समयसीमा 229
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 963
मानव व उसके आविष्कार 757
भूगोल 211
जीव - जन्तु 274
स्मार्ट सिटी योजना (Smart Cities Mission) भारत में 100 शहरों के निर्माण के लिए एक शहरी विकास कार्यक्रम है। इसे 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किया गया था। स्मार्ट सिटी योजना का उद्देश्य देश के इन शहरों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना और नागरिकों को एक स्वच्छ और स्थायी वातावरण प्रदान करना है। इन 100 स्मार्ट शहरों में बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन स्तर का विकास किया जायेगा और इसके लिए आवश्यक सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। इस प्रकार इन शहरों के विकास से बेहतर अजीविका की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में प्रवास कम किया जाना इस योजना के उद्देश्यों में से एक है। स्मार्ट सिटी योजना स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए बनाया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन में उत्तर प्रदेश के 11 शहर शामिल हैं। यह पांच साल का कार्यक्रम है जिसमें सभी भारतीय राज्यों (पश्चिम बंगाल को छोड़कर) और केंद्र शासित प्रदेशों का कम से कम एक शहर अवश्य भाग ले रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन में सूचिबद्ध किए गए उत्तर प्रदेश के शहरों की सूची इस प्रकार है:
1. आगराइन शहरों में से लखनऊ पूरे उ.प्र. में योजना आयोजन का केंद्र माना जाता है। साथ ही साथ ये शहर आज भारत में ग्रामीण से शहरी प्रवास की भारी चुनौती का सामना भी कर रहा है। हालाँकि उत्तर प्रदेश 630 नगरपालिकाओं के साथ देश की सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है, लेकिन यह शहरीकरण के स्तर में 23 वें स्थान पर है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां 32.45% शहरी आबादी वाला पश्चिमी क्षेत्र सबसे अधिक शहरीकृत है और 13.40% शहरी आबादी वाला पूर्वी क्षेत्र सबसे कम शहरीकृत है। अध्ययन से पता चलता है कि उ.प्र. में समय के साथ-साथ बड़े शहरों (वर्ग -1) में जनसंख्या की वृद्धि दर हर वर्ष बढ़ती ही जा रही है। 1951 में वर्ग -1 के शहरों की शहरी आबादी 33.71% थी जो 2011 में बढ़कर 60% हो गयी।
इस प्रकार शहरी आबादी के वितरण के विश्लेषण से पता चलता है कि राज्य में शहरीकरण की प्रक्रिया बड़े शहरों के लिए अनुकूल रही है। नतीजतन, बड़े शहरों में जनसांख्यिकी वृद्धि के कारण शहरी आर्थिक और बुनियादी संरचना अधिक से अधिक मजबूत होती जा रही है, जो राज्य भर के प्रवासियों को आकर्षित करती है। राज्य में शहरीकरण तेजी से होता जा रहा है और ये जरूरी भी है क्योंकि ये आजीविका कमाने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार, शहरीकरण के बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी उद्यमिता और रोजगार के लिए रास्ते खुलते जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी के उद्देश्य की पूर्ति हेतु भले ही कई कदम उठाये जा रहे हैं किंतु धरातलीय स्तर पर देखा जाए तो अभी भी कई आधारभूत चरणों में कार्य करने की आवश्यकता है। जिसके लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता मुहैया करानी होगी।
यह पहली बार है जब शहरी विकास मंत्रालय ने अपनी परियोजना में शहरों के चयन के लिए साधन के रूप में एक प्रतियोगिता-आधारित पद्धति का प्रयोग किया और क्षेत्र-आधारित विकास रणनीति को अपनाया है। सभी चुने गये शहरों ने राज्य स्तर पर अपने ही राज्य के भीतर स्थित अन्य शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा की। फिर राज्य स्तरीय विजेता ने राष्ट्रीय स्तर की स्मार्ट सिटी चुनौती का मुकाबला किया जिसमे सभी राज्यों के विजेता शहर प्रतिभागी थे। केवल एक विशेष दौर में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले शहर मिशन का हिस्सा बनाये गये। कार्यान्वयन के दौरान भी, यदि कोई नगर पालिका या किसी भी शहर के महापौर अपने शहर क्षेत्र विकास योजना के अनुसार प्रगति नहीं दिखाते हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें दूसरे शहर से बदल दिया जायेगा या अगले वित्तीय सहायता का भुगतान प्रदान नहीं किया जायेगा।
शहर योजना (City Planning) और क्षमता निर्माण (Capacity building)महामहिम मुख्यमंत्री ने प्रदेशों के शीर्ष-निर्वात राजनैतिक संगठनों के विचारों का चयन किया है। कार्यक्रम द्वारा चयनित प्रमुख और निचली शहरी नीतियाँ (TOP-DOWN URBAN POLICIES) के विचारों को शहरों द्वारा स्वमूल्यांकन में शामिल किया गया है। हो सकता है, देश के 70-80% शहरों में महायोजना (Master Plan) या नागरिक विकास योजनाएं न हों। इसके अतिरिक्त, एम्बुलेंस (Ambulance) परियोजनाएं, कौशल और उन्नत व्यवस्था के अभाव में समाप्त हो रही हैं। क्षमता निर्माण कार्यक्रम के आधार पर छात्रों के लिए प्रशिक्षण, ज्ञान साझा करने, नियमित अनुसंधान, और भवन निर्माण के लिए कोषीय सहायता प्रदान करना भी स्मार्ट सिटीज मिशन का एक संकल्प है।
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.