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लखनऊ एक भव्यता से भरा शहर है, जिसमें घूमने के लिए ब्रिटिश वास्तुकला के शानदार उद्यान और पुराने मकबरे, पुरानी इमारते आदि शामिल हैं। लेकिन सिर्फ आकर्षक जगहों की यात्रा करके कुछ तस्वीरें खींचना कितना नीरस सा लगता है। तो आप सर्दियों के मौसम में लखनऊ से बाहर के पर्यटक क्यों नहीं बनते? यदि आप इस मौसम को थोड़ा मनोरंजक, यादगार बनाना चाहते है और घूमने का प्लान बना रहे है, तो चलिए इस बार आपको सर्दियों का मज़ा लेने के लिए कुछ अलग जगहों की ओर ले चलते हैं।
हम इस मामले में खुशनसीब है कि हमारे देश में पहाड़ तथा जंगल से लेकर समुद्री जगह सब कुछ है। इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों के कारण भारत की दुनियाभर में एक अलग पहचान है। यदि आप सर्दियों के मौसम में बर्फबारी और एडवेंचर (Adventure) का लुफ्त उठाना चाहते हैं, तो पेश है सर्दियों के माह में छुट्टियां बिताने के लिए शीर्ष भारतीय पर्यटक स्थल:-
चादर ट्रेक:
चादर ट्रेक भारत का एक रोमांचक व साहसिक ट्रेकिंग रूट (treking root) है, जिसे केवल सर्दियों में ही किया जाता है, क्योंकि इस दौरान यहां हर जगह बर्फ ही बर्फ बिछ जाती है। चादर ट्रेक जमे हुई जांस्कर नदी है, जोकि लद्दाख क्षेत्र के ज़ंस्कार घाटी में सर्दियों के दौरान एक दुर्गम यात्रा मार्ग बन जाता है। इस क्षेत्र की समुद्र तल से अधिकतम ऊंचाई लगभग 10, 900 फीट है। यदि आप यहां आने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे कि यहां का तापमान शून्य से कम होता है, परंतु आपको यहां रातें बिताने के लिये गुफाएं या स्थानीय लोगों द्वारा प्रदान की गई जगह और लद्दाखी भोजन आसानी से मिल जाएगा।
कुआरी पास ट्रेक:
कुआरी पास ट्रेक एक अद्भुत यात्रा है जो यात्रियों को हिमालयी चोटियों की सबसे अविश्वसनीय जगहों का नजारा प्रदान करता है। यह मार्ग चौखम्बा रेंज, मना, कामेट तथा अबी गामिन और तिब्बत सीमा तक फैला हुआ है। यहां से आप ऋषि पहाड़, नीलकंठ, दूनागिरी, नंदा घुंटी, द्रोणागिरी जैसे शिखर भी देख सकते है। इस जगह को पूर्व ब्रिटिश वायसराय के सम्मान में लॉर्ड कर्जन ट्रेल के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र की समुद्र तल से अधिकतम ऊंचाई लगभग 12,763 फीट है और इस ट्रेक को पूरा होने में लगभग 5 दिन लगते हैं। यह यात्रा हरिद्वार रोड़ से जोशीमठ पहुंचने के बाद, ढाक गांव से शुरू होती है। जोशीमठ पहुंचने पर आप अपने तम्बू, एक गाइड और भोजन की आपूर्ति की व्यवस्था कर सकते है।
पराशर झील ट्रेक:
प्राकृतिक सौन्दर्य का पर्याय पराशर झील हिमाचल का ही नहीं भारत वर्ष का भी एक बहुत ही खुबसूरत पर्यटन स्थल है l साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी कम नहीं है l यहाँ पर झील के पास ही आपको तीन मंजिला पगोडा मिलेगा, यह मंदिर पराशर ऋषि को समर्पित है जिनहोने यहाँ ध्यान किया था। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 8,477 फुट हैl यह यात्रा बग्गी गांव से शुरू होती है और इसे पूरा करने में लगभग 3 दिन लग जाते हैं। झील के चारों ओर घूमने से आसपास के शांति का रहस्यमय अनुभव मिलता है। यह यात्रा रोमांच से भरे होने के साथ साथ आध्यात्मिक यात्रा का भी अनुभव कराती है। यहां पहुचने पर आपको धौलाधार, पीर पंजाल और किन्नौर रेंज जैसी शानदार जगहें भी देखने को मिल सकती है।
केदारकंठ ट्रेक:
हिमालय का केदारकंठ ट्रेक, जोकि आपको सफेद बर्फ से सम्मोहित कर लेता है, यह समुद्र तल से 12,500 फीट ऊपर स्थित है। आपको यहां साल भर बर्फ की चोटियां देखने को मिलेगी। यहां ट्रेक आपको गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के समृद्ध और संरक्षित वनस्पतियों और जीवों के माध्य से ले जाता है, जिनको देखने का आंनद आप भी ले सकते है। यहां पर पहुंचने के बाद आपको स्वर्गारोहिणी, बंदरपूंछ, ब्लैक पीक (balck peak) इत्यादि के सबसे खूबसूरत दृश्य भी देखने को मिल सकते हैं। यहां पर गाइड को किराए पर लेना हमेशा अच्छा होता है, और इस तरह की यात्रा की योजना बनाते समय पेशेवर की मदद लेनी चाहिए भी।
दयारा बुग्याल:
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित दयारा बुग्याल समुद्र सतह से 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। दयारा बुग्याल में सर्दियों के समय खूबसूरत घास के मैदान और जंगल एक अद्भुत बर्फ परत से ढ़क जाते है। यह दृश्य बड़ा ही मनमोहक होता है।
संदक्फू:
संदक्फू पश्चिम बंगाल, भारत की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है। इसकी ऊंचाई 3,048 मीटर है, और यह ट्रेक भारत में सबसे पुराने ट्रेक मार्गों में से एक है। यह बहुत ही रोमांचक ट्रेक है, और इसे भारत के सबसे अच्छे ट्रेकिंग मार्गों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहां से आप एवरेस्ट और कंचनजंगा के दृश्यों का भी लुफ्त उठा सकते है।
नाग टिब्बा ट्रेक:
नाग टिब्बा 3.048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा यह मध्य हिमालय क्षेत्र में सबसे ऊंची चोटी है। नाग टिब्बा ट्रेक भारत में सबसे अच्छे ट्रेकिंग अनुभवों में से एक है। जब हिमालय में ट्रेकिंग की बात आती है तो नाग टिब्बा ट्रेक सबसे अच्छे स्थानों में से एक है। यह मसूरी के नजदीक स्थित। नाग टिब्बा रेंज तक वाहन की मदद से पहुंचा जा सकता है, और फिर आप यहां की आसपास की पहाड़ियों के दृश्य लुफ्त उठा सकते है। यह जगह नाग देवता का पौराणिक निवास स्थल भी माना जाता है।
डोडिटल ट्रेक:
डोडिटल प्रकृति प्रेमियों और साहसिक उत्साही लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। समुद्र तल से 13,615 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जिसमें ओक और बुरांस के पेड़ आदि शामिल है। इस यात्रा को पूरा करने में लगभग 5-6 दिन लगते हैं। यह पर एक पवित्र झील भी है जहां प्रसिद्ध हिमालयी गोल्डन महाशीर मछली पाई जाती है। ऐसा मानना है की इस भगवान गणेश का निवास है।
चोपता-चंद्रशिला ट्रेक:
गढ़वाल हिमालय के सबसे अद्भुत ट्रेकों में से एक में चोपता चंद्रशिला ट्रेक शामिल है। समुद्र तल से 12,877 फीट की अधिकतम ऊंचाई पर स्थित है, यह ट्रेक नंदा देवी, त्रिशूल और चौखंबा और केदारनाथ के चमकदार चोटियों के शानदार दृश्य पेश करता है। इसे भारत के "मिनी स्विट्जरलैंड" के नाम से भी जाना जाता है।
इनके अलावा आप ट्रेकिंग के लिये संदकफू ट्रेक, हर की दून ट्रेक, चंबा - डलहौजी ट्रेक तथा ज़ोंगरी आदि भी जा सकते है। तो, अपना बैग पैक करें, अपना कैमरा लें और इन प्राकृतिक स्थलों में से एक की ओर चल पड़े। और हाँ, अपना जरूरी समान ले जाना न भूलें क्योंकि आपको वहां उनकी आवश्यकता होगी।
संदर्भ:
1. https://www.indianholiday.com/blog/best-winter-treks-in-india/A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
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