क्या है वट और पीपल वृक्ष में अंतर ?

पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें
29-04-2019 11:30 AM
क्या है वट और पीपल वृक्ष में अंतर ?

क्या आपको भी कभी ऐसा लगा है कि पीपल और बरगद के पेड़ के बीच काफी समानताएं है? तो आप गलत नहीं है, हकीकत में इन दोनों पेड़ों के प्रजाति काफी सामान है, इन दोनों पेड़ों के वैज्ञानिक नामों में भी बहुत समानताएं है – बरगद के पेड़ का वैज्ञानिक नाम फिकस बेंघालेंसिस (Ficus benghalensis) है जिसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई थी, इस पेड़ को हम बनियान का पेड़ भी कहते है जिसके पीछे बहुत रोचक कहानी है, पूर्व समय में बनियान (बरगद का पेड़) के पेड़ के नीचे बैठ कर ही हमारे गुजरात के बनिया समुदाय के लोग अपना व्यापार किया करते थें जिस कारण 1599 इसवी में पुर्तगाल (Portugal) के लोगों नें बनिया समुदाय को संबोधित करते हुए इस पेड़ का नाम बनियान का पेड़ रख दिया। 16वी शताब्दी तक तो अंग्रेज इस पेड़ को यह कह कर संबोधित करने लगे जिसकी छाव के नीचे बैठ कर हिन्दू व्यापारी अपना व्यापार चलते है। बरगद का पेड़ अपनी जड़ों से शाखाएँ उत्पन्न करता है और यह अन्य पेड़ों के ऊपर या कही दरारों में भी अपने बीज की सहायता से उग जाता है। इस पेड़ के बीज, मेजबान पेड़ के भीतर नमी और गर्मी से पोषित हो जाते हैं, इसके बीज जल्दी से अंकुरित होते हैं और छोटी शाखाओं को विकसित करते हैं। ये शाखाएँ लंबी जड़ो में विकसित हो जाती है , एक बार जब ये जड़ें जमीन पर पहुंच जाती हैं और पृथ्वी में एक मजबूत पकड़ प्राप्त कर लेती हैं, तब यह एक मजबूत तना बन जाता हैं जो खुद को मेजबान वृक्ष के तने के चारों ओर मजबूती से लपेट लेती हैं। पूर्वी भारत में कोलकाता के बॉटनिकल गार्डन (botanical garden) में, एक 250 साल पुराना बरगद का पेड़ दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा पेड़ है,परन्तु 1919 में एक बिजली गिरने से यह पेड़ नष्ट हो गया था और तब से यह सड़ चुका है, लेकिन लगभग 1,825 जड़ें पेड़ों में उग आई हैं, जो आज 25 मीटर ऊंची है और लगभग 1.5 हेक्टेयर (3.7 एकड़) के बराबर 14,000 वर्ग मीटर से अधिक के क्षेत्र को घेरती है।

अगर पीपल के पेड़ की बात करें तो जहाँ सभी पेड़ दिन के वक़्त प्रकाश संश्लेषण (इस विधि से पेड़ अपने लिए सूर्य के प्रकाश के मदद से भोजन का प्रबंध करते है) करते है, पीपल का पेड़ इससे बिलकुल विपरीत अपने किशोर अवस्था में रात को प्रकाश संश्लेषण करते है। पीपल के पेड़ को अन्य कई नामों से जाना जाता है जैसे इसे बोधि का पेड़ (क्यूंकि गौतम बुद्ध ने पीपल के पेड़ के नीचे ही प्रबोधन (Enlightenment) प्राप्त किया था।)भी कहते है, और हमारे भारत और नेपाल में इस पेड़ के धार्मिक महत्व के कारण इसे अश्वत्था पेड़ के नाम से भी जाना जाता है। यह वृक्ष औषधीय महत्व का भंडार है और इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है, उत्तराखंड के हरिद्वार में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के आचार्य बाल कृष्ण के अनुसार यह वृक्ष एक साधारण बीमारी से लेकर अस्थमा (Asthma), त्वचा रोग, किडनी रोग, कब्ज और विभिन्न रक्त संबंधित समस्याओ का उपचार करता है। पीपल के पेड़ के पत्तों में ग्लूकोज (Glucose) और मेनोस (Mennos), फेनोलिक (Phenolic) होते हैं, जबकि इसकी छाल विटामिन के (Vitamin K), टैनेन (tainen) और फेटोस्टेरोलीन (Phaetosteroline) से भरपूर होती है।

आचार्य बाल कृष्ण ने पीपल के उपयोग के लिए निम्नलिखित औषधीय युक्तियाँ दी है जो इस प्रकार है:

1.रक्तस्राव दस्त के लिए
2.अपर्याप्त भूख के लिए
3.पेट दर्द के लिए
4.अस्थमा के लिए
5.सांप के काटने पर जहर के असर को कम करने के लिए पीपल के पत्तों का 2-2 चम्मच रस तीन से चार बार दें।
6.त्वचा रोगों के लिए
7.रक्त शुद्धि के लिए
8.कब्ज के लिए
9.यकृत और प्लीहा की बीमारी के लिए
10.स्प्लीन(spleen) में सूजन के लिए
11.हिचकी के लिए
12.आंखों के दर्द के लिए

पवित्र बोधि वृक्ष

हिंदुओं के लिए, बरगद और पीपल दोनों ही वृक्ष शक्तिशाली भगवान विष्णु के प्रतीक हैं - मित्र और मानव जाति के संरक्षक।बोधि वृक्ष बौद्ध धर्म में कई प्रतीकों का प्रतिनिधित्व करता है ,बौद्धों के लिए, पीपल मोक्ष का प्रतीक माना जाता है वह बोधि वृक्ष जिसके नीचे बुद्ध को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार, बुद्ध ने इस पेड़ के नीचे बैठकर सात सप्ताह (49 दिन) तक बिना रुके ध्यान लगाया। बोधगया में, बोधि वृक्ष आज भी है जिसके नीचे बैठके बुद्ध ने आत्मज्ञान को प्राप्त किया।

संदर्भ:

1. https://en.wikipedia.org/wiki/Banyan#Etymology
2. https://www.quora.com/Are-Banyan-trees-and-Peepal-trees-the-same
3. https://bit.ly/2L5X2L4
4. http://kajhalberg.dk/en/plants/pipal-and-banyan-two-sacred-fig-trees/
5. https://www.thehindu.com/thehindu/2001/10/13/stories/13131101.htm

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.