पहला माध्यम भोजन होता है अर्थात जीवन की हर खुशी जैसे जन्म, विवाह इत्यादि के जश्न में खाना, दावत के अतिरिक्त अन्य कोई अपेक्षा नहीं की जाती है। भोजन हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का भी सबसे बड़ा माध्यम है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध व्यंजन जैसे गुजरात का ढोकला, मुंबई की पावभाजी, राजस्थान की दाल बाटी इत्यादि।
भारतीय भोजन के इतिहास की बात की जाए तो यह विभिन्न संस्कृतियों की आवश्यकता और विरासत के समय पर किए गए आविष्कारों से जुड़ी हुई है। जैसे कि कुछ व्यंजनों का आविष्कार जनता के लिए किया गया जबकि कुछ अन्य को भौगोलिक क्षेत्रों से लिया गया था। भारतीय भोजन के कई ऐसे रोचक इतिहास अभी भी अनसुने हैं। तो चलिए जानते हैं लखनऊ में उत्पन्न हुई दम बिरयानी या अवध की बिरयानी के इतिहास के बारे में।
इसकी उत्पत्ति के बारे में कई कहानियां है, लेकिन सबसे लोकप्रिय कहानी नवाब असफ-उद-दौला (1700 के दशक के अंत में अवध के वज़ीर या शासक) से जुड़ी हुई है। 1784 के दौरान अवध प्रान्त में लोग भुखमरी से मर रहे थे, जिसकी वजह से स्थिति इतनी गंभीर हो गयी थी कि किसी के पास भी खाने के लिये कुछ नहीं था। तब असफ-उद-दौला ने स्थिति को सुधारने तथा लोगों को रोज़गार देने के लिए बड़ा इमामबाड़ा की इमारत का निर्माण प्रारंभ करवाया।
लोगों को दिन और रात में खाना खिलाने के लिए, रसोइयों ने दम पुख्त की विधि को नियोजित किया, जिसमें मांस, सब्जियां, चावल और मसालों को एक साथ बड़े बर्तनों में ढक कर धीमी आंच पर पकाया गया। खाना पकाने की इस सुविधाजनक प्रक्रिया की मदद से अत्यधिक मसाले का उपयोग किए बिना बड़ी संख्या में श्रमिकों को स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया गया था। वहीं इस प्रक्रिया को ‘दम’ के नाम से जाना जाने लगा।
एक दिन इस व्यंजन के पकते समय नवाब को इसकी खुशबू आई तथा उन्होंने अपने शाही बावर्चियों को वही व्यंजन शाही रसोई में बनाने का निर्देश दिया। शाही बावर्चियों ने इसी तकनीक का इस्तेमाल करके तथा कुछ शाही तरीके इसमें मिश्रित करके व्यंजन तैयार किया तथा उसके बाद दम बिरयानी शाही दरबारों और उच्च वर्ग के लोगों के बीच भी लोकप्रिय हुई। इसके बाद इसे हैदराबाद, कश्मीर, भोपाल आदि की शाही रसोइयों में भी बनाया गया।
दम बिरयानी को बनाने की प्रक्रिया काफी सरल होती है
इसके लिए प्याज़ को हल्का सुनहरा होने तक भूनें। हरी मिर्च और अदरक को काट लें। मलाई और मक्खन को गरम करें (2 मिनट के लिए) और इसे एक तरफ रख दें। अब दही के साथ घी, अदरक-लहसुन का पेस्ट (Paste), जावित्री, साबुत मसाले, पीली मिर्च पाउडर (Powder), धनिया और जीरा पाउडर और प्याज़ का उपयोग करके मटन को पकाएं। इसमें हरी इलायची पाउडर, कटा हुआ पुदीना, अदरक और हरी मिर्च और क्रीम-मक्खन का मिश्रण मिलाएं।
चावल पकाने के लिए, थोड़ा सा घी, और 1 या दो टुकड़े लौंग, दालचीनी, इलायची, तेज़ पत्ता, पुदीना के पत्ते और नमक डालें। इसे 50% तक पकाएं। इसके बाद मटन के आधे हिस्से को पहली परत के रूप में रखें, दूसरी परत के रूप में आधे चावल डालें। इसी तरह, शेष मटन को तीसरी परत के रूप में और शेष मटन को चौथी परत के रूप में रखें। अब, मलाई-मक्खन के मिश्रण के साथ केसर मिलाएं और इसे फैलाएं। ढक्कन लगाकर इसे गेहूं के आटे के लेप से बंद कर दें। अंतः धीमी आंच पर इसे पकाएं।
संदर्भ:
1. http://www.grmrice.com/origin-of-dum-biryani/
2. https://www.indianeagle.com/travelbeats/indian-food-history/
3. https://bit.ly/2kk7LF9
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